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________________ नित्य नियम पूजा आं क्रौं अत्रस्थ विजयभद्र-वीरभद्र--मणिभद्र--भैरवापराजित--पंचक्षेत्रपालाः इदं अध्यं पाद्य गंधं दीपं चरु बलि स्वस्तिकं अक्षतं यज्ञभागं च यजामहे प्रतिगृह्यतां प्रतिगृह्यतामिति स्वाहा // 10 // (दिक्पाल और क्षेत्रपालको पुष्पांजली) जन्मोत्सवादिसमयेषु यदीय कीतिः / सेन्द्राः सुराः प्रमदभारनता स्तुवन्ति // तस्याग्रतो जिनपतेः परया विशुद्धा / पुष्पांजलि मलयनाद्रिमुपाक्षिपेऽहम् // 11 // इति पुष्पांजलिः क्षिपेत् // 11 // ( कलशस्थापन और कलशोंमें जलधारा देना) सत्पल्लवार्चितमुखान् कलधौतरूप्य ताम्रारकूटघटितान् पयसा सुपूर्णान् / / संवाह्यतामिव गतांश्चतुरः समुद्रान् / संस्थापयामि कलशान जिनवेदिकांते // 12 // ॐ ह्रां ह्रीं ह्रह्रीं ह्रः नमोऽहते भगवते श्रीमते पद्म महापद्म तिगिच्छ केशरी पुण्डरीक महापुण्डरीक गंगा सिन्धु रोहिद्रोहिताच्या हरिरिकाम्ता सीता सीतोदा नारी नरकांता सुवर्णकूला रूप्यकूला रक्ता रक्तोदा क्षीराम्भोनिधिशुद्धजलं. सुवर्णघंट प्रक्षालित परिपूरित नवरत्नगन्धपुष्पाक्षताभ्यचितमामोदकं पवित्रं कुरु कुरु शो झों वं मं हं संतं पं द्रां द्रीं अ. सि आ उ साय नमः स्वाहा /
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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