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________________ अनसूयुरधःशायी ] श्लोकपादसूची [अनाथत्वं विपर्यये अनसूयुरधाशायी 12. 36. 3". अनसूयुरनुप्रष्टा 2.5.20. अनसूयुरपापस्थः 13. 110.20deg. अनसूयुरिदं शृणु 12. 128. 11'. अनसूयुजितक्रोधः 13. App. 3A. 556 pr. अनसूयुजितेन्द्रियः 12. 93. 11'. 13.2. 16. अनसूयुर्यथान्यायं 12.313. 17. अनसूयुस्त्वमप्यन्नं 13. 62. 43. अनसूयुः कृतज्ञश्च 3. 200. 400. अनस्तमित आदित्ये 7. 103. 43; 351*.1pr.; 1010*. 1pr. अनस्तंगत आदित्ये 7.95. 10%; 120. 18. अनवज्ञा नरा भुवि 7. 1308*. 1 post. अनस्वविदयं सर्वः 7. 160. 10. अनस्थिबन्धमेकं तु 13. App. 10. 264 pr. अनहंकार एव च 6. 35.8. अनहंकारमास्थितम् 12. App. 17C. 45 post. अनहंकारसंज्ञितम् 12.218. 38. अनाकाशगतं सर्व 12. App. 19.211 pr. अनाकाशं जनार्दनैः 10. 6. 17". अनाक्रन्दमनन्तरम् 12.69. 19. अनाक्रान्तं प्रपद्यन्तु 2. App. 41. 48 pr. अनागच्छत्सु पुत्रेषु 1. 181. 37. अनागतमतिकान्तं 2. 138*. 1 pr. 6. 11.24. 8. App. 5, 12 pr. 13. App. 15. 2210 pr., 2460 pr. अनागतमतीतं च 7. App.8.98 pr. 12. 83.8deg; 105. 274 अनागतमनर्थ हि 12. 135.7. अनागतमनैतिचं 12. 231. 2. अनागतविधाता च 12.307*. 1pr. अनागतविधातारः 12. 116. 16. अनागतविधानं तु 12. 135. 19". अनागतसुखाशा च 12. 138. 36. अनागतं च न ध्यायेत् 14. 46. 40% अनागतं चोपगतं च सर्वम् 1. 20. 11. अनागतं ज्ञायते यद्भविष्यम् 5. 24.7. अनागतं तु तत्सर्व 1. App. 81. 159A1pr. अनागतं ब्रिभिः 18. 5. 41". अनागतं यन्न ममेति विद्यात् 12. 105.220. अनागतं विजानीयात् 12. 138.354. अनागतं वै तव संप्रतीह 12,247. 13. अनागतं हि बुध्येत I. App. 81. 169 pr. अनागता तथोत्पन्ना 12. 136. 1". अनागतानतीतांश्च 14. 22. 250. अनागतानि कार्याणि 14. App. 4. 2203 pr. अनागतानेव तु तान्पृषत्कान् 7. 9.4.80 ; 115. 14. अनागतान्यतीतानि 12. 309. 84. अनागतान्येव शरैः 7. 17. 12. अनागतायां संध्यायां 3. 281. 81. 13. 107. 136. अनागताश्च बहवः 14. 93. 61. अनागतां न बुध्यसे 12. 309. 324. अनागतिं सुकृतिमतां परां गतिं 12. 199. 320. अनागतेन दुर्बुद्धि 1. App. 81. 150 pr. अनागतेन दुष्प्रज्ञं 12. 138. 16. अनागते वर्तमाने 12.5*. 1 pr. अनागमाय गच्छध्वं 3. 105. 17. अनागसमिहागतम् 3. 40. 10. अनागसं प्रजानानाः 2. 20.50. अनागसं प्रियां भार्या 3.74. 10%. अनागसं सदा द्वेषात् 5. 165. 10. अनागसः पितुः शापः 3. 291. 30. अनागसः मुविश्वस्तान् 1. 136. 136. अनागसि गुरौ यो मे I. 46. 100. अनागसोऽन्यमनसो 7. 961*. 2 pr. अनागसो भर्तृपराङ्मुखायाः 8. App. 31. 7. अनागस्त्वं तथा भ्रातुः 3. 139. 184. अनागःसु च पार्थयु 9.32. 39. अनागःस्वपि चागस्कृत् 7. 16. 129. अनागा येन निकृतः 3. 63. 16. अनागाः सर्वभूतेषु 3. 138. 11. अनागाः सुमहातपाः 3. 63.5". अनाचरन्तस्तद्धर्म 13. 23. 20%. अनाचरितमार्याणां 2. 41. 15. 8. 25. 8. अनाचारप्रवृत्तो व 2. 562*. 1 pr. अनाचारस्वधमति 3. 198,726. अना जन्मेति विश्रुतम् 3. 81. 674. अनाढया मानुषे वित्ते 5. 42.26". अनायाश्चापि जीवन्ति 12. 105. 230. अनानुरत्वाददते 5.36.65. अनात्मनस्तु शत्रुत्वे 6.28.6. अनात्मनि श्रुतं नष्टं 5. App. 1. 15 pr. अनात्मा ह्यात्मनो मृत्युः 12. 211. 234. अनात्मेति च यदृष्टं 12.212. 15. अनाथ इव दुर्बलः 3. 33, 134. अनाथ इव मे सुतः 9.55.4". अनाथत्वं विपर्यये 12. 708*. 1 post. -91
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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