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________________ उवाच दासीति हसन्निवोनः] श्लोकपादसूची [ उवाच प्राञ्जलिर्भूत्वा उवाच दासीति हसन्निवोग्रः 2. 60. 37. उवाच दितिनन्दनः 3.94.5. . उवाच दिष्टया कुरवः 1. 192. 17. उवाच दिष्टया भवतां शिवेन 3. 180. 22deg. उवाच दीनया वाचा 5. 186. 36. उवाच दीनो राजा च 1. 2019*. 1 pr. उवाच दीव्याव पुनः 3.77. 4. उवाच दुर्धर्षतमं 6. 41.63. उवाच दुर्धर्षमदीनसत्त्वं 8. 47. 12. उवाच दुष्कृतं किंचित् 15. 3. 14deg. उवाच देवकीपुत्रं 9. 23. 14. 11. 12. 10. उवाच देवकीपुत्रः 6. 113. 31. 9. 26. 2. 12. 54*.2 pr. उवाच देवताः सर्वाः 13. App: 14. 437 pr. उवाच देवमीशानं 12. 330. 63. उवाच देववचनं 1. 233*: 6 pr. उवाच देवान्मण्डूकः 13. 84. 226. उवाच देवी राजानं 15.29. 14. उवाच देवीं गान्धारी 11. 25. 43. उवाच देव्या वचनम् 3. 239*.2 pr. उवाच देशकालज्ञा 3.57. 11'. उवाच द्रौपदीमार्ता 4.493*. 6 pr. उवाच द्रौपदी भीष्मः 2. 537*.2 pr. उवाच द्रौपदी राजा 3. 101.2 pr. उवाच द्रौपदी सूतः 2. 60. 11. उवाच द्विजपुंगवः 3. 241. 26. उवाच धर्मपुत्रं तं 4. 151*. 4 pr. उवाच धर्मपुत्राय 14. App. 4. 849 pr. उवाच धर्मभृत्पार्थः 8. 69. 21. . उवाच धर्मराजानं 13.67. 11. 17. 2. 4. उवाच धर्मसूक्ष्माणि 12. 254. 4. उवाच धर्मान्सूक्ष्मार्थान् 14. App. 4. 57 pr.. उवाच धीमान्कौन्तेयः 5. 155.24. उवाच नागरान्सर्वान् 1. 152. 13. उवाच नारदश्चैनं 7. App. 8. 332A 1 pr. उवाच नारायणमप्रमेयं 8. 637*. 3. उवाच नियमज्ञा च 9. 47. 84. उवाच नियमज्ञां तां 9. 47. 11. उवाच नृपतिः काले 1. 168.7.. उवाच नैषधं भैमी 3. 56. 14. उवाच पतितं भूमौ 12. 263. 18%. उवाच पद्मनाभस्य 13. App. 3A. 54 pr. उवाच परमक्रुद्धः 3. 8. 15%. उवाच परमक्रुद्धा 4. App. 14. 17A l pr. उवाच परमप्रीतः 1. 133. 13%; App. 77. 29 pr.; App. 114. 122 pr.; App. 118.69 pr. 2. App. 21. 994 pr.; App. 43. 94 pr. 3. 275. 46deg; 506*. 5 pr. 7. 433*.2 pr.; App. 18. 4 pr. 12. App. 29E. 351 pr. उवाच परमप्रीता 1. App. 114. 407 pr. उवाच परमं वाक्यं 9. 62. 55*. उवाच परमार्थज्ञः 12. 136. 1280. उवाच परमाशिषः 1. 2072*. 1 post. उवाच परमेश्वरः 13.73. 154.. उवाच परिसान्त्वयन 3. 124. 4. 12. 139. 47. उवाच परुषं वाक्यं 9.35. 48. उवाच पलितं भीतः 12. 136. 111". उवाच पाण्डवं चैव 7.960*.3 pr. उवाच पाण्डवान्सर्वान् 12.54.78. उवाच पाण्डुतनयः 7. 118. 22deg. उवाच पार्थ पश्यैतान् 6. 23. 25deg. उवाच पार्थ बीभत्सुं 6. 55. 40%; 102. 30deg. उवाच पार्थ वार्ष्णेयः 1. App. 119.2 pr. उवाच पार्थः शुभमन्दया गिरा 4. 633*. 15. उवाच पार्थिवान्सर्वान् 2. 42.5deg.. उवाच पार्थो मा भैषीः 4. App. 39. 5 pr. उवाच पार्वतीनाथं 9. 235*. 1 pr. उवाच पितरं धीमान् 14. 82.-25deg. उवाच पुत्रमाश्लिष्य 5. 144. 23. उवाच पुत्रांश्च ततः 13. 12. 200. उवाच पुत्रो गङ्गायाः 6. 491*.2 pr.. उवाच पुरुषव्याघ्र 4. App. 32. 12A 1 pr.. उवाच पुरुषश्रेष्ठ 12. App. 29E: 204 pr... उवाच पुरुषोत्तमम् 1. 58. 51. .. उवाच प्रणतो रुद्रं 7. 41. 14. .. उवाच प्रणयाद्राजन् 8. 1008*. 1 pr.. उवाच प्रतिनादयन् 3.205.26deg. . उवाच प्रतिपूज्य च 1. 65. 44. उवाच प्रयताञ्जलिः 13. 12. 39". उवाच प्रयतो वाक्यं 3. 195*.2 pr. . उवाच प्रश्रितं वाक्यं 3. 262:29. 9. 62. 37. उवाच प्रहसन्निव 1. App. 118. 100 post. 5.7.9. . 13. App. 1A. 454 post.. उवाच प्रहसन्वाक्यं 5. 140. 1. 11. 8. 23deg. उवाच प्राञ्जलिर्भीष्मं 5.93.34". उवाच प्राञ्जलिर्भूत्वा 3. 1248*. 1 pr. 7. App. 8. 133 pr.." 9.5. 226. 12. 250. 1. पादसूची-62 -489 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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