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________________ अवस्थमभिगच्छन्ति ] महाभारतस्थ [अत्रिस्तुष्टाव तं नृपम् अत्रस्थमभिगच्छन्ति 12. App. 29E. 422 pr. अवस्थत्रिदशान्सर्वान् 12. App. 11.52 pr. अवस्थं देवतैर्ब्रह्म 12. App. 29E. 426 pr. अवस्थं वरदं देवं 12 App. 29E. 424 pr. अत्र स्थास्यन्ति ये नित्यं 3.631*. 1 pr. अत्र स्नातस्य ते भावः 18. 3. 270. अत्र स्त्रातः कृतकृत्यो विशुद्धः 3. 113.25%. अत्र हव्यं च कव्यं च 1. 1759*. 1 pr. अत्रातारमबान्धवम् 13. App. 3. 113 post. अत्राद्याहो निवत्स्यामः 3. 129. 11. अत्राध्यायशतं त्रिंशत् 1.2.210. अत्राध्यायशते द्वे तु 1.2.128. अत्राध्यायास्त्रयः प्रोक्ताः 1.2.231". अत्रानलसखस्यापि 5. 108. 180. अत्रानुवंशं पठतः 3. 129.8% अत्रानुवंशो रुद्रस्य 3. 114. 10. अत्रान्तरे सुमहत्सूतपुत्रः 8. 60. 14. अत्रापि गाथा गायन्ति 7. App. 8. 471AD pr. अत्रापि तत्त्वं परमं 12.290.80%. अत्रापि परिसंख्यातम् 1. 2. 134. अत्रापि परिसंख्याता 1. 181*. 1 pr. 4. 1177*. 2 pr. अत्रापि विधिरुक्तश्च 3. 199. 11. अत्रापि विधिरुच्यते 3. 199. 13. अत्रापि शृणु मे वाक्यं 7. 133.536. अत्रापि स विजानाति 12. 336. 65". अत्रापि सुकृतं कर्म 12. 92. 200. अत्राप्युदाहरन्तीमम् 2. 61. 58. 3. 29. 10%; 31. 20%; 207.6"; 245. 34. 5. 35.50; 95. 11"; 104. 7%3; 131. 10. 7. App. 8. 37 pr. 12. 24. 20; 26. 1303 28.20 37. 363 68.203 73.23; 74. 60; 75.30378.6; 82.20; 83.56; 85. 1"; 93.20399.20 100. 1"; 104.20%3B 112.20% 114.20 117.16 122.1% 123. 100% 124. 1803; 127.20 133. 1%3; 136. 1863 138. 30; 139. [203; 150. 103; 168.863 169.20 170.20%; 171. 4", 550%3B 172.203 173.43; 175.56%3 188.60%3 192. 203 194.2037 203.2038 211.2038 215.303 216.20 221. 30 ; 222. 30; 253. 10%3 257. 1"; 258.20; 259.20 260.50 268.303; 276. 30; 307.30%; 308. 36; 321.7; 324.2%3 338. 8"; 302*. 1 pr. ; 723*. 1 pr. ; App. 15. 3 pr. ; App. 29A. 3 pr. ; App. 29C. 3 pr. 13. 1.903; 2.4"; 6.20 12.203 19. 10%3B 27. 1993; 28.603 32.203; 34. 1943 36. 103 38. 205 52.7%; 61. 484; 63. 2067.2"; 70.2071.56; 81.203; 82.60; 94.303; 100. 10% ; 101. 20; 102. 30; 104.20; 105. 30; 106. 40; 121.203; 125. 40; 137.2%3 30*. 1 pr. ; 373*. 1 pr. ; App. 1. 1 pr., 16 pr., 26 pr.; App. 2.9 pr.; App. 3. 178 pr.; App. 7A, 3pr.; App. 9B. 3 pr. 3 App. 10. 5 pr,3B App. 14. 38A 10 pr. 14. 6.1%; 20. 1"; 21. 1%; 22. 10, 1303; 24. 10%3 25. 103; 26.6%; 28. 6%3 29. 10; 30. 1"; 32. 10; 35.20; 95.4". अत्राप्युदाहरन्तीमाः 3.30.35%%35 136.34. 12. 148. 13%: ___App.4.25pr. अत्राप्युपेक्षां कुर्वीत 12. 208. 4. अत्राप्येते वसु प्राप्य 13. App. 10. 42 pr. अत्राप्लुत्य सुघोरात्त्वं 9. 261*.6 pr. अत्राभिलिखितान्याहुः 11. 7. 12. अत्रामृतं सुरैः पीत्वा 5. 97.4". अत्रायं क्षेमदीयं 12. 105. 20. अत्रायुधानां कृतसंनिवेशे 4. App. 2. 3. अत्रावृत्तो दिनकरः 5. 107. 15. अत्रावृत्य स्थितं ह्येतत् 12. App. 17A. 31 pr. अत्रासुरोऽग्निः सततं 5. 97.30. अत्रास्य विधिवद्यज्ञाः 9. 53.56. अत्रास्या उदयः स्मृतः 5. 109. 12". अत्राह को स्वयं भावः 12.209.40. अत्राहं गालव पुरा 5. 107. 164. अत्राहिताः कृतघ्नांश्च 5. 106. 16". अत्राहुस्त्रितयं नित्यं 12. 600*.2 pr. अत्राह्निकं सुरश्रेष्ठः 3. App. 16. 13 pr. अत्रिगर्ताथ वा पुनः 7. 16. 16. अत्रिणा त्वथ सोमत्वं 13. 141. 12. अत्रिणा दह्यमानांस्तान् 13. 141. 11". अत्रिणा व्याहृतं पूर्व 3.913*. 1 pr. अत्रितः क्षत्रियं वरम् 13. 141. 144. अत्रिर्धीमान्विप्रमुख्यो बभूव 9. 42. 39". अत्रिर्महात्मा भगवान् 12. 131*. 1 pr. अत्रिर्वसिष्ठः शक्तिश्च 13. 151. 36%. अत्रिर्वसिष्ठोऽथ भृगुः 13. 27. 4". अविर्वसिष्ठो भगवान् 13. App. 18.79 pr. अत्रिवंशसमुत्पन्न: 12. 201.6". अत्रिस्तुष्टाव तं नृपम् 3. 183. 10. -48 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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