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________________ 40] ससुराल जाते समय OCRACHECRECRECROXIMOCROCHOCHOCIEOCIEOCTOCS करती है, परंतु यह सब भूल हैं। इसलिये हवा और प्रकाश सब मकानोंमें पहुंचाना अत्यावश्यक हैं। रात्रिको उपरके भागमें रहनेवाली जालीदार खिडकियां हवाके लिये सदैव खुली रखना चाहिये ताकि सदैव स्वच्छ हवा आती जाती रहे और पक्षी तथा चोर आदिका भी भय न रहे। (23) कभी कभी घरकी व आसपास वस्तीकी हवा बिगड जानेपर घर व वस्ती कुछ समयके लिए छोड देना चाहिये, अथवा हवा शुद्ध करनेवाले सुगन्धित पदार्थोसे हवन कर पवन शुद्धि करना चाहिये। (24) जिस प्रकार हवा आवश्यक है उसी प्रकार पानीका भी ध्यान रखना चाहिये। पानी उत्तम जलाशयसे जहां मैला आदि वस्तुयें न पडती हो वहांसे मोटे कपडेके दो पर्त तक उससे छानकर लाना चाहिये और जीवानी उसी जलाशयमें पहुंचाना चाहिए पानीके बर्तन भूमिसे कुछ ऊंचाई पर रखना चाहिए। पानीमें जूठे बर्तन नहीं डुबोना चाहिये। पानीके बर्तन सदैव अंदरसे खूब खरोंचकर मांजना व धोना चाहिये। यदि पानीमें कुंछ वास (गन्ध) आती हो या रंगत दिखाई दे, तो उसे आगपर गरम कर फिर ठण्डा करके काममें लाना चाहिए। पानीके समान नहाने धोनेके लिये भी छना हुआ पानी आवश्यक है। मैंले कुचले हाथों व अपवित्र शरीरसे पानी नहीं लेना चाहिये और पानी छाननेका छन्ना,मैंला व फटा हुआ नहीं रखना चाहिए किन्तु सफेद स्वच्छ गाढेका होवे। (25) अधिक सोना, दिनको सोना व नियमानुसार न सोना, सबेरे सूर्योदयके पीछे बहुत समय तक सोते रहना और रात्रिको विशेष जागना भी स्वास्थ्यको हानिकारक है।
SR No.032878
Book TitleSasural Jate Samay Putriko Mataka Updesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipchand Varni
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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