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________________ नित्य नियम पूजा [23 ॐ द्रां द्रीं द्रावय द्रावय नमोऽहते भगवते श्रीमते ठः ठः मम श्रीरस्तु वृद्धिरस्तु पुष्टिरस्तु शांतिरस्तु कांतिरस्तु कल्याणमस्तु मम कार्यसिद्धयर्थं सर्वविघ्ननिवारणार्थ श्रीमदभगवतः सर्वोत्कृष्टत्रैलोक्यनाथाचितपादपद्मप्रसादात् सद्धर्मश्रीवलायुरारोग्यैश्वर्याभिवृद्धिरस्त स्वस्निास्त धनघान्यसमृद्धिरस्तु श्रीशांतिनाथो मां प्रति प्रसिदत, श्रीवीतरागदेवो मां पति प्रसिदत, श्रीजिनेन्द्र-परममांगल्यनामधेयो ममेहामुत्र च सिद्धि तनोतु, ॐ नमोऽहते भगवते श्रीमते चितामणो-पार्वतीर्थकराय रत्नत्रयरूपाय अनन्त चतुष्टयसहिताय धरणेंद्रफणामण्डलमण्डिताय समवशरण लक्ष्मीशोभिताय इन्द्रधरणेंद्रचक्रवादि--पूजितपादपद्माय केवलज्ञानलक्ष्मी--शोभिताय जिनराजमहादेवाय अष्टादशदोषरहिताय षट् चत्तारिंशत्गुणसंयुक्ताय परमगुरु परमात्मने विद्वाय वुद्धाय त्रैलोक्यपरमेश्वराय देवाय सर्वसत्वहितंकराय धर्मचक्राधीश्वराय सर्वविद्यापरमेश्वराय त्रैलोक्यमोहनाय धरणेद्रपद्मावनीसहिताय अतुलबलवीर्यपराक्रमाय अनेकदैत्यदानवकोटिमुकुटघृष्टपादपीठाय ब्रह्माविष्णुरुद्रनारदखेचरपूजिताय सर्वभव्यजनानन्द कराय सर्वरोगमृत्युघोरोपसर्गविनाशाय सर्वदेशग्रामपुर पट्टनराजा-प्रजाशांतिकराय सर्वजीवविघ्ननिवारणसमर्थाय श्रीपार्श्वदेवाधिदेवाय नमोस्तु श्रीजिनराजपूजन
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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