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________________ कः कस्येह न कश्चन] महाभारतस्थ [ काकवत्तत्त्वचिन्तने कः कस्येह न कश्चन 12. 259. 21". कः कस्येहापराध्यति 12. 137. 454. कः कं याचितुमर्हति 3. 152. 11". कः कामः प्रार्थितस्तव 3. 574*. 2 post. कः कामः स्यान्महस्कृतम् 1. App. 99. 4A 3 post. , 9post. कः कालः श्राद्धदानयोः 3. 885*. 5 post. कः किं किं स धनुर्वेदः 7. 322*. 6 pr. कः कुतन्तीं घट्टयति 12. 139. 43". कः कुतो वा न वा कुतः 12. 308. 1234. कः कुर्यात्पुरुषो भुवि 1. 213. 4. कः कुर्याद्धृतराष्ट्रजे 9. App. 2. 10 post. कः कृत्वान्भारते क्षमः 1. App. 3. 28 post. कः केन गुणतोऽधिकः 12. 308. 1556. कः को मे ह भवेदिति 12. 347. 9. कः क्षत्रमवमन्येत 12. 65. 339. कः क्षत्रियो मन्यमानः 7. 161. 42. 16. 4. 176. कः क्षुण्वंस्तान्समृध्नुयात् 3. App. 20. 41 post. कः पणो नो भविष्यति 13. App. 1A. 84 post. कः पण्डितः पुमाज्ञेयः 3. App. 19. 29 pr.; App. 32. 21 pr. कः पन्थाः का च वार्तिका 3. App. 32.59 post. कः परः समदर्शिनाम् 2. 225*. 4 post. कः परित्यज्य गां दुष्टां 12.739*.2 pr. कः परैढियमाणानां 3. 129*. 1 pr. कः पार्थ शोचेन्निरतः स्वधर्मे 12. 12. 35. कः पार्थ प्रतियोधयेत् 7. 1139*. 1 post. कः पालयेदिति मुने 14. 71. 13. कः पिता जननी चास्य 5. 101. 20. कः पुनर्मानुषो भावः 3. 1227*. 4 pr. कः पुनस्तव हेतुर्वै 13. 14. 99". कः प्रतिष्ठामवामुयात् 12. 258. 11'. कः प्रमाणमुदाहरेत् 12. 175. 311. कः प्रमादश्च सूतज 1. 27.1. कः प्राज्ञः कर्तुमर्हति 5. 37. 534. कः प्राज्ञो विषयं व्रजेत् 12. 136. 1674. कः प्राप्तो विनयं बुद्ध्या 12. 308. 1. कः प्रार्थयितुमर्हति 5. 122. 55. कः प्रार्थयितुमिच्छति 5. 58. 23deg. कः प्रियं न करिष्यति 12. 223. 234. कः फेनपेति नाम्नासौ 13. App. 9A. 1 pr. कः शत्रुर्दुर्जयः पुंसां 3. App. 19. 17 pr.; App. 32. 9 pr. कः शमश्च प्रकीर्तितः 3. App. 19. 13 post.; App. 32. 5 post. कः शिरस्यग्निमाधाय 3.261. 48. कः शुद्धः कोऽत्र दोषवान् 12. 192. 95. कः शूलं तीक्ष्णमासाद्य 3. 261. 48. कः शोभा वाणतुं क्षमः 12.276*. 4 post. कः श्रमं राजशार्दूल 3. 60. 24.. कः सन्कमनुशोचसि 12. 168. 174 कः समर्थः पुरः स्थातुं 12. 276*. 6 pr. कः समाधिस्तपोधन 12. 168. 12. कः समुत्स्रष्टुमर्हति 2. 66. 10. कः स रामः कथं सीता 3. 266. 52. कः सहायस्तदाभवत् 4. App. 39. 11 post., 13 post. 5. 155.264,274. कः सहायोऽभवन्मम 5. 155. 284. कः सहेत महाबाहो 11. 11. 25. कः सहेताग्रतः स्थातुम् 4. 822*. 2 pr. कः स्तोष्यति जगत्पतिम् 13. 17. 1514. कः स्त्रियं स्पष्टुमर्हति 1.77. 124. कः स्यात्तस्मिन्रथोत्तमे 8. 24. 99. कः स्विदुत्तरमेतस्मात् 5. 94. 21. कः स्विदेको बलवान्दुर्बलोऽपि 12. 288. 41. कः स्विदेको बहुमिर्जोषमास्ते 12. 288. 41. कः स्विदेको रमते ब्राह्मणानां 12. 288. 41". कः स्त्रिदेवां कलहं नान्ववैति 12. 288. 41. काककङ्करुतां तीव्रां 4. 1007*. 4 pr. काक काकेति वाशन्तं 8.28.51. काकगृध्रबलास्तथा 8. 36. 35'. काकगृध्रमुखैस्तथा 13. App. 15. 174 post. काकगृध्रानुनादिताम् 8. 861*. 2 post. काकजङ्घाक्षिनासिकम् 13.67.5*. काकजातिषु संस्पृशेत् 13. App. 15. 2760 post. काकतालीयन्यायेन 2. App. 25. 10 pr. काकपक्षधरः श्रीमान् 2. App. 21. 791 pr. काकपक्षधरावुभौ 2. App. 21. 776 post. काकपक्षविभूषणः 16. 10*.2 post. काकपक्षवृताक्षकम् 7. 48. 176. काकपक्षाक्लिप्तकेशं 7. 332*. 1 pr. काक भाषितवानसि 8. 341*. 1 post. काकमद्गुः प्रजायते 13. 558*. 2 post. काकमूषकभोजनम् 12. 221. 58. काकरका जिजीविषुः 5. 131. 13. काकवक्त्राः प्लवमुखाः 10. 7. 17". काकवत्तत्त्वचिन्तने 5.364*.1 post, -- 686
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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