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________________ उमा लक्ष्मीः सरस्वती] श्लोकपादसूची [उलूक गच्छ कैतव्य उमा लक्ष्मीः सरस्वती 3. 149*. 1 post. उमा शची सिनीवाली 9. 44. 12. उमासखस्य देवस्य 1. App. 114. 181A 1 pr. उमासहायो भगवान् 3. 1227*. 12 pr. 6. 7. 230. 14.8. 36. उमासहायो हरिदक् 3. 163. 42. उमासुतो वैश्रवणात्मजो वा 4. App. 9. 7. उमा देवीं विजानीत 14. 43. 150. उमा प्राणैरपि प्रियाम् 12. App. 28. 69 post. उमां मां च जगद्धितः 13. 15. 49. उमां यथा देवगणाः समेताः 1. 178.4. उमां रुद्रं च ते सुराः 7. 173. 63. 13. 145. 34. उमा शर्वस्तदा दृष्ट्वा 13. 127. 376. उम्लोचेत्यमिविख्याता 1. 114.54deg. उरगत्वमवाप्तवान् 1.240*. 1 post. उरग सत्यमस्तु तत् 13. App. 14. 508 (subst.) 4 post. उरगा इव संघशः 6. 83. 276. उरगाणां मनांसि ते 1. 47. 19. उरगावासिनं चैव 2. 24. 18. उरगेणायतेक्षणाम् 3. 60. 26. उरगैर्दिव्यमानुषैः 2. App. 29. 67 post. उरगो नाम दुष्प्रापः 13. App. 1A. 238 pr. उरगो वा भवान्यदि 3. 177.4. उरश्छदैविचित्रैश्च 7. 88. 14. उरश्छदैविमुक्ताश्च 8. 17. 106%. उरश्छदैस्तथा चित्रैः 7. App. 21. 25 pr. उरसा धारयन्निष्कं 7.91. 26deg; 150.8. उरसा प्रतिजग्राह 7. 28. 17. उरसा रुद्रमेव च 12. 305. 44. उरसावलिनं चैव 2. 277*. 2 pr. उरसि त्रिंशतं दद्यात् 14. App. 4. 3316 pr. उरसेव प्रणमसे 12.275.30. उरस्तः क्षत्रियः सृष्टः 5. 130.7. उरस्ताडं रुदन्त्यश्च 1. 1292*. 3 pr. उरस्यताडयत्पा) 4. 1018*. 2 pr. उरस्यपि च पृष्ठे च 6. 86. 330. उरस्यभूनरश्रेष्ठ 6.71. 18deg. उरस्यविध्यत्संक्रुद्धः 5. 181. 14. उरस्यविध्यद्राजानं 8. App. 18. 59 pr. उरस्येनमविध्यताम् 9. 14.21". उरस्येनं समाजप्ने 1. App. 93. 16 pr. उरस्यैर्मणिमिनिष्कैः 7. 162. 46. उरः शिरश्च चत्वारः 3.424*. 2 pr. उरःस्थितो गवां ब्रह्मा 13. App. 9. 143A 1 pr. उरःस्थेन बभौ तेन 6. 107. 44". उरःस्थैरथ तद्वाणैः 8. 17.64". उरांसि पाणिमिनन्त्यः 3. 170. 57. 16. 8. 17. उरांस्युरोभिरन्योन्यं 6.89. 30deg. उरुण्डा वामनाः कुब्जाः 3. 198. 35*. उरोगतविशालाक्षं 3. 263. 25". उरोघण्टाविभूषितान् 8. 17. 1134. उरो प्रती कष्टतरं तदानीं 3. 1204*. 5. उरोमध्यगतैस्तदा 7. 104. 23. उरो मुखं च शनकैः 15. 6. 27. उरो विशालं च तथैव वर्म 9. 16. 49. उरोहस्तं ततश्चके 2. App. 7.8 pr. उर्वर्याय निषङ्गिणे 7. 421*. 8 post. उर्वशीकृत्तिकायोगे 13. 26. 430. उर्वशी क्रोधमूर्छिता 3. App. 6. 130 post. उर्वशी गृहमात्मनः 3. App. 6. 137 post. उर्वशी चाकरोत्स्नानं 3. App. 6. 37 pr. उर्वशी चाभवत्पुरा 7. App. 8. 493 post. उर्वशी चैव राजेन्द्र 1. 1226*. 1 pr. उर्वशी तव मानद 3. App. 6. 147 post. उर्वशीतीर्थमासाद्य 3. 82. 136*. उर्वशी पूर्वचित्तिश्च 1. 68. 676. 12. 319. 20. उर्वशी मिश्रकेशी च 3.44.29. उर्वशी मेनका रम्भा 13. 151. 10*. उर्वशीशापसंभूतं 4.758*. 1 pr. उर्वशी शुभलोचना 3. App. 6.69 post. उर्वशी ह्यभवत्पुरा 12.29. 61'. उर्वशी पुरुषव्याघ्र 3. App. 6. 4 pr. उर्वश्या अपि शापेन 4.62*. 1 pr. उर्वश्या कारणान्तरे 4.53*. 1 post. उर्वश्यायप्सरोगणैः 2. 59*. 2 post. उर्वश्या वचनं श्रुत्वा 12. 319. 236. उर्वश्या सहितः पुरा 1. App. 47. 23 post. उर्वश्या सहितो विराट् 1. 70. 21'. उर्वश्यां च पुरूरवाः 5. 115. 14. उर्वश्यां जनितस्तदा 1. 659*. 1 post. उर्वश्यां जनितावुभौ 1. App. 37. 21 post. उर्वश्यां राजसत्तम 13. App. 7. 25A l post. उर्वश्येकादशीत्येताः 1. 114. 54. उर्वारुकमिव बन्धनात् 12. App. 28. 183A 2 pr. उामिव महाद्युतेः 8. 5.5. उलक गच्छ कैतव्य 5. 157. 30; App. 12. 91 pr. . - 485 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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