________________ कूलहारी कुलकर्ता] लोकपादसूची . [कृच्छ्रां योनिमनुप्राण्य कूलहारी कुलकर्ता 13. 17. 106deg.. कृच्छ्रे वने वासमिमं निरुष्य 3. 26. 17'. कूलादुद्धृत्य तिष्ठति 13. App. 14. 158 post. कृच्छ वा पापशुद्धये 12. 159. 64. कूलादृक्ष इव च्युतः 3.31. 260. कृच्छ वासमतदही निरुष्य 5. 22.29. कूलानीव सरिद्वराः 13. 20. 67. कृच्छ्रः परमदुर्वसः 4. 1. 54. कूलापहारमकरोत् 9. 41.27. कृच्छाच द्रव्यसंहारं 12. 20. 80. कूले वै दक्षिणे तदा 9. 36. 414. कृच्छ्राच्छत्रुमिरुद्धृतः 3. 238. 194. कूष्माण्डजात्यलाबुं च 13.91. 39. कृच्छ्राजग्राह गोविन्दः 2. 22. 38. कूष्माण्डमघमर्षणम् 13. App. 14A. 75 post., 88 post. कृच्छ्राणां विप्रमोक्षणम् 13. App. 15. 1469 post. कूष्माण्डांश्चापि पन्नगान् 8. App. 2. 68 post. कृच्छ्राणि चीत्वा च ततः 13. 10. 576. कृकचान्गोविषाणिकान् 9. 45. 51. कृच्छ्राणि लभतेऽध्वनि 12. 207. 4. कृकणेपुश्च वीर्यवान् 1. 89.9. कृच्छ्रात्प्रतिगृहीतवान् 9. 51. 22". कृकरमहानकभेरिझर्झराणाम् 7. 38. 30'. कृच्छ्रात्समुद्वहन्वीर 12. 165.25. कृकलत्वं निगच्छति 13. 562*. 1 post. कृच्छ्रात्स विषमाच्चैव 13.64. 18. कृकलासकसारसाम् 13. App. 4.34 post. कृच्छ्रात्संस्तभ्य पन्नगः 13. 1. 27. कृकलासत्वमागतः 13. 6. 384. कृच्छ्रात्स्वशिबिरं प्रायात् 9. 1.5deg. कृकलासभूतं च नृगं 12. 843*. 1 pr. कृच्छ्रादिव महाधनम् 2.29. 176. कृकलासमवस्थितम् 13. 69.4.. कृच्छादिव महाबाहुः 15. 19.5. कृकलासमुखाश्चैव 9. 44. 81". कृच्छ्रादिव समुद्धरन् 15. 9. 2. कृकलासवाहनगः 16. 10*. 2 pr. कृच्छ्रादुद्वहते भारं 3. 10. 12. कृकलासः स्थितो महान् 13. 69.6. कृच्छ्राईवोपसादितात् 3. App. 25. 136 post. कृच्छ्रकाले ततः स्वर्गः 14.93. 64. कृच्छ्राविणभारार्ता 14.64. 20. कृच्छ्रकालेऽप्यसंभ्रमः 3. 255.54. कृच्छ्राद्वादशरात्रेण 12. 36. 24". कृच्छ्रप्राणमचेतसम् 10. 9. 3. कृच्छ्राद्यदुकुलोद्वहः 9.59. 354. कृच्छ्रप्राणान्वने बध्वा 7. App. 8.740 pr.. कृच्छ्राद्वचनमब्रवीत् 2. 70. 3. कृच्छ्रप्राणा विचेतसः 7.95. 43. कृच्छ्राधीतं प्रनष्टं च 13. 95.5. कृच्छ्रप्राणो जयद्रथः 3. 256. 12. कृच्छ्रान्दुर्योधनो लोकान् 7. 101. 720. कृच्छ्रान्निर्याद्धनंजयः 7.74. 32. कृच्छ्रप्राणोऽभवद्यत्र 13.94.7.. कृच्छ्रान्मुक्तोऽसि तेन वै 13. 54. 344. कृच्छ्रप्राप्तं रथचक्रे निमने 7. 155. 28. कृच्छ्रान्मुक्त्वा शरीरिणम् 14. 17. 21. कृच्छ्रप्राप्तेन च तथा 9.200*.1 pr. कृच्छ्रान्मुच्येत संकटात् 13. App. 9B. 83 post. कृच्छ्रमापादिता वयम् 1. 41. 19.9. 32.94. कृच्छ्रामण्यापदं गतः 12. 105. 13". कृच्छ्ररूपधराः पुनः 4. 25. 6. कृच्छ्रामापदमापन्नान् 1. 41. 9". कृच्छ्रलब्धान्प्रियान्सतः 2. App. 42. 1 post. कृच्छ्रामापदमास्थितः 3. 281. 90deg. 12. 105. 3'. कृच्छ्रवासं वसत्यसौ 11. 6. 1. कृच्छ्रामापेदिरे वृत्तिं 13. 94. 11:. कृच्छ्रवृत्तिं निराहारां 14. 93. 48deg. कृच्छ्राल्लब्धममिप्रेतं 12, 105. 40deg. कृच्छ्रस्थो धर्मदर्शनम् 9. 196*.7 post. कृच्छ्रालब्धस्य बान्धवात् 5. 134. 14. कृच्छ्रे कुरून तदाभ्याजगाम 5. 26. 16. कृच्छ्रास्वापत्सु दुर्मतिः 12. 136. 121". कृच्छ्रे तु दुहिता किल 1. 147. 11. कृच्छ्रास्वापत्सु संजय 6. 15. 62. 7. 8. 38. कृच्छंन मरणं भवेत् 7. 23. 13. कृच्छ्रास्वापत्सु संभ्रमे 5. 39. 53. कृच्छं प्राप्तं धनंजयम् 4. 18. 23. कृच्छ्रास्वापत्सु संमूढान् 12. 108. 21. कृच्छं प्राप्तोऽनिरुद्धो वै 2. App. 21. 1476 pr.. कृच्छ्रास्वापत्सु सुहृदचारयश्च 5.35. 42". कृच्छं प्राप्स्यन्ति सर्वशः 2. 56.24. कृच्छ्रां प्राप स आपदम् 1. 6. 68. कृच्छ्रे महत्प्राप्तमसह्यरूपम् 5. 1. 15: कृच्छ्रां योनिमनुप्राप्य 3. 245. 18deg. --787-----