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________________ उदान इति तं प्राहुः] श्लोकपादसूची [उदीची पुनरावृत्य उदान इति तं प्राहुः 3. 203. 19. 12. 178.7. उदान इति तं विद्युः 13. App. 15. 4266 pr. उदान न त्वं श्रेष्ठोऽसि 14. 23.21'. उदानभूता च विसृज्य देहं 14.21. 20deg. उदानव्यानयोश्च ह 12. App. 29D. 86 post. उदानश्च समानश्च 14. App. 4. 885 pr. उदानस्तमुवाच ह 14. 23. 19. उदानस्तस्य पुत्रोऽभूत् 12. 315. 33deg. उदानादुच्छ्रसिति च 12. 177. 250. उदाने विद्युदभवत् 13. App. 11. 178 pr. उदाने संभृतो वायुः 14. 23.5deg. उदानो व्यान एव च 12. App. 28. 295 post. उदानो व्याप्य तिष्ठति 14. 20. 16. उदारजनदर्शनात् 15. 43. 15. उदारधीवृष्णिकुलप्रवीरः 1. 1835*. 2. उदारमतिमिः शुभैः 12. App. 29E. 3 post. उदारमनसं शुचिम् 12. App. 29E. 42 post. उदारमनसः सिद्धाः 1. 117.5% उदारमनसां हितः 12.235.25%. उदारमेव विद्वांसः 3. 34. 51". उदारसत्त्वं सत्त्वज्ञाः 12. 312. 40deg. उदारसत्त्वाभिजनः 12.313. 8. उदारसारा महती 12. 103. 19deg. उदारस्य तृणं वित्तं 5. 412*. 1 pr. उदारं चण्डकौशिकम् 2. 16. 22. उदारं प्रतिपद्यस्व 3. 34. 51. उदारं यद्भवानाह 12. 136.71. उदारः कनकप्रभः 3. 157.26. उदारः संयतेन्द्रियः 3.50.4. उदारान्रचितानिव 3. 155. 59. उदाराश्चापि वंशेऽस्मिन् 1. 90. 1. उदाराः सर्व एवैते 6. 29. 18%. उदासममिभाष्य च 7. 170.54. उदासीनगुणानां च 15. 11. 1'. उदासीनवदासीनं 6.31.9. उदासीनवदासीनः 6.36. 23deg. उदासीनवदीश्वरः 12. 241. 1. उदासीनारिमित्राणां 12. 87.21". उदासीनास्तथैव च 3. 29.74. उदासीनैर्यदृच्छया 12. 240. 12. उदासीनो गतव्यथः 6. 34. 16. उदासीनो निरीक्षस्व 1. 142. 20%. उदासीनो भवेन तु 13. 6. 194. उदासीनो व्यलोकयत् 2. App. 41. 5 post. उदाहरणमेतद्धि 5. 18.7. उदाहरन्ति वै तत्र 12. App. 19. 125 pr. उदाहितावग्निदिवाकरोपमौ 8. 68. 54. उदाहृतं ते राजेन्द्र 12. 64.70. उदाहृतं ते वचनं यदङ्गने 3. 281. 43. उदाहृतः सर्वथा ते गुणानां 13. 27. 96%. उदितश्चैव सविता 1. App. 14. 35 pr. उदितस्येव सूर्यस्य 4. 65. 10. उदितादित्यसंकाशैः 14. App. 4. 773 pr. उदितास्तमितो यश्च 13. 24. 29*. उदिते च दिवाकरे 6.65. 1. उदिते च सहस्रांशी 4. 971*.2 pr. उदिते तु सहस्रांशौ 7. 162. 2". उदितेऽनुदिते वापि 12. 60. 470. उदिते भगवन्भानौ 1. App. 14. 26 pr. उदितेऽभ्युत्थितः सूर्ये 1. 206. 34. उदिते सवितर्यस्य 14. App. 4. 1690 pr. उदिते सूर्यमण्डले 3. 283. 1. 5. 194*. 1 post. उदितौ जगतः क्षये 8. 1006*. 1 post. उदियाद्रथिनं रथी 12.96. 10. उदीक्षते महात्मानं 5. 84. 17deg. उदीक्षन्तौ स्थितौ वीरौ 9. 54, 44deg. उदीक्षमाणः पृतनां 12. 99. 9deg. उदीक्षितुं न शक्तोऽहं 7.56. 24. उदीक्षितुं पार्थिवास्ते न शेकुः 4. 1046*. 2. उदीक्षेत कदाचन 13. 107. 31'. उदीक्षेतां हते कर्णे 8. App. 25. 14 pr. उदीक्ष्य च दिशः सर्वाः 9. 1. 42. उदीक्ष्य मुदितेन्द्रियाः 2. App. 21. 1109 post. उदीचीमथ राजेन्द्र 2. App. 12. 18 pr. उदीचीमर्जुनस्तूर्ण 2. App. 15. 219 pr. उदीचीमर्जुनो वीरः 1. 55. 28deg. उदीचीमाश्रितो दिशम् 13. 3. 150. उदीची गच्छ फल्गुन 2. App. 11. 12 post. उदीची तु पुरंदरः 12. 218. 371. उदीची दक्षिणां प्राची 7. 116. 70. उदीची दिशमाश्रिताः 12. 201. 32. उदीची दिशमाश्रित्य 12. 3209. उदीची दिशमास्थिताः 17.2.1. उदीची दीपयन्नेषः 3. 160. 120. उदीची पाण्डुनन्दनः 2. 269*. 12 post. उदीची पुनरावृत्य 17. 1. 44". पादसूची-58 -457 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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