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________________ ( 202 ) उनकी मुख मुद्रा से उनकी आन्तरिक शक्ति' का पता चलता है। उनके व्यंग्य अपने विष के लिये अमर हैं / विरोधी के प्रति लोहे की भाँति राख्त / इसीलिये उनसे छेड़खानी करने की हिम्मत लोगों को नहीं होती। विरोधी जानते हैं कि वह पीछे पड़ गये तो हमारी खैर नहीं। संकेत-मालूम होता है कि...""तत्त्वों का बना है-अस्य महाजनस्य हृदयं कालायसेनेद घटितमिति प्रत्ययो जायते / उसका चेहरा....."तदाननं प्रतिमानमिव कठिनम् / जिस चीज को हाथ में लिया....."यदुपक्रमते न तदनवसाय्य विरमति (न तदनिर्वाह्योपरमति), न चान्यत्रमना भवति / युद्ध को देखकर......"सम्पातं सम्प्रेक्षमाणः सोभतेनाविश्यते भावेन / छाती में........ उगलनेवाली-वक्षसि मारुतस्येव रंहः, बाह्वोः कियानपि परिस्पन्दः, चित्तेऽत्यारूढमनोरथोल्लासः, वाचि च ज्वलनज्वालोद्गारः / अभ्यास-४६ जगह-जगह सभायें और जलसे हुए और न्यायालय के निश्चय पर असन्तोष प्रकट किया गया। परन्तु सूखे बादलों से पृथिवी की तृप्ति तो नहीं होती। रुपये कहाँ से आवें और वे भी एकदम से बीस हजार ! आदर्श पालन का यही मूल्य है२, राष्ट्र-सेवा महँगा सौदा है३ / 20 हजार ! इतने रुपये तो कैलाश ने शायद स्वप्न में भी न देखे हों और अब देने पड़ेंगे। उसे अपने पत्र में रोना रोकर चन्दा एकत्र करने से घृणा थी। मैंने अपने ग्राहकों की अनुमति लेकर शेर से मोर्चा नहीं लिया था। मैनेजर की वकालत करने के लिये मेरी गर्दन किसी ने नहीं दबाई थी। मैंने अपना कर्तव्य समझ कर ही शासकों को चुनौती दी / जिस काम के लिये मैं अकेला जिम्मेदार हूँ उसका भार अपने ग्राहकों पर क्यों डालूँ ? यह अन्याय है / सम्भव है जनता में आन्दोलन करने से दो-चार हज़ार रुपये हाथ आ जावें, पर यह सम्पादकीय आदर्श के विरुद्ध है / इससे मेरी शान में बट्टा लग जाता है / दूसरों को क्यों, यह कहने का मौका दूं कि 'दूसरों के बल पर फुलौड़ियाँ खाई तो कौन बड़ा जग जीत लिया। जब 1-1. प्रान्तरी शक्तिः, अन्तःसारः / आन्तरिक व प्राभ्यन्तरिक कोई प्रयोग नहीं / 2-2. निष्कृतिरेषा चरितौदार्यरक्षायाः (......."उदात्तचारित्ररक्षणस्य) 3-3. अति हि मूल्यं (महान्नाम दमः) राष्ट्रसेवायाश्चरितायाः / 4-4. आह्वये / ५-प्रतिभूः / 6-6. इदं तु सत्तमं सम्पादकाचर्यमाचारं विरुन्धे /
SR No.032858
Book TitleAnuvad Kala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorCharudev Shastri
PublisherMotilal Banarsidass Pvt Ltd
Publication Year1989
Total Pages278
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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