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________________ कुतः स्वर्गः कुतो यशः] श्लोकपादसूची [कुथाभिश्च समन्ततः कुतः स्वर्गः कुतो यशः 12. 69. 314. 146 post. 'कुतः स्विद्राह्मणो जातः 12. 73. 36. कुतो वायं प्रश्वसिति 14. 19. 390. कुतः स्विद्विजयो मम 5. 133. 20. कुतो वायुरभूदयम् 12. 315. 26. कुतुपे दक्षिणामुखः 13. App. 14. 221A 68 post., कुतो वा विजयो भूयः 9. 372*.6 pr. 239 post. कुतो वासि जलेचरी 1. 208. 13. कुतो गच्छामि गालव 5. 106.2 कुतो विप्रेषु विग्रहः App. 99. 17 post. कुतो गन्तुं महाबाहो 14. 15. 26deg. कुतो वेत्स्यन्ति मानवाः 3.41. 144. कुतो जातानि भूतानि 14. 35.7. कुतो वेत्स्यामहे वयम् 13. 16. 164. कुतो दानं कुतो दमः 12. App. 29E. 276 post. कुतो वेदं न वा कुतः 12. 308. 124. कुतो दायाल्लोपयेड्राह्मणानाम् 5. 24. 24. कुतोऽसि कस्यासि कथं त्वमागतः 4. 11.5. कुतो दुःखं मानसं देहर्ज वा 14. 9. 36. कुतोऽसि त्वमिहागता 4. App. 6. 43 post. कुतोऽय मे नीतिषु युक्तमन्त्रिता 4. App. 8. 42. कुतोऽसी कश्च तत्त्वतः 13. App. 3A. 50 post., 80 post. कुतो द्रक्ष्यामि मे शिशून् 1. App. 86. 39A 12 post. कुतोऽस्माकं नियोगतः 13. App. 15. 96 post. कुतो धर्ममयः प्लवः 12. 342. 5. कुतोऽहमागतः कोऽस्मि 12. 307. 13". कुतो धर्मः कुतः पुण्यं 12. App. 29E. 276 pr. कुतो हस्तस्य लङ्घनम् 12. 68. 31. कुतो निद्रा कुतः सुखम् 10. 4. 294;5. 26. कुतो हि तव सौभाग्य 3. 261. 18. कुतो निष्क्रमितुं शक्तः 3. 490*. 4 pr. कुतो ह्यस्य ध्रुवः स्वर्गः 12. 321. 24. कुतो निःश्रेयसं परम् 12. 321. 2. कुत्र किं वा कृतं त्वया 13. App. 8. 11 post. कुतोऽन्यः कुरुसत्तम 6.26.314. कुत्र वा वसते देवः 13. App. 4. 4 pr. कुतोऽन्येषां भविष्यति 12. 136. 143. कुत्रागमनमित्युत 4. 35. 1. कुतो भार्या कुतो धनम् 1. 1630*. 1 post. 12. 57. 414. कुत्रात्मानं पातयेयं 3. App. 10. 51 pr; App. 11. 81 pr. कुतो भूतिः कुतः सुखम् 3. 154. 11. कुत्सना वासुदेवस्य 5. App. 12. 71 pr. कुतो मम शतक्रतो 12.217. 36. कुत्सन्तो धृतराष्ट्रजम् 2. 61. 47%; 554*. 1 post. कुतो मामास्रवेदोषः 12. 90. 14. कुत्सयन्कर्म दुष्करम् 6. 133*. 1 post. कुतोमूलमिदं दुःखं 1. 148. 1". कुत्सयन्ति विवित्सया 7. 1386*. 1 post. कुतो मे भोजनश्रद्धा 5. 105. 4". कुत्सयन्निव पाण्डवम् 8. 33. 36". कुतोऽयमायाति न मे पुरा श्रुतः 4. 10. 4. कुत्सयन्पाण्डवान्प्रति 8.52. 15. कुतोऽयमायाति नरोऽमरप्रभः 4. 11.24. कुत्सयन्वाक्यमब्रवीत् 8. 30. 94. कुतो युद्ध जातु नरः प्रजानन् 5. 26. 36. कुत्सयित्वा पुनः पुनः 8. 28. 22. कुतो रतिस्तद्गतमानसानाम् 3. 161. 144. कुत्सयित्वा मुनिं तत्र 12. App. 19. 88 pr. कुतो राज्ञः स्वतन्त्रता 12. 308. 138*. कुरसयेयुरसंशयम् 4. 120*. 55 post. कुतो राज्यं कुतः सुखम् 12. 137. 107'. कुत्सा विकत्था मात्सर्य 12. 152. 10*. कुतो राज्यं कुतो धनम् 9. 372*. 6 post. कुत्सा संजायते राजन् 12. 157. 15. कुतो राज्यं कुतो यशः 9. 4. 29. कुत्सासूया कृपा तथा 12. 157. 2. कुतो रुद्रः कीदृशो वापि रुद्रः 12.74. 18%. कुत्सितं कुलटे जनैः 1. 656*.2 post. कुतोऽर्थाः संचयः कुतः 5. 105. 3. कुत्सितं भरतर्षभ 12. 290. 35. कुतो लभ्यं महाबाहो 2. App. 17.5 pr. कुत्सितानामचेतसाम् 13. 133. 23. कुतो लोकास्तवानघे 9. 51. 11t. कुत्सितानि पदे पदे 10. 1. 49%. कुतो वर्णविनिश्चयः 12. 181. 94. कुत्सिता ये दरिद्राश्च 14. App. 4. 72 pr. कुतो वा गच्छतेति ह 1. 175. 33; App. 96. 4 post. कुत्सिताः पितृदेवतैः 13. App. TA. 145 post. कुतो वात्मा दृढो रक्ष्यः 12.60.5deg. कुत्सितेनाभ्युपायेन 11. 25. 416. कुतो वा त्वं वरानने 4. App. 12. 1 post. कुथामिश्च विचित्रामिः 7. 123. 386. कुतो वा भगवानिति 12.70*.6 post. 13. App. 11. कुथामिश्च समन्ततः 6. 372*. 1 post. -757
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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