SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 185
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 176 / नित्य नियम पूजा दोहा-हे माता मम उर विष पूरण तिष्ठो आय / रहे सदैव दयालुता कहता सेवक गाय / / इत्याशीर्वादः। शांतिपाठ संस्कृत। शातिजिनं शाश-निर्मल-पत्र, शील-गुण-व्रत संयम-पात्रं / अष्टशताचित-लक्षण गात्रं, नौमि जिलोत्तमम्बुज-नेत्रं // 1 // पच्चम भीप्सित-चक्रधराणा पूजितमिंद्र-नरेन्द्र गणेश्च / शांतिकरं गण-शांतिमभीप्सुः पोडश तीर्थंकरं प्रणमामि 12 दिव्य-तरूः सुर-पुष्प-सुवृष्टिर्दुन्दुभिरासन-योजन घोषो / आतपवारण-चामर युग्मे यस्य विभाति च मंडलतेजः / 3 // तं जगदचिंत शांति जिनेन्द्र शांतिकर शिरसा प्रणमामि / सर्वगणाय तु यच्छतु शांति मह्यमरं पठते परमां च / 41. येऽभ्यचिता मुकुट कुण्डल-हार-रत्नैः, शक्रादिभिः सुरगणै स्तुति-पाद-पद्माः / ते मे जिनाः प्रवर-वंश-जगत्प्रदीपा--- स्तीर्थंकराः सतत शांतिकरा भवन्तु / / 5 / / इन्द्रवज्रा। संपूजकानां प्रतिपालकानों यतीन्द्र सामान्य-तपोधनानां / देशस्य राष्ट्रस्य पुरस्य राज्ञः करोतु शांति भगवान जिनेन्द्रःक्षेम सर्व-प्रजानां प्रभवतु बलवान् धार्मिको भुमिपालः / काले काले च सम्यग्वषेतु मधवा व्याधयो यान्तु नाशम् / /
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy