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________________ कर्ण वर्षे त्रयोदशे] श्लोकपादसूची [कर्णस्य कृपणान्युधि कर्थ वर्षे त्रयोदशे 8. 1144*. 1 post. कर्णवाक्शल्यतप्तश्च 7. 142. 18. कर्णवाक्शल्यपीडितः 7. 123.2. कर्णवेष्टश्च पार्थिवः 5. 4. 20. कर्णग्यजनवीजितम् 13. 88. 134. कर्णशल्यझपावर्त 5.562*.2 pr. App. 11. 65 pr. कर्णशल्यमुखान्थान् 9. 377*. 1 post. कर्णशल्याववारयत् 8. 401*. b post. कर्णशल्यौ च भारत 8. 63. 624. कर्णशल्यौ जनार्दन 8. 63. 781. कर्णशल्यौ त्रिमिस्त्रिमिः 7. 120. 524. कर्णशल्यौ रणे दृष्ट्वा 8. 219*. 2 pr. कर्ण शस्त्रभृतां वरम् 5. 143. 44. कर्णशनेययो रणम् 7. 122. 53. कर्णशैनेययोर्नृप 8. 42. 176. कर्ण शोभिष्यसे नूनं 5. 143. 11". कर्णश्चके प्रदक्षिणम् 7. 108. 39. कर्णश्च जानाति सुयोधनश्च 5. 26. 21". कर्णश्च तान्महेष्वासान् 8, 192*. 2 pr. कर्णश्च दशभिर्बाणैः 7. 147. 12. कर्णश्च दानवः पक्षः 8. 998*. 3 pr. कर्णश्च द्रौपदेयाश्च 18.9*. 1 pr. कर्णश्च धार्तराष्ट्रार्थ 5. 142. 14.. कर्णश्च निहतः संख्ये 9. 60. 40%; 14*. 1 pr. कर्णश्च पतिते चक्रे 10. 5. 18%. कर्णश्च परमः सखा 11. 8. 29. कर्णश्च मम पुत्राश्च 7. 158. 11". कर्णश्च रथिनां वरः 2. 31.7". कर्णश्च रभसो नित्यं 8. 193*. 1 pr. कर्णश्च वृषसेनश्च 7. 131. 83. कर्णश्च शकुनिश्चैव 14. 1. 13. कर्णश्व शरवर्षेण 7. 1317*.7 pr. कर्णश्च समरे राजन् 7. 153.8. कर्णश्च सह पुत्रेण 1. 1819*. 1 pr. कर्णश्च सहसौबलः 1. 55. 8. 3. 299.58. 4. App. 1. 13 post. 5. 81. 13%; 372*. 1 post. कर्णश्चापि ततो राजन् 8. 1150*. 1 pr. कर्णश्चामरसंकाशः 7. 122. 54". कर्णश्चायं तथा कृपः 5. 122. 474 कर्णश्चैव महारथः 7. 63. 12. कर्णश्चैव महेष्वासः 18. 3. 17. कर्णश्रवाश्च मुञ्जश्च 3. 27. 23deg. कर्णसाचिव्यकारितः 8. 286*. 2 post.. THITTTTTTTTTTTTT111111111 कर्णसायकनुन्नानां 7. 148. 22. 8. 17. 116. कर्णसायकपीडिताम् 7. 134.30% कर्णसायकपीडिताः 8. 40. 54'. कर्णसूत्रैः किरीटैश्च 7. App. 21. 21 pr. कर्णसौबलकादयः 3. 46. 35. कर्णसौबलदूषिताः 1. App. 103. 4 post. कर्णसौबलपालिताम् 3. 238. 22d. कर्णसौबलयोश्चापि 3. 239. 11". कर्णस्ततः सिंह इवोन्ननाद 8. 60. 17. कर्णस्ततो भारत सांपराये 8. 1030*. 5. कर्णस्तदा रोषविवृत्तनेत्रः 8. 1044*. 8. कर्णस्तव सुतैः सह 7. 1056*. 1 post. कर्णस्तं पञ्चविंशत्या 7. 36. 30. कर्णस्तान्व्यधमच्छरैः 7. 1178*. 3 post. कर्णस्तिष्ठतु दंशितः 4. 47. 19. कर्णस्तु कुण्डले छित्त्वा 1. 104. 19. कर्णस्तु केकयान्भ्रातॄन् 7. 24. 40". कर्णस्तु क्षत्रधर्मेण 4. 46. 1. कर्णस्तु तद्वाक्यमतीव हृष्टः 2. 60. 38". कर्णस्तु नवमिर्भीमं 7. 109. 5. कर्णस्तु निशितैर्बाणैः 7. 1282*. 1 pr. कर्णस्तु पञ्चरात्रेण 5. 194. 19. कर्णस्तु पाण्डवे शक्तिं 7. 130. 26". कर्णस्तु पार्थ न विशेषयद्यदा 8. App. 40. 26. कर्णस्तु बहुमिर्बाणैः 7. 40.80. कर्णस्तु बुबुधे राजन् 13. 1335*. 1 pr. कर्णस्तु युद्धमाकाङ्क्षन् 7. 104. 10. कर्णस्तु रथिनां श्रेष्ठः 7. 106. 42". कर्णस्तु वेदनां धैर्यात् 12. 3. 9". कर्णस्तु समरे योधान् 8. 56. 44. कर्णस्तु समवाप्यैतत् 12. 4. 1". कर्णस्तु सात्यकि जित्वा 8. 40. 39. कर्णस्तु सुमहातेजाः 7. 1202*.7 pr. कर्णस्तेषामापतताम् 12. 4. 17". कर्णस्तौ प्रत्यभाषत 3. 238. 334. कर्णस्त्वमितविक्रान्तः 7. 1048*. 1 pr. कर्णस्त्वरन्मामुपायात्प्रमाथी 8. 47.84. कर्णस्त्वाममिवादये 5. 143. 18. कर्णस्त्वेको मया साधं 9. 2. 26". कर्णस्त्वेको महाबाहुः 7. 110. 10*. कर्णस्त्वेको युधां श्रेष्ठः 8. 45. 40". कर्णस्य कायाच्च शिरो जिहीर्षुः 8. 806*. 4. कर्णस्य कृपणान्युधि 8. App. 24. 12 post. पादसूची-82 -649 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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