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________________ साहित्य साधना गत तीन-चार वर्षो में, जबसे स्व० ब्र. शीतलप्रसाद जी की जन्म शताब्दी का अभियान चला है, लोगों में उनकी कृतियों के विषय में विशेष जिज्ञासा होती रही है / "वीर" में अ०भा० दि० जन परिषद के महामंत्री श्री हकूमचन्द्र जैन की विज्ञप्ति भी ब्रह्मचारी जी की रचनाओं के पुनः प्रकाशन के सम्बन्ध में प्रकाशित होती रही हैं किन्तु उसकी कोई विशेष प्रतिक्रिया देखने में नहीं आई। दो एक सज्जनों ने अवश्य लिखा है कि ब्र० शीतलप्रसाद जी की अमुक पुस्तक पुनः प्रकाशित होनी चाहिए, यथा प्रो० अनन्त प्रसाद जैन "लोकपाल" का सुझाव था कि उनकी समयसार टीका प्रकाशित की जाय, जो उन्होंने इस वर्ष अपने व्यय से प्रकाशित भी करा दी। __ ब्रह्मचारी जी का साहित्य विपुल है / जैनमित्र तथा अन्य पत्रों में प्रकाशित सैकड़ों लेखों के अतिरिक्त, लगभग पचहत्तर पुस्तकें उनके द्वारा रचित हैं / इनमें से 18 तो प्राचीन संस्कृते या प्राकृत ग्रंथों के अनुवाद-टीकादि हैं, शेष सब प्रायः मौलिक हैं और आध्यात्मिक, सैद्धान्तिक, धार्मिक, पौराणिक, भक्ति, ऐतिहासिक आदि विविध विषयों पर रचित हैं / बड़ी पुस्तकें भी हैं और छोटे-छोटे ट्रेक्ट भी हैं / सात पुस्तकें अंग्रेजी में है शेष सब हिन्दी में है,। कुछ के गुजराती आदि अन्य भाषाओं में अनुवाद भी हुए हैं। हमारी पीढ़ी के लोगों में से अनेकों ने ब्रह्मचारी जी के प्रायः सम्पूर्ण साहित्य को देखा है, पढ़ा है, पसन्द भी किया है, किन्तु गत 30-35 वर्षों में होश सम्हालने वाली पीढ़ियों में से शायद कुछ एक ही ऐसे होंगे जिन्होंने उक्त पुस्तकों को देखा या पढ़ा हो / इसमें सन्देह नहीं कि ब्रह्मचारी जी कि भाषा और शैली आज के युग के लिए पुरानी हो चली है / उनके साहित्य का एक बड़ा भाग समसामयिक महत्व का भी था, किन्तु ऐसा नहीं है कि उसमें स्थायी महत्व का कुछ नहीं है, अथवा आज के युग के लिए वह सर्वथा अनुपयोगी है यदि तीन-चार सुविज्ञ व्यक्तियों की एक समिति ब्रह्मचारी जी की समस्त कृतियों को मिलकर देखने का कष्ट करे तो ऐसी कई कृतियों के पुनः प्रकाशन एवं प्रचार की संस्तुति की जा सकती है। (34 )
SR No.032880
Book TitleSamajonnayak Krantikari Yugpurush Bramhachari Shitalprasad
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyotiprasad Jain
PublisherAkhil Bharatvarshiya Digambar Jain Parishad
Publication Year1985
Total Pages104
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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