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________________ अत्र कीर्ति तवानसि] महाभारतस्थ [अत्र प्राप्स्यामि धर्माणां अत्र कीर्तितवानसि 5. 110.24. अत्र कृत्वा यथाविधि 12. App. 19. 132 post. अत्र कैलासमित्युक्तं 5. 109. 18. अत्र कौतूहलं मेऽस्ति 13. App. 1A. 3 pr. अत्र कौन्तेय सहितो भ्रातृभिस्त्वं 3. 134. 390. अत्र क्रोधविषं पार्थ 7.77.5. अत्र गङ्गां महादेवः 5. 109.6%. अत्र गत्वा सुखस्यान्तं 5. 107. 14. अन्न गाथा पुरागीता 5. 100. 14". अत्र गाथा ब्रह्मगीताः 12. 134. 10; 256.7. 13. 35. ".. अत्र गाथा भूमिगीताः 13. 61. 31". अत्र गाथा यज्ञगीताः 12. 60. 464. अत्र गाथा यमोद्गीताः 13. 45. 184. अत्र गाथां यज्ञगीतां 12. App. 4. 47 pr. अत्र गाथाः कामगीताः 14. 13. 11". अन गाथाः पुरा गीताः 12. 313. 31". 13. App. 20. __306 pr. अत्र गायन्तिकाद्वारं 5. 109. 11". अब गीता मया सुलु 9. App. 5. 15pr. अत्र गीता यमोगीताः 13. 107. 39". अत्र गोव्रतिनो विप्राः 5.97. 130. भत्र चाकुशले जाते 12. 258. 46. अत्र चापि नरव्याघ्र 3. 178. 21. अत्र चाहितगर्भायाः 13. App. TA. 197 pr. भत्र चैतन्महावीर्य 4. 38.64. अत्र चैत्ररथं रम्यं 5. 109.9. अत्र ज्योतींषि सर्वाणि 5. 10s. 154. अत्र तिष्ठति वै स्वातिः 5. 109. 120. अत्र तृप्ता हुतवहाः 5. 106. 12. अत्र ते ऋषयः सप्त 5. 109, 120. अत्र ते कथयिष्यामि 3. 49. 360. 12. 30. ". अत्र ते केशसंयुक्ताः 13. App. 15. 1841 pr. अत्र तेऽधर्मनिरता 5.97. 11". भत्र ते ध्रुवमायत्तः 7. 815*. 1 pr. अत्र ते पाण्डवैः सार्धं 9. 3. 43. अत्र ते पृथिवीपालाः 1. 2. 166. अत्र ते राजशार्दूल 12. 25. 224. अत्र ते वर्णयिन्यामि 6. 10. 5. 7. 110. 2. अत्र ते वर्णयिन्येऽहं 12. 146. 20. अत्र ते वर्तयियामि 3. 10.6%181. 10.5. App. 9. 10 pr. ll. 5.20. 12. 19. 10% 20. 64. 10%; 79.903; 125.0223.24; 260.4"; 263. 203; 264. 2038 27.20; 979. 30%; 310. 10"; App. 29E. 19 pr. 13. 10.30; 11. 26; 40. 20; 58. 3203; 100. 20; 107. 40; 118. 6"; App. 3A. 7pr. 14. 11. 6". अत्र ते वर्तयिन्येऽहं 12. 224. 6"; 288.20; 291. 70; 298. 30. अत्र तेषामधीकारः 12. 285. 25. अन ते संशयो मा भूत् 12. 290.96". 13. App. 19. 27pr. अत्र ते हृदयं वेद 1. 68. 254. अब त्वं भ्रातृभिः सार्धं 3. App. 14. 10 pr. अव त्वं सह सोदयः 3. 125. 11: अत्र दत्तानि सूर्येण 5. 106. 11". अत्र दिव्यं हयशिरः 5, 97.5M. अत्र दुष्कृतकर्माणः 5. 107. 14. अत्र देवर्षयो नित्यं 5. 107.5*. अत्र देवीं दिती सुप्तां 5. 108. 86. अत्र देव्या तपस्तप्तं 5. 109.74. अत्र द्यूतस्य निश्चयः 7. 105. 18. अत्र धर्मश्च सत्यं च 5. 107.6. अत्र धर्मो न दुष्यति 1. 206. 264. अत्र ध्वजवती नाम 5. 108. 136. अन्न नः प्रथम स्थाता 3. 183. 12. अत्र नः संशयो महान् 3. 183. 19. अत्र नानाविधाकाराः 5. 97. 8. अत्र नानाविधाननीन् 3. 207.20%. अन नारायणः कृष्णो 5. 109.4". अत्र नित्यं दिशापालाः 5. 109.230. अत्र नित्यं स्रबन्तीनां 5. 108. 16". अत्र निर्याणकालेषु 5. 107.20*. अत्र निःश्रेयसं यन्नः 12.59.27. अत्र नो धर्मसंशयः 13. 44. 48. अब नो मुह्यतां राजन् 13. 49.2. अन नो यतमानानां 5.70. 41. अन पन्नगराजस्य 5, 108. 176. अत्र पश्चात्कृता दैत्याः 5. 108.50. अब पश्चादहः सूर्यो 5. 108.20. अत्र पातालमाश्रित्य 5. 106. 12. अन पिङ्गलया गीता 12. 168. 46. अब पीत्वा समस्तान्वै 5. 10s. 4. अत्र पूर्व वसिष्ठस्य 5. 106. 134. अत्र प्राणाश्च राज्यं च 5. 149. 35. अत्र प्राप्ता सुखावहा 3.247.26. अत्र प्राप्स्यामि धर्माणां 13. App. 7A. 19pr. -46
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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