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________________ नित्य नियम पूजा [ 149 -मणि दीप जगमग ज्योत तमहर, प्रभु आगे लाइये / अज्ञान नाशक जिन प्रकाशक,मोह तिमिर नसाइये ।रवि.दी] कृष्णा अगर घनसार मिश्रित लोंग चन्दन लेइये / ग्रहरिष्ट नाशन हेतु भविजन, धूप जिनपद खेइये रवि. घूर्ण बादाम पिस्ता सेव श्रीफल, मोच लिंबू सद फलं। चौबीस श्रीजिनराज पूजत,मनोवांछित शुभ फलं रवि. फलं जल गंध सुमन अखण्ड तंदुल, चरू सुदीप सुधूपकं / फल द्रव्य दूध दही सुमिश्रित, अर्घा देय अनुपकं रवि. अर्घ जयमाला दोहा-श्री जिनवर पूजा किये, ग्रहरिष्ट मिट जाय / पंच ज्योतिषी देव सब, मिल सेवे प्रभु पाय / पद्धरि छन्द जयजय जिन आदि महंत देव, जय अजित जिनेश्वर करहिंसेव जयजय संभव भव भय निवार, जयजय अभिनंदन जगत तार जय सुमति 2 दायक विशेष, जय पद्मप्रभ लख पदम लेष / जयजय सुपार्स हर कर्म पास, जयजय चंद्रप्रभ सुख निवास जय पुष्पदन्त कर कर्म अंत, जय शीतल जिन शीतल करंत जय श्रेय करन श्रेयांस देव, जय वासुपूज्य पूजत सुमेव / / जय विमल 2 कर जगतजीव, जय 2 अनन्तसुख अति सदीव जय धर्म धुरंधर धर्मनाथ, जय शांति जिनेश्वर मुक्तिसाथ / जय कुन्थुनाथ शिवसुखनिधान जय अरह जिनेश्वर मुक्तिखान जय मल्लिनाथ पद पद्म भास, जय मुनिसुव्रत सुव्रत प्रकाश
SR No.032857
Book TitleNitya Niyam Puja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Pustakalay
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages258
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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