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________________ उपासन्ते महेश्वरम् ] महाभारतस्थ [ उपेक्षते तेषु स न्यूनवृत्तिम् उपासन्ते महेश्वरम् 3. 80.89. उपासन्त्यशिवाः शिवाः 7. 50. 381.. उपासर्पत तं वत्सं 13. App. 20. 197 pr. उपासर्पत वेगेन 8. 35. 52deg ; 473*. 1 pr. उपासर्पत्सुदुःखितः 3. 236. 51. उपासांचक्रिरे तदा 14.70..111... उपासांचक्रिरे देवं 12. App. 24. 17 pr. उपासांचक्रिरे नित्यं 9. 36. 17. उपासांचक्रिरे पार्थ 3. 282. 25deg. उपासांचक्रिरे विप्रं 1. 153. 5.' उपासांचक्रिरे सर्वे 5. 89. 10. 6. 495*. 1 pr. उपासांचक्रिरे सुराः 1. 91. 3. : उपासितं यथास्माभिः 11. 7.8*. 1 pr. उपासिता च वृद्धानां 12. 57. 200. उपासितास्ते राधेय 5. 138. 6. उपासितुं पुनः प्राप्ताः 3. 353*. 4 pr. उपासिष्ये ततः संध्यां 13. 20. 76. उपासिष्ये विवस्वन्तं 6. 115. 50deg. उपासीत जनः सत्यं 12. 186. 12. उपासीत शचीपते 12.242*. 1 post. उपासीतैव मामधः 5. 35. 12. उपासीथा युधिष्ठिर 15. 9. 10. उपासीनमुपासते 12. 203. 314. उपासीनश्च पाषण्डान् 12.292. 20. उपासीनस्य तस्याथ 7. 121. 36". . उपासीनस्य धनदं 3. 156. 28deg. उपासीना गृणन्तोऽग्निं 13. App. 3A. 436 pr. उपासीनामनिन्द्याङ्गी 13. 40. 55. उपासीना महर्षयः 13. App. 1. 25A 1 post. उपासीना वासुदेवस्य बुद्धिं 5. 28. 11'. . उपासीनेषु विप्रेषु 3. 222.1". उपासीनो महाभुजः 14. 1. 6. उपासीनो युधिष्ठिरः 2. 6. 6. 3. 49. 316.. उपासेधन्यतव्रताः 6. 15. 300. उपासेयं यथातथम् 13. 94. 34". उपासे संहितां जपन् 12. 192.784... उपास्तमयवेलायां 10. 1. Y.. उपास्ता च भवेत्संध्या 3. 82. 82. . उपास्तां वै धनेश्वरम् 2-App. 3. 30 post. उपास्ते गणयन्निशाः 12. 308. 151". उपास्ते त्वां नरव्याघ्र 13. 152. 30. उपास्ते धनदेश्वरम् 2. App. 3. 10 post. उपास्ते भैक्षमेव च 13. 131.49 उपास्ते भ्रातरं प्रभुम् 2. App. 3. 13 post. उपास्ते यः पुमानिह 13. 27. 704. उपास्ते वै मृधे द्रोणं 11. 23. 36. उपास्ते स्म विनीतवत् 5. 146. 6. उपास्ते स सभायां यं 4. 17. 28. उपास्यते तिग्मतेजाः 2. 3. 12.6.7. 43. उपास्य पुण्यं लब्ध्वा च 3. App. 13. 16 pr. उपास्य बहुलास्तस्मिन् 12. 258.75*. उपास्यमानमृषिभिः 3. 101. 12. उपास्यमानं ब्रह्माणं 12. App. 17A. 129 pr. उपास्यमानं मुनिभिः 12. 50.7". उपास्यमानं वीरेण 18. 4. 36... उपास्यमानं व्यासेन 13. 153. 136. उपास्यमानं सचिवैः 4. 498*.3 pr. उपास्यमाना गन्धर्वैः 13. 116. 71.. उपास्यमानान्बहुभिः 8. 14. 51". उपास्यमानान्भीमेन 1. 1519*. 1 pr. उपास्यमानान्सगणैर्जातु सर्वान् 1. 42*. 3. उपास्यमानाः पुरुषैः 1. 134. 10. उपास्यमानो बहुभिः 7. 61. 14.14. 15. 30. उपास्य वै तत्त्वमृषिभविष्यसि 12. 306. 1078. उपास्यश्च महात्मभिः 12. App. 14.24 post. उपास्य संध्यां विधिवत्परंतपाः 12.58. 30%. उपास्य साधनं त्वेके 14. 48. 20. उपास्यः कालपर्ययात् 12. 220. 71. उपास्या गुरुवच्च ते 13. 8. 22. उपास्यैव मया पुरा 14. App. 4. 2574 post. उपास्स्व कौन्तेय सहानुजस्त्वं 3. 649*. 1. उपाहरत्फल्गुनो जातवेदसे 5.22. 13. उपाहरदनेकानि 5.89. 39. उपाहृतं नरैस्तत्र 1. App. 71.2 pr. उपाह्वयन्ति यं विप्राः 13. App. 9B. 58 pr. उपांशु तदनुस्मरन् 4. 623*. 2 post, उपांशुर्विविधः स्मृतः 12.59. 43deg.. उपांशुविहितं कृतम् 3. 297.5. उपांशुव्रतमादिशम् 13. 144. 45. उपांशुव्रतमुत्तमम् 13. 37.2. उपेक्षकत्वादन्यत्वात् 12. 303. 10. उपेक्षकश्च प्रकृतेः 13. App. 11. 425 pr. उपेक्षकः शुचिर्व्यग्रः 13. App. 11. 331 pr. उपेक्षकः शुचिस्ताभ्यां 13. App. 11. 296 pr. उपेक्षको यताहारः 12. 232. 27%. उपेक्षते तेषु स न्यूनवृत्तिम् 5. 23. 16"... -478 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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