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________________ अद्यैव गजसाह्वयम् ] श्लोकपादसूची [ अद्वैधं मित्रमेव च अद्यैव गजसाह्वयम् 3. 34. 81. अद्यैव च हि पार्थानां 9. 104*. 1 pr. अद्यैव तद्विदितं पार्थिवानां 8.54. 184. अद्यैव तु रणे पार्थः 6. 108.20. अद्यैव त्वं वरारोहे 1. 113. 39. अद्यैव त्वरया मम 2. AP. 39.67 post. अद्यैव दास्थाम्यपरं द्वितीयं 8. 61. 16. अद्यैव द्विजसत्तम 11.8.gd. अद्यैव धमांग विधत्स्व सूत 8. 1147*. 3. अद्यैव नाम:श्च पुण्य 14.63. 150. अद्यैव नारदः श्रीमान् 1. App. 110. 15 pr. अद्यैव निषधेश्वर 3.63. 19'. अद्यैव नूनं कथयन्तु सिद्धां 8. 822*. 1. अद्यैव पततां भूमौ 4. 43. 17. अद्यैव पश्य दुध 6. 102. 69". अद्येय मुनिसत्तम 15.38. 18d. अद्यैव शीघ्रं त्वरिष मात्त्यः 4. App. 59. 36. अद्यैव हि रिपुर्भूत्वा 12. 136. 151". अद्यैव ह्यहमेतांश्च 5. 128.27. अद्यैवातिथयः सर्व 5. App. 7. 14 pr. अद्यैवावां प्रहास्याकः 1. 110.26. अद्यैवाहं रणे सर्वान् 9. 6. 11". अद्यैवाई इनिण्यामि 2. App. 38. 106 pr. अद्यैवैतानिहन्मीह 2.6t. 11. अद्यैषां कदनं कृत्वा 7.95.20%. अयैषां प्रवरं वीरं 7.82.12. अद्यत्वादनग्नित्वात् 12. 177.90. अद्वत्स ततो रणे 6.249*. 1 post. अद्राक्षमृषिमायान्तं 12. 126.6". अद्राक्षं कृमीश्वरम् 7. 10.25. अद्राक्षं दीप्यमानान्वै 5. 186.31. अद्राक्षं हिमसत्तम 13. 43. 136. अद्राक्षं पुण्डरीकाक्षं 12. App. 17C. G5pr. अद्राक्षं बिलमन्तिकात् 1.222.51. अद्राक्षं सापकार्दितम् 13. 8.7 post. अद्राक्ष हेमवमिं 1.12. अद्रिका च तथा साची 1. 111.50% अद्रिकाप्सरसा युक्तं 1. App. 35.21 pr. अद्रिका मत्स्यरूपाभूत् 1. App. 35.39 pr. अद्रिकेत्यभिविख्याता 1. App. 35. 49 pr. अद्विरद्यालयः कर्ता 13. 17. 37. अद्विराज महाशिल 3.13.21. अद्रिराजं महाशलं 3. 102.24. अद्रिर्वबहतो यथा 1. 1550*.6 post. अद्रिसारमयं नूनं 6.15.53. 10. 1. 100. अद्रिसारमयों गुवी 6.58. 330.9.31.35%B56.30%. अद्विसारमयों भीमः 9.54. 21". अद्विसारमयेईलैः 7. 17.17'. अद्रिसारमयैश्चान्यैः 3. 150. 40. अद्रीणामिव कूटानि 1. 17. 11. अद्रीणामिव दीयताम् 6. 88.274. अद्रीणां भिद्यमानानां 7.97.41". अद्रुग्धेषु द्रुग्धयत्तन्न साधु 5. 24. 3. अद्रोहमविसंवाद 12.25]. 11'. अद्रोहश्चैव भूतानां 14. App. 4. 3863 pr. अद्रोहः सर्वभूतेषु 3. 21. 3. 12.124. 64"; 156.21". ___14. 93.934. अद्रोहः सत्यवचनं 12.21.11". अद्रोहण दमेन च 12.79. 14. अद्रोहेणैव भूतानां 12.21. 10deg; 251.6"; 475*. Spr. अद्रोहे सभयं कृत्वा 2.50. 200. अद्रोहो नातिमानश्च 3. 198.87. 13.57.8. अद्रोहो नातिमानिता 6.8.. अद्रोहो नाभिमानश्च 12. 80.4deg; 262.37. अद्वारतः प्रद्रवति 12. 128. 22. अद्वारमिति मां प्रति 2.437*.2 post. अद्वारा बीभत्सयापि वा 12.82. 15. अद्वारेण तमेवार्थ 12.246. 11'. अद्वारेण प्रविश्यते 2. 207*. 1 post. अद्वारण प्रविष्टाः स्थ 2. 19. 41. अद्वारेण प्रविष्टेन 2. 39. 30. अद्वारेण रिपोर्गह 2. 19. 49". अहारण विनिर्गच्छन् 2. 46.32% App.B. 17 pr. अद्वारेणाभ्यवस्कन्य 2.218*. 1 pr. 4.22. 17. 10. 8.9. अहार न च तिष्यामि 13. 121. 11. अद्वितीयमनिर्देश्य 13. 11. 1254. अद्वितीयेन मुनिना 13. 141. 13". अद्विवन्तं कथं द्विन्यात् 2. 50.2. अद्वीपं समरेडलवम् 6. 15.264. अद्वीपे द्वीपमिच्छताम् 7. 31. 261. अद्वेषी सुमुखः श्वणः 13, 133.25. अद्वेष्टा सर्वभूतानां 6.31. 13". अद्वैतामृतवर्षिणी भगवतीमष्टादशाध्यायिनी 6. App. 2. 30. अद्वैधज्ञः पथि द्वैधे 12. 140.. अद्वैधमनसं युक्तं 12. 287. 41". अद्वैधं मित्रमेव च 13. App. 15.907 post.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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