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________________ कस्तत्साध्विति मन्यते] महाभारतस्थ [कस्माच्चिदपकर्षति कस्तत्साध्विति मन्यते 2. 39. 2. कस्ते न संगम नेच्छेत् 7. App. 13. 23 pr. कस्तदन्य इहाईति 7. 10. 24t. कस्ते बुध्येवेदवादेषु चैतत् 13. App. 1. 66. कस्तदासीत्सखा मम 4. App. 39. 7 post. , 9 post. . कस्ते श्रद्धास्यते वचः 1. 68.72". 5. 155. 25. कस्तेषां क्षन्तुमईति 2.66. 16". कस्तपा अतपास्तथा 12. 306. 284. कत्रिषष्टिशतारस्य 4. App. 17. 19 pr. कस्तपा अतपाः प्रोक्तः 12. 306. 40%. कस्त्वत्तः पापकृत्तमः 9. 60. 334. कस्तमन्यत्र राधेयात् 8.31.9". कस्त्वदन्य इमा वाचः 12. 220. 220. कस्तम→जिजीविषुः 7. 110. 124. कस्त्वदन्यः सहेत्साक्षात् 9.61.27. कस्तमिच्छेत्परिद्रष्टुं 12. 170. 15. कस्त्वदन्यो विशेषतः 1. App. 114. 199 post. कस्तमुत्सद्दते जेतुं 5. 435*. 3 pr. कस्त्वदन्योऽस्ति पुण्यकृत् 13. 138*. 3 post. कस्तमुत्सहते वीरं 3. 46. 26deg. कस्त्वमद्येह संप्राप्तः 1. 588*.2 pr. कस्तयोर्गर्भमाधत्ते 3. 133. 23deg. कस्त्वमाख्यातुमर्हसि 3. 151. 14. कस्तल्लब्ध्वा जातु युध्येत सूत 5. 26. 1. कस्त्वमित्यभ्यचोदयन् 1. 700*. 4 post. कस्तस्य धर्यो विजयः 12.96. 1. कस्त्वया सदृशो लोके 4.861*.2 pr. कस्तस्य ब्राह्मणस्वाता 12.79. 19. कस्त्वयोक्तः पुमान्वीरः 2. App. 39. 10 pr. कस्तस्य मनसापीच्छेत् 4.4.27. कस्त्वं कस्माच नरकं 12. 3. 186. कस्तस्य विश्वसेद्वीरः 3. 297. 6. कस्त्वं किं च चिकीर्षसि 3.281. 11". कस्तस्य शक्नुयाद्वक्तुं 13. 17.89. कस्त्वं तातेह संप्राप्तः 3. 38. 32. कस्तस्य सदृशो रथः 5. 166. 344. कस्त्वं प्रब्रूहि पृच्छतः 3. 263. 37. कस्तस्य समरे स्थाता 7. 104.4. कस्त्वं बन्धुमिवास्माकम् 1. 414*. 5 pr.. कस्तं किं वक्तुमर्हति 12. 130.64. कस्त्वं बन्धुरिवास्माकम् 1. 13. 17deg. कस्तं देशं न संत्यजेत् 12. 276. 43. कस्त्वं भवानर्थविभेदमध्ये 12. App. 20. 32. कस्तं देशं परित्यजेत् 12. 276. 41. कस्त्वं भो भुजगश्रेष्ठ 3. 176.2. कस्तं द्रोणादवारयत् 7. 9.74, 324, 40, 504, 511,694. कस्त्वं युवा वासवतुल्यरूपः 1. 83.7". कस्तं न प्रतिपूजयेत् 12. 68. 37. कस्त्वं वदार्जुनो विप्र 1. 1868*. 2 pr. कस्तं नार्चितुमर्हति 1. 86. 154. 3. 183. 234. 4. 120*. कस्त्वं वानररूपयक् 3. 147. 22". 114 post. कस्त्वं षण्डाकृतिः कुतः 2. App. 17. 20 post. कस्तं नार्चितुमिच्छति 12. 68.544. कस्त्वं सर्वानवद्याङ्ग 3.52. 19". कस्तं युध्येत मानवः 5. 122. 524. कस्त्वामचितुमर्हति 5. 411*.5 post. कस्तं विषयमामुयात् 12. 198. 100. कस्त्वावधीद्वरारोहे 4. 15. 386. कस्ताज्ञातुमिहार्हति 12. 19. 25. कस्त्वां योत्स्येजिजीविषुः 4. App. 38. 4 post. कस्तानमिभवेद्बुधः 13. 136. 184. कस्त्वेतद्वयवसेदार्यः 7. 169. 136. कस्तान्कि वक्तुमर्हति 5. 89. 274. कस्माच्च ते न नमेरन्महात्मन् 6. 33. 370. कस्तान्युधि समासीत 3. 11. 26deg. कस्माच्च दक्षिणार्थ तत् 13. 83. 8. कस्तां वेदयते रुजम् 12. 180. 14. कस्साच परमुच्यते 13. 83.7. कस्तां सेना तदा पार्थ 7. 173. 15. कस्माच्च पावनं श्रेष्ठं 13. 83. 9". कस्तां सेनां तदा राजन् 14. 133*. 12 pr. कस्माञ्च भवति श्रेयान् 12.-73.36. कस्तांस्तरस्विनो भूयः 5.56. 46. कस्माच्च विधिनारीणाम् 2. 19. 43. कस्ताः शक्तो रक्षितुं स्यात् 13. 39. 11". कस्माञ्चित्कारणात्पापः 3. 275.31. कस्तिष्ठेदग्रतः पुमान् 5. 50. 44. कस्माच्चित्कारणादिह 1. 1588*. 2 post. कस्तूरीनिकराकारं 15. 3.1 pr. कस्माञ्चित्कारणान्तरात् 3. 45. 16. कस्ते गोप्तागते मयि 7. 86.26, 36. कस्माञ्चित्कालपर्ययात् 3. 176. 19d. 5. 188. 14. कस्ते न योधोऽस्ति समः पृथिव्याम् 8. 57. 40*. कस्माच्चिदपकर्षति 12. 68. 47. -680
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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