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________________ उलूपी नाम पन्नगी] श्लोकपादसूची [उवाच गच्छेति तदा उलूपी नाम पन्नगी 1. 206. 184. उलूपी निजमन्दिरम् 1. 2029*. 2 post. उलूपी पृच्छयतामिति 14. 81. 214. उलूपी प्राह वचनं 14.78. 10.. उलूपी भुजगात्मजा 17. 1.254. उलूपी पन्नगसुतां 14.79.20. उलूपी पन्नगात्मजाम् 14.79.8. उलूपी मां निबोध त्वं 14.78. 11". उलूप्या कामयानया 1. 206. 136. उलूप्या पथि संगमः 1. 2.91'. उलूप्या सह तिष्ठन्तीं 14. 81. 17. उल्का चाप्यपसव्यं तु 2.71.26. उल्का ज्वलन्ती संग्रामे 7.6.27. उल्कावाला महाराज 9. 45.61. उल्कापातकृतं यद्वत् 8. 11.25. उल्कापातश्च संजज्ञे 8.26.34deg. उल्कापाता दिशां दाहाः 12. 320. 4. उल्कापाताश्च बहवः 3. 188.74deg. उल्काभिरिव कुञ्जरम् 4. 43. 124.7. 84. 10. 8. 34. 35%3B 58. 24. 11. 18. 250. उल्काभिरिव कुञ्जरः 6. 386*. 2 post. उल्काभिरिव कुञ्जरान् 9. 89*. 1 post. उल्काभिरिव कुञ्जरौ 7. 137. 144. उल्काभिरिव चक्रतुः 4. 53. 380.. उल्काभिरिव संवृतम् 7. App. 15. 6 post. उल्काभिर्हि प्रदीप्ताभिः 5. 136. 21. उल्काभिश्च प्रदीप्ताभिः 4. 798*. 5 pr. उल्काभिः संप्रदीप्तायाः 8. 36. 16. उल्का भूमि दिवः पेतुः 9. 10. 15. उल्काशतैः प्रज्वलितैः 7. 139. 40. उल्काशतैः संप्रदीप्तं 9. 13. 9. उल्काश्च गगनात्पेतुः 7. 1419*. 2 pr. उल्काश्च घोराः सहसा निपेतुः 8. 1083*. 2. उल्काश्च जतिरे सूर्य 14. 76. 16. उल्काश्च ज्वलितास्तस्य 12. 273. 3. उल्काश्च शतशः पेतुः 5. 183.220. उल्काश्चाङ्गारवर्षिण्यः 16. 1. 3. उल्काश्चापि ज्वलिताः कौरवेन्द्र 7. 154. 25. उल्कासहस्रैश्च सुसंप्रदीप्तैः 6. 55. 132. उल्कां प्रज्वलितामिव 7. 165. 5703; 1339*. 2 post. 9. 10. 44. उल्काः पेतुर्दिवो भूमौ 9. 22. 21. उल्मुकश्च महाबलः 4. 1155*. 1 post. उल्मुकं तु समुद्यम्य 1. 158. 3". उल्मुकं भ्रामयंस्तूर्ण 1. 158. 23deg. उल्मुको निशठश्चैव 2. 31. 16. 7. 10. 28. उल्मुचुः प्रमुचुस्तथा 13.51. 32. उल्लपन्त्या समाश्वासं 5. 134.6deg. उल्ललास स हर्षेण 1. 1945*. 4 pr. उल्लाळयन्धाक्यमिदं बभाषे 7. 20*. 4. उल्लिखन्तमिवाम्बरम् 8. App. 36. 11 post. उवाच ऋत्विजश्चैव 12. 806*. 11 pr. उवाच क इहेत्युच्चैः 1. 65. 2. उवाच कन्यामभ्येत्य 3. 287. 12deg. उवाच कन्यां याचामि 1. 418*.2 pr. उवाच कर्ण प्रहसन् 7. 917*. 2 pr. उवाच कणं भृशमुत्स्मयंस्तदा 8. App. 35. 4. उवाच कर्णो धृतराष्ट्रपुत्रं 5. 61. 1. उवाच करें हस्ताभ्यां 3. App. 6. 107 pr... उवाच कालवालोऽयं 13. App. 1A. 157 pr. उवाच काले कालज्ञा 15. 13.6. उवाच काले दुर्धर्षः 5. 64. 3deg. उवाच काले वचनं वदान्या 1. 184. 4. उवाच किमिदै पार्थ 8. 49.2. उवाच किंचिदुद्दिश्य 18. 13*.8 pr. उवाच किं पाण्डव हे प्रमाद्यसि 8. App. 41. 12. उवाच कुन्ती धर्मात्मा 1. 114. 24. उवाच कुम्भकर्णस्य 3. 270. 19. उवाच कुरुनन्दनम् 2. 28. 32. उवाच कुरुसत्तमः 12. 58. 27. उवाच कुरुसंनिधौ 4. App. 46. 12 post. उवाच कुरुसंसदि 5. 160. 25*. उवाच कृष्णाममिसान्त्वयंस्तदा 4. 13. 10. उवाच कृष्णां किमहं ब्रवीमि 2. 60. 174. उवाच के भवन्तो वै 18. 2. 39. उवाच को न्वेष ममाद्य नागः 8. 66. 22. उवाच कोपं प्रतिसंहरेति 6. 55. 99. उवाच कोपानिःश्वस्य 7. 166. 18. उवाच कौरवं राजा 1. 126. 37. उवाच कौशिक रात्री 12. 139. 46. उवाच क्रियतामिति 3. 123, 14. उवाच क्रोधताम्राक्षी 12. App. 30. 22 pr. उवाच क्षत्तर्बलवान् 1. App.73. 102 pr.. उवाच खचरारणे 3. 233. 11'. उवाच खस्थं किमपि 12.323. 46. उवाच गच्छेति तदा 12. 312.6". - 487
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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