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________________ कञ्चित्पदं मूर्ति न मे निदिग्धं ] स्लोकपादसूची . [कञ्चिदासन्न विह्वलाः कञ्चित्सैन्धवको राजा 7. 103. 44. कच्चित्सौते न ते मोहः 3. 19.6". कञ्चित्स्त्रियः सान्त्वयसि 2. 5.730. काचदानमयाचव 2.0.112. कच्चित्पदं मूर्ध्नि न मे निदिग्धं 1. 184. 15. कच्चित्पराजितस्याद्य 12. 270. 15deg. कञ्चित्पाण्डुसुताः पञ्च 14. 52. 12. कञ्चित्पापं वचनं द्यूतकाले 8. 656*.7. कञ्चित्पार्थ न सीदति 3. 156.64. कञ्चित्पार्थानुवर्तसे 3. 156. 11'. कञ्चित्पितामहेनासीत् 12. 383*. 1 pr. कच्चित्पुत्रा जीवपुत्राः सुसम्यक् 5. 30. 31". कञ्चित्पुत्राः स्थविरस्यानुलोमाः 2. 52.5deg. कच्चित्पुत्रैः प्रीयसे नप्तृमिश्च 5. 32.8. कच्चित्पुरुषकारेण 2. 5. 42". कच्चित्पुरुषसत्तमैः 18. 2. 30. कच्चित्पुष्टाः कृषीवलाः 2. 5. 660. कञ्चित्पूजा स्वनुष्ठिता 5. 387*. 1 post. कच्चित्पौरा न सहिताः 2. 5. 83". कञ्चित्प्रकृतयः षट् ते 2. 5. 136. कञ्चित्प्रकृतयः सर्वाः 3. 262. 3. कञ्चित्प्रमथ्य शिबिरं 10. 8. 30. कञ्चित्प्राणांस्तवार्थेषु 2. 5. 40deg. कञ्चित्प्राणांस्त्वदर्थेषु 2. 5. 85%. कञ्चित्प्राप्स्यन्ति वै सुखम् 14. 52. 13. कञ्चित्प्रियं मे परमं त्वयाद्य 8. 46. 32". कञ्चित्स कदनं कृत्वा 7. 50. 450. कञ्चित्स कर्णो निहतोऽद्य संखे 8. 656*. 11. कञ्चित्स कुशली कृष्ण 5. 88. 39. कञ्चित्स पापो निहतस्त्वयाद्य 8. 46. 354. कच्चित्समागमस्तेषां 3. 157.4". कञ्चित्समागम्य धनुःप्रमुक्तैः 8. 46. 36". कञ्चित्स राजा कुशली सपुत्रः 5. 32, 9. कच्चित्सर्वेऽनुरक्तास्त्वां 2. 5. 40deg, 85. कच्चित्सर्वे महीपालाः 2. 68*. 1 pr. कच्चित्सवत्सा च कृता त्वयाद्य 3. 111. 21". कञ्चित्स वर्णप्रवरो मनुष्यः 1. 184. 16. कञ्चित्स सैन्धवं संख्ये 7. 103. 42". कञ्चित्सहस्त्रैर्मूर्खाणां 2. 5. 24". कञ्चित्संग्रामे विदितो वा तदायं 8. 46. 41": कञ्चित्संजय सा निशि 10. 25*. 1 post. कच्चित्संधिं यथाकालं 2. 5. 15. कच्चित्सुखं स्वपिषि त्वं बृहस्पते 14. 9. 1". कञ्चित्सुखेन रजनी 12. 54, 15". कञ्चित्सुराधिपः प्रीतः 3. 163. 4. कञ्चित्सुहृदयाः सर्वे 2. 68*. 2 pr. कश्चित्सूत्राणि सर्वाणि 2. 5. 1096. कच्चित्स्यात्कुशली नृपः 7. 116. 36. कञ्चित्स्वनुष्ठिता तात 2. 5. 69". कञ्चित्स्वपरराष्ट्रेषु 2. 5. 55*. कच्चित्स्वाध्यायः क्रियते ऋश्यशृङ्ग 3. 111.8. कञ्चिदग्निभयाच्चैव 2. 5. 112". कच्चिदग्निषु ते युक्तः 2. 5. 30*.. कच्चिदङ्गेषु निष्णातः 2. 5. 31". कच्चिदज्ञानसंमोहः 6. 40. 72deg. कच्चिदद्य शरीरं ते 11. 20. 11. कच्चिदन्तपुरा देवाः 2. 68*. 3 pr. कच्चिदन्धांश्च मूकांश्च 2. 5. 113". कश्चिदन्यं समारूढः 7. 122.75%. कञ्चिदभ्यन्तरा जिताः 12. 83. 51. कञ्चिदभ्यवहार्याणि 2. 5.56deg... कञ्चिदभ्यस्यते शश्वत् 2. 5. 110. कच्चिदभ्यागता दूरात् 2. 5. 103". कञ्चिदर्चसि भारत 15. 33.64. कच्चिदर्थं च धर्म च 2. 5. 10. कच्चिदर्थान्विनिश्चित्य 2. 5. 20. कच्चिदर्थाश्च कल्पन्ते 2. 5.7". कच्चिदर्थेन वा धर्म 2. 5. 90. कच्चिदर्थेषु संप्रौढान् 2. 5. 63deg ; 71*. 1 pr. कच्चिदव्याकुला चैव 12. 50. 13. कच्चिदष्टाङ्गसंयुक्ता 2. 5. 53. कञ्चिदष्टादशान्येषु 2. 5. 27. कञ्चिदस्तीह जीवनम् 13. 8. 284. कञ्चिदस्त्राणि भारत 3. 163. 4. कच्चिदस्त्राणि सर्वाणि 2. 5. 111". कच्चिदाचरितां पूर्वैः 2. 5.8%. कच्चिदात्मसमा बुद्ध्या 2.5. 16". कञ्चिदात्मानमन्वीक्ष्य 2. 5. 12". कच्चिदात्मानमेवाने 2. 5. 50%. कञ्चिदाभ्यन्तरेभ्यश्च 2. 5. 586. कच्चिदायस्य चार्धेन 2. 5. 60%. कच्चिदार्यों युधिष्ठिरः 1. App. 114. 129 post. कच्चिदार्यों विशुद्धात्मा 2.5. 93 . . कश्चिदाश्वासि * राजन् 2. 68*.8 pr.. कचिदासन विहळाः 7. 8. 16"... -6070
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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