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________________ कपटारम्भसंवृतम् ] श्लोकपादसूची [कपिला कामवृक्षश्च कपटारम्भसंवृतम् 12. 112. 56. कपटी भृकुटीमुखः 3. App. 9. 3 post. कपटे विजयं शक्यं 2. 434*. 1 pr. कपयोऽथ सरीसृपाः 7. 29. 19%. कपर्दिनमुपास्त सः 2. 172*. 1 post. कपर्दिनं प्रपद्याथ 10. 6. 336. कपर्दिनं वृषावर्त 7. 173. 30%. कपर्दिने करालाय 7. 173. 21". 14. 8. 136. कपर्दिने वराहाय 12. 327. 95". कपर्दिनो गिरीशस्य 13. App. 16. 139 pr. कपर्दिन्सर्वभूतेश 3. 40. 576. कपर्दी चाश्वलायनः 2. 44*. 3 post. कपर्दी जटिलो सुण्डः 12. 328. 18%. कपर्दी भगवान्स्वयम् 3. 46. 234. कपर्दी विदधे धनुः 10. 18. 6. कपर्दी वृषभध्वजः 5. 188. 15. कपर्दी शंकरो रुद्रः 12. 122. 52. कपाटयुक्तमज्ञातं 1. 135. 17. कपानां प्राणनाशनान् 13. 142. 16d. कपान्भुक्त्वा सनातनाः 13. 142. 17. कपान्वयं विजेष्यामः 13. 142. 14. कपान्सर्वे द्विजातयः 13. 142. 16. कपालघटसंकुलम् 12. 139. 284. कपालघटसंकुले 13. 128. 14. कपालपाणिः खटाङ्गी 12. 36. 2. कपालमालिनं रुद्रं 10. 6. 33deg. कपालमालिनी चैव 12. 273. 120. कपालमालिने नित्यं 14. 8. 220. कपालमोचनमिति 9. 38. 20%. कपालमोचनं तीर्थ 3. 81. 1186. कपालमोचनं नाम 9. 38. 4. कपालमोचनं ब्रह्मन् 9. 38. 80. कपालशतसंकुले 13. App. 15. 361 post. कपालशतसंपूर्ण 13. App. 15. 389 pr. कपालस्थं यथा तोयं 3. App. 19.51 pr. कपालहस्ता मद्दताः 13. App. 15. 4359 pr. कपालं ब्राह्मणैर्वृतम् 5. 70. 476. कपालं वृक्षमूलानि 12. 237.70. कपाली च महाद्युतिः 1. 60. 3. कपाली च विशां पते 1. 114. 58. कपाली ब्रह्महा भवेत् 12. 159. 49. कपाली रैवतस्तथा 13. App. 9.59 post. कपाले यत्र तत्र वा 12. 308. 33. कपाले यदापः स्युः 12. 37. 35". कपाः किमिह वर्तते 13. 142. 84. कपाः सर्वे समाद्रवन् 13. 142. 154. कपिालादो ब्रह्मर्षिः 13. App. 7. 31 pr. कपिञ्जलास्तित्तिराश्च 5. 9. 350. कपित्थधवसंकुलम् 1. 63. 12. कपित्थफलसंकाशैः 12. App. 17C. 140 pr. कपिध्वजस्य चोत्पाते 7. 3. 20%. कपिध्वज केशवसंगृहीतं 8. App. 34. 15. कपिध्वज गाण्डिवबाणहस्तः 6. 22. 10. कपिध्वज प्रेक्ष्य विषेदुराजौ 6. 56. 9. कपिध्वजः पक्षिवरध्वजश्च 8. 68. 554. कपिध्वजः सत्यपराक्रमस्य 8. 637*. 4. कपिध्वजो दृश्यते हस्तिसैन्ये 8. 54. 25deg. कपिध्वजो रथश्चायं 1. 2160*.2 pr. कपिप्रवरकेतनम् 1. 216. 8. 8. 419*. 2 post. कपिप्रवरकेतनः 4. 41.64. 7. 26. 15. 10. 12. 254. कपिमिः समभिद्रुताः 3. 268. 31". कपिरन्तर्दधे दिव्यः 9. 61. 12. कपिराजध्वज संख्ये 7.61. 4". कपिर्वराहः श्रेष्ठश्च 12. 330. 240. कपि_सौ वीक्षते सर्वतो वै 8. 54. 26. कपिलज्ञानचिन्तकैः 12. 330. 29". कपिलवमनुप्राप्ताः 13. App. 9B. 128 pr. कपिलत्वं च संप्राप्ताः 13. App. 9B. 115 pr. कपिलश्च ऋषिश्रेष्ठः 12. 323. 8. कपिलश्च ततः प्राह 13. 181*. 1 pr. कपिलश्मश्रुसंततम् 13. App. 15. 400 post. कपिलस्त्वं च वामनः 12. 43. 12. कपिलस्य गोश्च संवाद 12. 260. 5. कपिलस्य महात्मनः 3. 82. 28deg. कपिलस्य शुकस्य च 12.306.56. कपिलस्यासुरेश्चैव 12. App. 29A. 4 pr. कपिलं कालचोदिताः 3. 106. 1". कपिलं च महात्मानं 3. 105. 25%. कपिलं तुरगं च तम् 3. 106. 21". कपिलं ते समासाद्य 3. 577*. 1 pr. कपिलं परमर्षि च 3. 211. 21". कपिलं प्राहुराचार्याः 12. 326. 64deg; 330. 30. कपिलं मुनिसत्तमम् 3. 106.2". कपिलः कपिरव्ययः 13. 135. 109. कपिला काञ्चनप्रभा 14. App. 4. 1967 post. कपिला कामवृक्षश्च 1.272*. 1 pr. -637 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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