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________________ एकार्थानां पितामह ] श्लोकपादसूची [एकीभूताः पुनश्चैव pr. . एकार्थानां पितामह 12. 264. 1. एकार्थानि पुराणानि 1. App.66. 23 pr. 12. App. 13. 23 pr. एकार्थानीति नः श्रुतम् 12. 260. 12. एकार्थानीति नान्यथा 1. App. 66. 22 post. ____12. App. 13. 22 post. एकार्थीश्च पृथक् श्रुतीन् 1. App. 111. 35 post. एकार्थाः सुखदुःखेषु 5. 54. 24. एका विद्धा शकुन्तिका 1. 57.784. एका शताधिका बाला 1. App. 63. 21 pr. एकाश्रमे तिष्ठसि शोभमाना 3. 249. 1. एकाश्वेन च राजर्षिः 13. 12.76. एकाश्वेनापि संभूतः 12..58. 18*. एकासनगतौ दृष्ट्वा 5.58. 10. एकासने महात्मानौ 5. 92. 48deg. एकासनोपविष्टौ तौ 3. 44. 27". एका सृग्वाशते घोरं 5. 141. 22. एका स्वादु समभातु 13. 95.70deg ; 96. 38. एकामथ मां पीत्वा 13. App. 20. 204 pr. एकाहमपि कौन्तेय 13. 445*. 1 pr. 14. App. 4. 854 pr. एकाहमिति राजेन्द्र 7. 303*. 2 pr. एकाहं वेनि कल्याणि 3.222.51. एकाहं वेद्मि कोशं वै 3. 222. 54. एकाहादिति भारत 8.51. 46. एकाहारकरी दत्त्वा 13. 339*. 1 pr. एकाहारो भवेन्नरः 13. 109. 279, 38. एकाहार्य जगत्सर्व 3. 188. 40". एकाह्रा दास्यति पुनः 7. App. 8. 706 pr. एकाह्ना द्रव्यनाशनम् 4. 1074*. 4 post. एकाह्ना द्रव्यनाशोऽत्र 3. 14.9%. एकाह्रा निर्दहेगीष्मः 6. App. 4. 136 pr. एकाह्रा निर्दहेयं वै 17. 2. 21". एकाला पुरुषव्याघ्र 3. 69. 9. एकाह्रा पृथिवी तेन 3. 126. 36%. एकाह्वा पृथिवीपते 3. 75. 5. एकाह्रा प्रतिजग्राह 1. 1113*. 6 pr. एकाह्रा विनिहत्येमं 9. 55. 22deg. एकाह्वा समपद्यत 12.29. 80. * एकाहा सर्षमुत्सृज्य 13. App. 15. 4081 pr. एकाह्वा स व्यजीजयत् 7. App. 8. 543 post. एकाह्रा ससुहृवर्गाः 7. 38. 24deg. एकाह्ना सुमहाबलः 3. 176. 33%. एकाह्वाहममर्ष च 7. 56. 974 एकाह्वा हयतत्त्वज्ञ 3.69.2. एकाह्वा हि रणे भीष्मः 6. 55. 670. एकाद्वैव परंतप 5. 160*. 1 post. एकाद्वैव महामनाः 3. 38. 28. एकाद्वैवाजयत्सर्वं 3. 221. 79. एका ह्यहं संप्रति तेन वार्च 3. 250. 3". एकां च कपिलां नरः 14. App. 4. 1808 post. एकां च दशगुर्दद्यात् 13. 77. 10deg. एकां च भारतकथां शृणुयात्समग्र 12.2*.7. एकां तृप्तिं प्रयच्छताम् 1. 215.2". एकां दत्त्वा स पारक्यां 14.93. 74deg. एकां नाभिं सप्तशता भराः श्रिताः 1. 3. 640. एकां रात्रि विहृत्यैवं 15. 41. Il". एकांशं न क्षमी कथम् 4. 316*. 2 post. एकांशं वै पितुर्धनात् 13. 47. 11". एकांशेन जगत्सर्वे 12. App. 17B. 66 pr. एकांशेन स्थितो जगत् 6. 32. 42d. एकांशेनावसद्गृहान् 2. App. 21. 409 post. एकांशेनाहरत्सेनां 2. App. 21. 409 pr. एकांशोऽयमजायत 7. 1428*. 9 post. एकांशो यः प्रधानतः 13. 47. 58. एका स्नेहेन पश्यति 13. App. 20. 161 post. एकी उत्थातपारतौ 1. 2001*. 1 post. एकीकृत्येन्द्रियग्रामं 12. 46. 18"; 50. 9. एकीभावगतोऽभवत् 12. 337. 28deg. एकीभावत्वकारणात् 14. App. 4. 3078 post. एकीभावमनुप्राप्ते 8. 35. 54. . एकीभावस्त्वया मेऽस्तु 12. App. 17B. 113 pr. एकीभावं गता राज्ञा 1. App. 103. 15 pr. एकीभावं गते चैव 8. 24. 1176. एकीभावं गमिष्यन्ति 8. 24. 11: एकीभूत इव प्रभो 10. 8. 136'. एकीभूतस्तदा राजन् 3. 163. 28deg. एकीभूतस्य न ह्यस्य 12. 274. 46. एकीभूतं च तत्तेजः 12. 350. 13. एकीभूतं तपसां संनिधानं 7. 172. 60". एकीभूतानपि रणे 5. 164. 18. एकीभूतानि भारत 3. 163. 27'. एकीभूताश्च पूज्यन्ते 1. 7. 9. एकीभूतास्ततस्तास्तु 9. 37. 27. एकीभूतास्ततः सर्वे 6. 100. 154. 16. 4. 29". एकीभूतास्ततो वीराः 3. 237. 15. एकीभूताः पुनश्चैव 6.74. 24. -525 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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