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________________ नित्य नियम पूजा मोती समान अखण्ड तन्दुल अमल आनन्द धरि तरौ / औएन हरो गुण करौ हमको, जोरकर विनती करौ ।सम्मेद३ ॐ ह्रीं श्री चतुर्विशति-तीर्थंकर निर्वाण-क्षेत्रोभ्यो अक्षतान् नि।। शभ फुलरास सुवासवासित, खेद सब मनकी हरी। दुखधामकामविनाश मेरो, जोरकर विनती करौ ।सम्मेद.४ ॐ ह्रीं श्री चतुर्विंशति-तीर्थंकर-निर्वाण-क्षेत्रोभ्यो पुष्पं निः // 4 // नेवज अनेक प्रकार जोग, मनोग धरि भय परिहरौं / मम भूख दुखन टार प्रभुजी, जोरकर विनती करी ।सम्मेद.५ ॐ ह्रीं श्री चतुर्विशति-तीर्थंकर-निर्वाण-क्षेत्रोभ्यो नैवेद्य नि० .5 // दीपक प्रकाश उजास उज्जवल, तिमिरसेती नहि डरौ / संशयविमोह विभरम तमहर, जोरकर बिनती करौ सम्मेह.६ ॐ ह्रीं श्री चतुर्विंशति-तीर्थीक र-निर्वाण-क्षेत्रेभ्यो दीपं नि० / 6 / शुभधूप परम अनूप पावन, भाव पावन आचरौ / सब करमपुज जलाय दीज्यो, जोरकर विनती करौ।सम्मेद.७ ॐ ह्रीं श्री चतुर्विंशति-तीर्थंकर-निर्वाण क्षेत्रेभ्यो धूप नि० // 7 // बहुफल मंगाय चढाय उत्तम, चारगतिसों निरवरी ! निहच मुकतिफल देहु मोकों जोरकर विनती करौ सम्मेद.८ ॐ ह्रीं श्री चतुर्विशति-तीर्थंकर-निर्वाण-क्षेत्रेभ्यो फलं नि० // 8 // जल गंध अक्षत फूल चरु फल, दीप धूपायन धरो / द्यानत करो निरभय जगतसों जोरकर विनती करौ सम्मेद. ॐ ह्रीं श्री चतुर्विंशति-तीर्थंकर-निर्वाण-क्षेत्रेभ्यो अध्यं नि० // 9 //
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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