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________________ नित्य नियम पूजा [ 229 श्री विघ्नहर पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्रा महुवाकी पूजा / सुरत के पास महुवा (मधुपुर नगर) में यह अतिशय क्षेत्र है जहां बारडोली सुरत व नवसारी स्टेशनो से बसमें जाया जाता है, श्री विघ्नहर पार्श्वनाथकी 4 फीट ऊंची वेलुर पाषाणकी अतिशय युक्त प्रतिमाजी है। जिनके दर्शन करनेसे समस्त प्रकारके विघ्न संकट, मुसीबत, आपत्तियोंको दूर करती है, और मनवांछित मनोकामना. ओंको पूर्ण करती है। जिसकी यह पूजा श्री भट्टारकविद्याभूषगजीने बनवाई है / दोहा- महुवा नगर विराजते, पार्श्वनाथ जिनराय / विघ्नहर मंगल करण, भव भर होउ सहाय / ॐ ह्रीं महुवानगर विराजित श्रीविघ्नहर पार्श्वनाथ जिनेंद्र अत्रावतरावतर वौषट् इति आह्वाननं / अत्र तिष्ठ 2 ठः ठः प्रतिस्थापनं अत्र मम सन्निहितो भव२ वषट् सन्निधिकरणं / अष्टक / गंगा भरी झारी, सन्दर भरी, मीनाकारी सरस भरी / तामें गंगाजल, भरी अति निर्मल, परित मनसे हाथ भरी // पूजो प्रभु पारस, देत महारस, विघ्नहर जिन यश गाया। कमठा मद मारण, नाग उधारण संयम धारण तज माया। ___ ह्रीं श्री महुवानगर बिराजित श्री विघ्नहर पार्श्वनाथाय जिनेंद्राय जन्मजरामृत्युविनाशनाय बलं नि० स्वाहा /
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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