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________________ 28] ससुराल जाते समय SOSEXSHOUSEXIESESEOSES SECSECSEX 3800g माताकी शिक्षा बेटी! जब ससुराल जाना, मत करना अपना मन माना। करना जो सो सासु सिखावे, या जेठानी ननद बतावे॥ जो हां घरमें जेठ जेठानी, करना उनहीकी मनमानी। उनकी सेवा बन आवेगा, तो तू सुख सम्पति पावेगी॥ जेठो ननद सासु जेठानी, इन सबको तू समझ सयानी। उनकी आज्ञा पालन करना, वधू-धर्म यह मनमें धरना। जितने जेठे होवें घरपर, उन्हें समझना पिता बराबर। उनकी आज्ञा शिर पर धरना, मानी है सुखसे धार भरना। जो सौभाग्यसे हो देवरानी, करना प्रेम बहिन सम जानी। उसको उत्तम काम सिखाना, अपने कुलकी चाल बताना। देवरको लखना लघुभाई, आदर करना प्रेम जनाई। उनके दुःखमें दुःख मनाना सुखमें मिल आनन्द बढ़ाना। जब तुम उनसे काम कराना, अपना बडप्पन नहीं जताना। प्रेम सहित धीरे मुसक्या कर, आज्ञा देना शील जताकर॥ ऐसा करने से देवरानी, बात करेगी सब मनमानी। देवर भी आज्ञा मानेंगे, तुमको गृह देवी जानेंगे। छोटी ननंद बहिन है छोटी, उससे बात न करना खोटी। प्रेम सहित उसको आदरना, द्वेष विरोध कभी नहीं करना। यदि सुभाग्यवश तेरे घर पर, होवें नौकर चाकर। उनपर कभी न क्रोध जताना, कभी नहीं दुर्वचन सुनाना॥ शांत भावसे आज्ञा देना, जो कुछ कहे उसे सुन लेना। उनका उचित प्रार्थना सुनकर उचित होय सो करना गुनकर॥ समय समझकर डाट बताना, उनको मुंह नहीं कभी लगाना। उनके बच्चोंपर सुदया कर, कभी कभी करना कुछ आदर॥
SR No.032878
Book TitleSasural Jate Samay Putriko Mataka Updesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipchand Varni
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages52
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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