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________________ जैन परम्परा में योग (32) मारणान्तिक आराधना—तप द्वारा शरीर एवं कषायों को क्षीण करना / ___ उपर्युक्त योग-संग्रह में निर्ग्रन्थाचार एवं निर्वाण-मार्ग से सम्बन्धित विभिन्न साधनापद्धतियों का संकलन है। इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण एक अन्य संकलन हमें उत्तराध्ययन के सम्मत्तपरिक्कम नामक उनतीसवें अध्ययन में उपलब्ध है, जिसमें 73 पद हैं, जिन्हें 16 गुच्छकों में निम्नोक्त प्रकार से विभाजित किया जा सकता है(१) संवेग-गुच्छक-१. संवेग, 2. निर्वेद, 3. धर्मश्रद्धा, 4. गुरु-सार्मिक शुश्रूषा। (2) आलोचना-गुच्छक–५. पालोचना, 6. निन्दा, 7. गर्दा / (3) आवश्यक-गुच्छक-८. सामायिक, 6. चतुर्विंशति-स्तव, 10. वन्दना, 11. प्रतिक्रमण, 12. कायोत्सर्ग, 13. प्रत्याख्यान / (4) स्तव-स्तुति-गुच्छक–१४. स्तव-स्तुति-मंगल, 15. काल-प्रतिलेखन, 16. प्रायश्चित्तकरण, 17. क्षमापना। (5) स्वाध्याय-गुच्छक-१८. स्वाध्याय, 16. वाचना, 20. प्रतिपृच्छना, 21. परिवर्तना, 22. अनुप्रेक्षा, 23. धर्मकथा, 24. श्रुत आराधना। (6) एकाग्रमनःसन्निवेश-गुच्छक-२५. एकाग्रमनःसन्निवेशन, 26. संयम, 27. •तप, 28. व्यवदान / (7) सुखशात-गुच्छक- 26 सुख की स्पृहा का त्याग, 30. अप्रतिबद्धता. 31. विविक्त शयनासन सेवन, 32. विनिवर्तना। (8) प्रत्याख्यान-गुच्छक-३३. सम्भोग-प्रत्याख्यान, 34. उपधि-प्रत्याख्यान, 35. आहार-प्रत्याख्यान, 36. कषाय-प्रत्याख्यान, 37. योग-प्रत्याख्यान, 38. शरीर-प्रत्याख्यान, 36. सहाय-प्रत्याख्यान, 40. भक्त-प्रत्याख्यान, 41. सद् भाव-प्रत्याख्यान / (9) प्रतिरूपता-गुच्छक-४२. प्रतिरूपता, 43. वैयावृत्त्य, 44. सर्वगुण-सम्प न्नता, 45. वीतरागता / (10) क्षान्ति-गुच्छक-४६. क्षान्ति, 47. मुक्ति, 48. आर्जव, 46. मार्दव / (11) सत्य-गुच्छक-५०. भाव-सत्य, 51. करण-सत्य, 52. योग-सत्य / (12) गुप्ति-गुच्छक-५३. मनोगुप्तता, 54. वाक्-गुप्तता, 55. काय-गुप्तता। (13) समाधारणता-गुच्छक-५६. मनःसमाधारणता, 57. वाक्-समाधारणता, . 58. कायसमाधारणता / (14) त्रिरत्न-गुच्छक -56. ज्ञान-सम्पन्नता, 60. दर्शन-सम्पन्नता, 61. चारित्र सम्पन्नता / (15) इन्द्रिय-निग्रह-गुच्छक-६२. श्रोत्रेन्द्रिय-निग्रह, 63. चक्षुरिन्द्रिय-निग्रह, 380
SR No.032865
Book TitleJaina Meditation Citta Samadhi Jaina Yoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathmal Tatia
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1986
Total Pages170
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari & Book_English
File Size12 MB
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