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________________ कपिः श्रेष्ठ इति प्रोक्तः] श्लोकपादसूची [कमण्डलुधरस्तथा कपिः श्रेष्ठ इति प्रोक्तः 7. 1470*. 3 pr. कपीन्द्रो भूरिदक्षिणः 13. 135. 664. कपेस्तस्य पुनः पुनः 6.74*. 1 post. कपेस्तु निनदं श्रुत्वा 8. 37. 9". कपेः पार्श्वगतो भीमः 3. 147. 20deg. कपैश्चापि दिवं प्रभो 13. 142. 44. कपोतकाकचटकाः 13. App. 15. 846 pr. कपोतके नरः सात्वा 13.26.39". कपोततुलया धृतम् 3. 131. 22f. कपोतधर्मिणस्तस्य 14.93.5". कपोत न भयं तव 13. App. 8. 18 post. कपोतमग्नौ पतितं 12. 143. 1. कपोतमिममेव मे 3. 131. 184. कपोतरोमा तृणक: 2. 8. 16". कपोतरोमा नीलश्च 12. 4. 6. कपोतरोमेति च तस्य नाम 3. App. 21. 94.. कपोतवृत्तयो नित्यं 13. 32. 19. कपोतवृत्त्या पक्षेण 3. 246. 5. कपोतव्रतिनश्चान्ये 13. App. 15. 707 pr. कपोतस्य च धर्मिष्ठा 12. 145. 16... कपोतस्याभयार्थिनः 3. 131. 4. कपोतं विद्युः शिबयस्त्वां कपोत 3. App. 21. 91". कपोतः पुनरब्रवीत् 12. 142. 386. कपोतः प्रियदर्शनः 13. App. 8.7 post. कपोतः श्येनजागयात् 3. 130. 20. कपोतः श्येन लक्ष्यते 3. 131. 5. कपोतः संप्रजायते 13. 112. 99d. कपोताद्या विहंगमाः 13. App. 15. 1061 post. कपोताभानजीधनत् 7. 164. 142. कपोता भ्रमरास्तथा 13. 107. 107'. कपोता व्यचरंस्तदा 16. 3.6". कपोताश्चाश्रितास्तथा 6.14*.2 post. कपोती च पतिव्रता 12. 145. 14. कपोती प्राह दुःखिता 12. 144. 1. कपोती लुब्धकेनाथ 12. 142. 139. कपोतीव दिवि स्थिता 12. 145. 154. कपोती च सुरूपिणीम् 12. 376*. 1 post. कपोतीं शीतविह्वलाम् 12. 362*. 1 post. कपोतेन बभूव ह 13. App. 8. 56 post. कपोतेन महात्मना 12. 143. 4. कपोतेन समं पृतम् 3. 131. 27. कपोतेन सहाभिभो 3. 131. 254. कपोतेनातिधर्मिणा 12. 143. 5t. कपोतेभमुखास्तथा 10. 7. 19. कपोतोऽपि च तां दृष्ट्वा 12. 376*. 1 pr. कपोतो मेचकास्तथा 12. App. 28. 285 post. कपोतो व्यतिरिच्यते 3. 131. 26. कपोतो हव्यवाडयम् 3. 131. 28. कफजालविनिर्यासः 12. 594*. 8 pr. कबन्धगणसंकुलाम् 7. 40. 136. कबन्धजलमानुषाम् 4. 1007*.3 post. कबन्धभूतस्तत्रासीत् 1. 1550*. 6 pr. कबन्धशतसंकीर्ण 9. 8. 23deg. कबन्धशतसंकुला 7. 18. 340; 496*. 6 post. कबन्धसंकुलं चक्रे 7. 1006*.5 pr. कबन्धं घोरदर्शनम् 3. 263. 25. कबन्धं द्विरदं चैव 7. 640*. 1 pr. कबन्धं निकबन्धं च 2. 524*. 1 pr. कबन्धं भीमदर्शनम् 3. 273.249.7.91. 46. कबन्धं मेघसंकाशं 8.31. 41. कबन्धः प्रतिदृश्यते 5. 108. 11. कबन्धः समदृश्यत 9. 22. 79. कबन्धः सुमहांस्ततः 3. 263. 35. कबन्धाकृतिदर्शनाः 3. 21. 29. कबन्धानि च नृत्यन्ति 6.334*.3 pr. कबन्धानि समन्ततः 6. 53. 23%; 74. 31. 7. 65. 26deg; ___72. 12. 8. 36. 34%; 535*. 2 post. कबन्धान्तर्हितो भानुः 3. 188. 75... कबन्धान्प्रेरयामासुः 4. App. 30. 4 pr. कबन्धान्युत्थितानि स 8. 19. 67* कबन्धायुतसंकुले 7. 165. 61 . कबन्धावर्जितोडुपाम् 7. 131. 121". कबन्धाः समरे हन्तुं 4. App. 30. 2 pr. कबन्धेन शतं योधाः 4. App. 30. 7 pr. कबन्धेषु जनाधिप 9. 22. 80'. कबन्धैरुत्थितैश्छिन्नैः 9. 27. 13. कबन्धै?रदर्शनैः 9. 57. 53. कबन्धैः परिवारितम् 6. 2. 20f. कबन्धैः परिवारितः 16. 3. 11'. कबन्धैः शोणितादिग्धैः 8. 14. 42. कबन्धैः समदृश्यत 18. 1. 44. कबन्धैः संवृतं सर्व 7. 95. 41. कबरीभरेण पादाभ्याम् 1. 930*. 4 pr. . कमण्डलुकलक्षणाः 5. 101. 5. कमण्डलुगणित्र 12. 327. 81f. कमण्डलुधरस्तथा 9. 53. 164.. -639 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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