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________________ उद्दिश्य पातान्पततः] श्लोकपादसूची [ उद्धृत्य च रणे बली उद्दिश्य पातान्पततः 5. 50. 30%. उद्दिश्य पितरं तस्य 1. 397*. 1 pr. उद्दिश्य प्रतिवासरम् 16. 52*. 4 post. उद्दिश्य भरतर्षभ 1. 94. 660. उद्दिश्य भरतर्षभाः 3. 6. 1". उद्दिश्य मतिमान्प्रायात् 2. 29. 2. उद्दिश्य वनवासाय 2. App. 41. 63 pr. उद्दिश्याचार्यनन्दनः 7. 172. 15. उद्दिश्याशु घटोत्कचम् 7. 131. 130'3; 141. 344. उद्दिश्योद्दिश्य तेषां च 12. 42.6deg. उद्दिश्योद्दिश्य भारत 8. 908*. 1 post. उद्दिष्टमार्गः प्रययौ 3. 224*.6 pr. उद्दिष्टास्ते तथाङ्गाराः 13. 85. 23deg. उद्दीपकाश्च गृध्राश्च 13. 107. 107". उद्दीपयति संजय 6. 15. 70%. उद्देशज्ञश्च तस्य ह 10. 8. 10. उद्देशज्ञाः कुबेरस्य 3. 153. 21deg. उद्देशतश्च गन्धर्वाः 2. 11. 47. उद्देशमात्रेण मया 6. 10. 680. उद्देशं दाववर्जितम् 3. 63.84. उद्देशं यत्र ते मन्दाः 13. App. 1A. 334 pr. उद्देशं सुमनोहरम् 1. 214. 264. उद्देशानां समाख्याता I. App. 111. 41 pr. उद्देशेन गवां प्रभो 13. 71. 1. उद्देशेन हि तेन स्म 7. 161. 17. उद्धृतस्य विशां पते 3. 228. 284. उद्धरत्येकदंष्ट्रेण 12. App. 6. 14 pr.. उद्धरन्ति कुलं तेन 13. App. 14. 77 (subst.) 2 pr. उद्धरन्ति कृमीनङ्गात् 12. 173. 13. उद्धरन्ति प्रजाः सर्वाः 3. 3. 10. उद्धरन्ति मुहूर्तेन 14. App. 4. 554 pr. उद्धरन्त्यसुखाविष्टाः 11. 25. 11. उद्धरन्निव कायेभ्यः 5. 51. 14. उद्धरस्व च मां विभो 5. 176. 27d. उद्धरस्व जनार्दन 2. 543*. 5 post. उद्धरामि धनंजय 8. 66. 64. उद्धरामि महीतलात् 8. 1132*. 1 post. उद्धरामि सुदुर्मते 7. 134.24. उद्धरामि स्थिरो भव 5. 190. 234. उद्धरिष्यामि ते सद्यः 5. 193. 19. उद्धरेदात्मनात्मानं 6. 28. 50. उद्धरेद्दीनमात्मानं 1. App. 81. 146 pr. 12. 138. 38%.. उद्धरेयमिषीकाभिः 1. 1365*. 2 pr. EEEEEEEEEEEEEEE उद्धर्तुकामो मतिमान् 3. 211. 39. उद्धर्तुं वा चालयितुं 10. 12. 23deg. उद्धवश्च महाबलः 1. 177. 17. उद्धवश्च महायशाः 1. 213. 26. उद्धवस्य च भारत 1. App. 114. 180 post. उद्धवं वसुदेवं च 2. App. 21. 986 pr. उद्धवोऽथ विदूरथः 2. 159*. 3 post. उद्धवोऽर्थविशारदः 16. 4. 100. उद्धवो वा महाबुद्धिः 2. 46. 11. उद्धारयामास तदा 14. 64. 139. उद्घक्षितश्च पुत्रेण 7. 71. 23deg. उद्धन्वन्तोऽपरे रेणून् 3. 267. 12. उद्धन्वंश्च महारेणुं 9. 29. 58. उद्धृत इव सागरः 4. 53. 10. 7. 107. 234. उद्धृतत्वात्तु रजसः 7. 162. 30%. उद्धृतपुलिनास्तत्र 13. 80. 23". उद्धृतभौमद्रुतरेणुजालम् 6. 56. 14. उद्धृतरथकुञ्जरम् 9.7.12d. उद्धृतलाङ्गलमहापताकं 4. App. 44. 25. उद्धृतं वै वाजिखुरप्रणुन्नम् 3. 253. 23. उद्धृतं सहसा भौमं 6. 51. 19". उद्धृतं सैन्यसागरम् 7. 134. 18deg. उद्धृतानां यथा वृष्टया 8. 35. 49deg. उद्धृता रजसो वृष्टिः 7. 161. 15*. उद्धृतार्णवनिस्वनम् 7. 15. 17'. उद्धृतार्णवनिस्वनाम् 1. App. 78. 47 post. उद्धृयते प्राणपतिः शरीरे 3. 253. 4. उद्धृतश्च भवेच्छल्यः 8. 7. 26deg. उद्धृतं नः कुलं ब्रह्मन् 12. 30*. 11 pr. उद्धृतं भूतलस्थं वा 3. 459*. 2 pr. उद्धृतं वापि भारत 11. 3. 11. उद्धृता च वसुंधरा 13. App. 14. 191 post. उद्धृतानां च यो वेषः 4. 120*. 80 pr, उद्धृता पृथिवी देवी 2. App. 21. 166 pr. उद्धृता पृथिवी नूनं 7.727*. 1 pr. उद्धृता येन वै वेदाः 12. App. 7.2 pr. उद्धृता वारुणी लक्ष्मीः 5. 100. 12". उद्धृता ह्यापदः प्रजाः 3. 3. 11t. उद्धृतां धरणीं चैव 13. App. 14. 177 pr., 186 pr. उद्धृत्य खगं निशितं 8. 80*. 1 pr. उद्धृत्य गङ्गासलिलात् 3. 185. 22*. . उद्धृत्य चक्षुषी राजन् 6. 387*. 1 pr. उद्धृत्य च रणे बली 1. App. 103. 184 post, -459
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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