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________________ नित्य नियम पूजा जयमाला दोहा-दशलच्छन वंदौं सदा, मनवांछित फलदाय / कहों आरती भारती, हम पर होउ सहाय // 1 // बेसरी छन्द उत्तम छिमा जहां मन होई, अन्तर बाहिर शत्रु न कोई / उत्तम मादेव विनय प्रकासे, नानाभेद ज्ञान सब भासे / / उत्तम आर्जव कपट मिटावे. दुरगति त्यागी सुगति उपजावे। उत्तम सत्य-वचन मुख बोले, सो प्रानी संसार न डोले / / उत्तम शौच लोभ-- परिहारी, संतोषी गुण रतन भंडारी उनम संयम पालै ज्ञाता, नरभव सफल करें ले साता / / उत्तम तप निरवांच्छित पाले सो नर करम-शत्र को टाले। उत्तम त्याग करे जो कोई, भोगभूमि-सुर-शिवमुख होई // 5 उत्तम आकिंचन व्रत धारै परम समाधिदशा विस्तारै : उत्तम ब्रह्मचर्य मन लागै, नरसुर सहित मुकतिफल पान। 6 दोहा-करे करमकी निरजरा, भव पीजरा विनाश / अजर अमरपदको लहै, 'द्यानत' सुखकी राश / / ॐ ह्रीं उत्तमक्षमा मार्दव, आर्जव, सत्य, शौच, संयम तप त्याग, आकिंचन्य, ब्रह्मचर्य दशलक्षणधर्मांगाय पूर्णाऱ्या निन० स्वाहा / रत्नत्राय पूजा दोहा-चहूँगति-फणि विष-हरन-मणि, दुःख पावक जलधार। शिव मुख-सुधा-सरोवरी, सम्यकत्रयी निहार // 1 //
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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