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________________ उपहारानाहरन्तः] महाभारतस्थ [उपादानं मनोहरम् उपहारानाहरन्तः 3. 204. 190. उपहारांस्तथैव च 12.66. 24deg. उपहारैर्वञ्चयित्वा 1. 135*. 2 pr. उपहारैश्च मानद 7. 172. 84. उपहारैः स्तवैरपि 13. App. 15. 4387 post. उपहास्यो भविष्यसि 8. App. 18. 102 post. उपहृत्य जनार्दने 5. 89.9. उपहृत्य प्रियं तस्मै 12. 36. 20deg. उपहृत्य यथाबलम् 12. 234. 27'. उपह्वरेऽतिव्यथिता 7. App. 8. 492 pr. उपह्वरे निवसतः 12. 29. 61". उपह्वरे वासुदेवस्य धीरः 5. 47. 3. उपाकरोदस्त्रहेतोः 1. 155. 51deg ; App. 79. 144 pr. उपाकर्म च भारत 1. App. 67.25 post. उपाकर्मोष्ठरुचकः 2. App. 21. 156 pr. उपाकुरुष्व तद्राजन् 3. 261. 21. उपाकुर्मि तवाग्रतः 10. 7. 55. उपाकृत्य गुरोर) 14. 56. 90. उपाकृत्य तु विप्राय 12.124. 43. उपाकृत्य तु वै विद्यां 7. 122. 21". उपाक्रोशंस्तदान्योन्यं 4. 577*. 1 pr. उपाख्यानमनन्तरम् 1. 2. 115; 128*. 15 post. उपाख्यानमिदं तथा 7. App. 8. 44A 2 post. उपाख्यानमिदं शक्र 5. 18. 16". उपाख्यानमिदं सर्व 12. App. 15. 47 pr. उपाख्यानशतानि वै 12. 326. 114. उपाख्यानं तदा चाह 4.315*. 6 pr. उपाख्यानं प्रकीर्तितम् 1. 2. 90%. उपाख्यानानि भागशः 1. 2. 1244. उपाख्यानानि सर्वशः 1. 128*. 52 post. उपाख्यानविना तावत् 1. 1. 61. उपाख्यानैः सह ज्ञेयं 1. 27*.2 pr.; 486*. 1 pr. उपागच्छत्सकिंकरः 3. 282. 38. उपागच्छत्स वैदेहीं 3. 1255*. 1 pr. उपागच्छद्वृथामतिः 2. 13. 294. उपागच्छन्ति तं नरम् 13. App. 14. 433A 1 post. उपागच्छन्ति शाश्वतम् 13. App. 14. 434A 1 post. उपागतं पाण्डवानां सकाशात् 5. 32. 3. उपागतं शातय शीघ्रमेनम् 8. App. 34. 14A 2. उपागमस्ततो देवाः 1. 112. 8. उपागम्य रणे व्रतम् 7. 16. 27. उपागम्य शतक्रतुम् 12. 272. 32. उपागम्य स घोषे तु 2. App. 6. 49 pr. उपागृहाद्यमिन्द्राय 2. 49. 14".: उपाघ्राति च यो गन्धान 3.219. 49". उपाचरद्धोरतपो जितात्मा 15.25. 18%. उपाजगाम कौरव्यं 5. 19. 21. उपाजगाम भर्तारं 13. 97. 13. उपाजग्मुरमित्रघ्न 1. 172. 9deg.. उपाजग्मुर्धनं गृह्य 1. 105. 16. उपाजहुर्यथान्यायं 15. 1. 18. उपाजहुर्विशश्चैव 2. 48. 32. उपाजहुश्च सलिलं 3. 145. 33deg. उपाजकुस्तमास्थाय 7. 122.85%. उपाजहः सहस्रशः 4.54. 18d.. उपाजहुः सहामात्यं 1. 128.5. उपाजिघ्रत मूर्धनि 1. 2070*. 1 post. उपाजिघ्रद्यथान्यायं 14.91. 4. उपाजिघ्रन्त च तदा 13.50.10. उपातिष्ठत कल्याणी 4.21.24. उपातिष्ठत तत्र सा 5. 13.244. उपातिष्ठत तद्वेश्म 3. App. 6. 70 pr. . उपातिष्ठत दारुकः 5.421*.2 post. उपातिष्ठत धर्मज्ञः 9. 49.9". उपातिष्ठत पाञ्चाली 4. 16. 6%; 344*. 1 pr. उपातिष्ठत भारत 15. 24. 184. उपातिष्ठत माधवः 5. 87.22; 92.64. उपातिष्ठत मेधाभः 4. 16. 11. उपातिष्ठत शंकरः 12. 149. 1060. उपातिष्ठत सा सूर्य 4. 14. 19. उपातिष्ठदुपश्रुतिः 5. 14. 1'.. उपातिष्ठन्त तं नृपम् 15. 9.6"..' उपातिष्ठन्त तौ स्त्रियः 1. 204. 8. उपातिष्ठन्त राजानं 15. 1. 17. उपातिष्ठन्नथो वैद्याः 6. 115. 51". उपातिष्ठन्परतपाः 4. 123*. 2 post. उपातिष्ठन्महात्मानं 3.32*.2 pr. उपातिष्ठं कृताञ्जलिः 3. 164. 51". उपातिष्ठेथा ब्राह्मणान्ये तदर्हाः 5. 30.7.. उपात्तधनधान्यानि 2. App. 41. 37 pr. उपात्तमस्त्रं घोरं वै 7. 53. 43. उपादानविधिं कृत्स्नं 13. App. 10. 56 pr. उपादानं मनोहरम् 12. 40*.2 post.... . -474
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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