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________________ अध्यापयत्पुरा व्यग्रः] श्लोकपादसूची [ अध्वानंगतकश्चार्य अध्यापयत्पुरा व्यग्रः 12.336. 31. अध्यापयामास तदा 12.336. 33%. अध्यापयिष्यामि तु यं 1.72. 20. अध्यापचेदधीयीत 12.326. 11". अध्यापयेद्याजवेच्चापि याज्यान 5.29.21". अध्यापयेन्मदेत यशस्यं 5. App. 2. 48. अध्यापयेरशियान्वै 13. 80.124. अध्यापिताश्च सुनयः 12. 336. 41. अध्याप्य कृत्स्नं स्वाध्यायं 12.309.2. अध्यायधनिनो विप्राः 13. App. 10. 46 pr. अध्यायानां ततः प्रोक्तं 1. 95*. 3 pr. अध्यायानां तथाौ च 1. 94.2pr. अध्यायानां महात्मना 1.2. 131". 4. 11772post. अध्यायानां शतत्रयम् 1.2. 1990. अध्यायानां शतं चात्र 1.2.2056. 13.729*. 6 pr. अध्यायानां शतं प्रोक्तं 1.2. 1580, 1676. अध्यायानां शते हे तु 1.2.95. अध्यायानां सहस्रं तु 1. 181*.pr. अध्यायानां सहस्रेण 12.59.91". अध्यायानां सहस्से द्वे 1, 486*3pr.; App. 4. 6pr. अध्यायानां सहस्रेस्तु 12. 59.904. अध्यायाष्टौ समाख्याताः 1.2.229deg. अध्यायास्त्वेकमेकानां 1. App. 4. 1 pr. अध्यायाः कर्णपर्वणि 1.2. 1720. अध्यायाः पञ्च संख्याताः 1.2. 2329. अध्यायाः सहतियाः 1.2. 103. 2. 621*. pr.; 622*." pr. ; 621*. 1 pr. अध्यायाः सततिम्तथा 1.2. 167. अध्यायाः संख्यया सत्र 1.2. 1524. अध्यारोडेद्यथा वृक्षान् 4.216*. 1 pr. अध्यावसति दिव्यात्मा 13. 110. 109. अध्यावसत्ततोऽयोध्यां 3.730*.3 pr. अध्यावसगिरिश्रेष्ठं 7. App. 8. 866 pr. अध्यावसं वर्षसहस्रमानं 1. 81. 14. अध्यास्स्व चिरशनाय 3. 283.7". [अ]ध्युषिते पर्युपस्थिते 8, 298*. 1 post. अध्युवास चिरं कालं 1. App. 47. 23pr. अध्यूढश्च तथापरः 13. 49. 4". अध्यूढं विप्र वै पुत्रं 13. 49. 14. अध्यूढः समय भित्वा 13. 49. 136. अध्यूढायाश्च यदुःखं 2.61.74. अध्येतव्य बुभूपता 12.231. 17". अध्येतव्या त्रयी विद्या 12.8.27. अध्येतारं परं वेदाः 1. 211.5". अध्येयो भारतीयोऽयं 1. App. 3. 25 pr. अध्येज्यते च य इमं 6.40. 700. अध्यैवन्त दिवानिशम् 12.294.55. अध्रुवं कृतमेवैतत् 1. App. 63. 22A 1 pr. अध्रुवं जीवितं ज्ञात्वा 13. 26.58. अध्रुवा इति चिन्यताम् 7.52.30d. अध्रुवा चलचित्तासि 13. 81. 16. अध्रुवा सर्वमत्] 9. 64. 190. अध्रुवां चञ्चलां च खां 13. 81. 100. अध्रुवे जीवलोके च 11. 8. 14. अध्रुवे जीवलोकेऽस्मिन् 11. 4. 14. अध्रुवे जीविते मोहात् 12. 105. 43. अध्रुवे जीविते सति 5.39.274. अध्रुवे ध्रुवसंज्ञकः 12. 316. 27. अध्रुवो मित्र संग्रहः 5. 36. 34. अध्रुवो हि कथं लोकः 13.692*.Tpr. अध्रुवो हि जयो नाम 6. 4. 35. अध्वक्लान्तस्य शयनं 12.311.2". अध्वगानामिव पथि 13. App. 3. 126 pr. अध्वगाः परितप्येरन् 14. 39. 12. अध्वना कर्शितानां च 13. 117.703 App. 10. 205 pr. अध्वना परिकर्शितम् 13. 131. 40deg. अध्वनि क्षीणगात्रश्च 3. App. 21A. 126 pr. अध्वनि क्षोणगात्राश्च 3. App. 21A. 68 pr. अध्वनो गमने श्रमः 1. App. 47.28 post. अध्वन्यहमथापश्यं 3. 158.520. अध्वरे ह्यग्रभोक्तारं 12. App. 28.39 pr. अध्ययंत्रस्त्रिवणानि तन्वते 3. 131.9". अध्वर्यवे दुहितरं ददातु 13. 95.750; 96. 41". अध्वर्यवो दानवानां 3. 1149*. 1 pr. अध्वर्युयतिसंवाद 14. 28. 6. अध्वर्युरपि निर्मोहः 14. 28. 27. अध्वर्युर्बलनाशाय 12. App. 8. 34 pr. अध्वर्युर्बोधपिङ्गलः 1. 48.64. अध्वर्युवृषभैस्तथा 14. 94. 10. अध्वर्युः कल्पकश्चापि 14.53.90. अध्वश्रान्ताय विप्राय 14. App. 4. 929 pr. अध्वा जरा देहवतां 5.39.630. अध्वा जितो यानवता 5. 31. 450. 12. 288*. 2 pr. अध्वा दूरं तेन न दृश्यतेऽद्य 14. 10. 9". अध्वा न स्यात्कदाचन 1. 830*. 15post. अध्वानंगतकश्चायं 12.286. 12. -85
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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