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________________ कीटजं पट्टज तथा ] श्लोकपादसूची [कीशो वर्णतो भवेत् . कीटजं पट्ट तथा 2.47. 224. कीटपक्षिपतंगानां 13. 189*. 15 pr. कीटपक्षिमृगाणां च 14. App. 4. 3260 pr. कीटवञ्च गुहाशयाः 4.303*. 10 post. कीटवञ्च चरेन्महीम् 14. 46. 32. कीट संत्रस्तरूपोऽसि 13. 118. 9". कीटस्य च युधिष्ठिर 13. 118.64 कीटं वचनमब्रवीत् 13. 118. 84. कीटः पार्थिवसत्तम 13. 120. 79. कीटः प्राणान्मुमोच ह 13. 599*. 2 post. कीटः समनुरुन्धति 12. 292. 4'. कीटः संजायते जन्तुः 13. 112. 61. कीटः स्यान्मासमेव च 13. 112. 690. कीटान्पिपीलिकान्सन् 13. App. 14. 92 pr. कीटाः पतंगा बहवः 13. App. Ib. 1131 pr. कीटाः पतंगाश्च भवन्ति पापाः 1. 85. 19%. कीटाः पिपीलिकाः सर्पाः 13. App. 14.91 (subst.)2 pr. कीटो भवति मत्सरी 14. App. 4. 399 post. कीटो वर्त्मन्यतिष्ठत 13. 119. 8. . कीडग्भूतस्त्वमव्यय 12. App. 17A. 34 post., 63 post., . 68 post., 75 post., 82 post., 89 post., 96 post., 102 post., 110 post., 118 post., 133 post. कीयूपश्च दृश्यते 13. 84. 67. कीदृग्वर्णोऽपि वा देवि 13. 84. 67*. कीदृग्विधं तु तज्ज्ञानं 12. App. 17A. 27 pr. कीदृग्विधः स भगवान् 12. App. 17C. 63 pr. कीदृशश्च स्मृतः साधुः 3. App. 19. 18 pr.; App 32. 10pr. कीदृशश्चागमस्तथा 13. App. 15.571 post. कीदृशं किंप्रमाणं वा 3. App. 21A. 93 pr. 14. App. 4. 582 pr. कीदृशं च भवेद्राज्यं 9. 4. 44". कीदृशं चरितं तेषां 13. App. 15. 632 pr., 1384 pr.. कीदृर्श चाभवद्युद्ध 7. 150.2". कीदृशं जीवितं भवेत् 2. 15.21. कीदृशं भरतर्षभ 13. 101. 1. कीदृशं भवनं तस्य 13. App. 15.2597 pr. कीदृशं वर्म चैवास्य 1. 150. 3. कीदृशं वा तपः कृत्वा 14. App. 4.847 pr. कीदृशं वा महाद्युते 13.74.2. कीदृशं वै बलं देवि 3. 213. 22. कीदृशं वो मनस्तदा 7. 9. 18". कीदृशं व्यवहारं तु 12. 86. 3". कीदृशः कृतकः पुत्रः 13. 49. 19". कीदृशः पुत्रलाभो हि 13. App. 7A. 1 (subst.) 1 pr. . कीदृशः सोऽभवद्रणः 7. 106.1'. कीदृशानां च भोक्तव्यं 13. 23. 32". कीदृशानां तु शूद्राणां 14. App 4. 3278 pr. कीदृशान्वर्जयेन्नृपः 12. 60. 4. कीदृशा ब्राह्मणाः पुण्याः 14. App. 4. 3213 pr. कीदृशा भगवल्लोकाः 13. 71.7". कीदृशा मानवाः सौम्याः 12. 162. 2". कीदृशाय च विप्राय 14. App. 4. 1725 pr. कीदृशाय द्विजाय वै 14. App. 4.846 post. कीदृशाय प्रदातव्याः 13. 68. 13.. कीदृशाय प्रदेया स्यात् 13. 44.2. .. कीदृशा यमदण्डास्ते 13. App. 15. 2595 pr. कीदृशाश्चैव बाह्रीकाः 12. App. 30. 3 pr. कीदृशासु व्यवस्थासु 14. App. 4. 250 pr. कीदृशास्ते महेश्वर 13. App. 15. 2684 post. कीदृशाः किंफलाः कः स्वित् 13. 71.8". कीदृशाः परिचारकाः 13. App. 15. 2595 post. कीदृशाः संनिकर्षस्थाः 12. 116. 11". कीदृशाः साधवो विप्राः 13.23. 32". 14. App. 4. 2250 pr. कीदृशाः स्युः पितामह 12. 204*. 2 post. कीदृशी किंपराश्च ते 13. App. 3A.5 post. कीदृशी कनु संस्थितिः 13. App. 3A. 81 post. कीदृशी दक्षिणा चैव 13. 71. 12". कीदृशी ब्राह्मणस्याथ 14. App. 4. 168 pr. कीदृशीषु झवस्थासु 3. App. 21A. 4 pr.. कीदृशीं संत्यजन्भायर्या 13. App. 7A. 210 pr. कीदृशे कुण्डले ते च 3. 287. 1. कीदृशे नापि विश्वसेत् 12. 81. 24. कीदृशेनेह तपसा 12. 145. 2". कीडशे पुरुषे तात 13.11.1% . कीदृशेभ्यः कथं कदा 13. 60. 1". कीदृशेभ्यः प्रदातव्यं 13.90. 1". कीहशेभ्यो हि दातव्यं 14. App. 4. 2251 pr. कीदृशे विश्वसेद्राजा 12.81. 2.. कीदृशैः किंकुलीनैर्वा 12. 116. 11. कीदृशो जापको याति 12. 191. 1". कीदृशो जीवतां जीवः 12. 175. 4",". कीदृशो ब्राह्मणो राज्ञां 12. 178*. 1 pr. कीडशोऽयं भविष्यति 3. 196. 174. कीदृशो वर्णतो भवेत् 12. 182*. 1 post.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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