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________________ उत्सृज्य समरे राजन् ] महाभारतस्थ [ उदकं पाण्डुपुत्राणां उत्सृज्य समरे राजन् 8. 557*. 1 pr. उत्सृज्य सर्वगाम्यः 3. 58.5. उत्सृज्य सर्वसैन्यानि 7. 56*. 1 pr. उत्सृज्य सर्वे कुरुपाण्डुयोधाः 7. 1268*. 4. उत्सृज्य सर्वे परमायुधानि 7. 138. 12. उत्सृज्य सहसा पुत्रौ 3. 73. 26deg. उत्सृज्य सात्यकि क्रोधात् 7. 118. 3deg. उत्सृज्य सुमहद्दीप्तं 15. 46.7. उत्सृज्य सुमहद्राज्यं 14. 30. 4. उत्सृज्य सुमहार्हाणि 15. 34. 3. उत्सृज्य हि महाबाहुं 8. 58. 19". उत्सृज्यापि घृणां काले 12. 138. 2. उत्सृज्यापि च मामार्य 1. 146. 33%. उत्सृज्यामोति निर्मल: 13. App. 11. 442A 1 post. उत्सृज्याभरणं तूर्ण 8. 19. 55. उत्सृज्याभरणाभ्यङ्गात् 17. 1. 18%. उत्सृज्यासि गतः पुरा 1.224. 25deg. उत्सृज्येमं गिरिवरं 12. 338. 20deg. उत्सृज्येह प्रयाता वै 12. 149. 54". उत्सृज्यैको मतानि यः 7. 168*. 1 post. उत्सृज्यैतद्रथानीकं 4. 48. 12%; 871*. b pr. उत्सृज्योत्सृज्य गच्छन्ति 7. 147. 16. उत्सृज्योत्सृज्य समियुः 7. 45. 5. उत्सृज्योल्काः सहस्रशः 7. 147. 18"; 149. 14". उत्सृष्टमामिषं भूमौ 1. 146. 126. उत्सृष्टमारोपयतां स्वभाण्डम् 4. 1059*. 2. उत्सृष्टवान रोषेण 10. 15. 19. उत्सृष्टवृषवत्सा हि 13. 75.9". उत्सृष्टं तूलराशौ तु 4. 836*. 1 pr. उत्सृष्टं ब्राह्मणैर्यज्ञे 14. 3. 20deg. उत्सृष्टं रक्षिमिव॒तम् 2. 42. 9. उत्सृष्टः पृथिवीमिमाम् 14.71. 12. उत्सृष्टः शास्त्रविधिना 14.72. 36. उत्सृष्टः स महातपाः 9. 35. 28. उत्सृष्टा इति नः श्रुतम् 15. 47. 2". उत्सृष्टानां सहस्रशः 3. 40. 31'. उत्सृष्टे वै महाभाग 8. 279*. 1 pr. उत्सेकाम्मोहमापद्य 13. App. 10. 463 pr. उत्सेकाश्च पृथग्विधाः 13. 103.30. उत्सेको नरकायैव 12. 275. 17deg. उत्सेचने स्तम्भ इवामिजातः 12. 288. 22. उत्सेधाः पर्वतोपमाः 2. App. 29. 27 post. उत्सेधे यस्य पद्मानि 4. 30. 13". उत्सेधो वृक्षराजस्य 6. 8. 20. उत्स्मयन्तस्तदा पार्थ 3. 233. 14. उत्स्मयन्तं च सततं 13. 10. 389. उत्स्मयन्तीव सवीडं 1. 66.4. उत्स्मयनभ्युपेत्यैषः 5. 164. 31. उत्स्मयन्निव कौन्तेयं 7. 168. 2. उत्स्मयन्निव दाशार्हः 5. 159. 50. उत्स्मयन्निव भीमस्य 7. 114. 46. उत्स्मयन्निव राधेयः 7. 114. 680; 150.20%. उत्स्मयन्पर्वताधिपम् 7. 28. 10*. उत्स्मयन्पाण्डुनन्दनः 7. 104. 264. उत्स्मयन्पुरुषर्षभः 7. 74. 35. उत्स्मयन्प्रणतः प्राह 5. 533*. 1 pr. उत्स्मयन्याहसञ्चापि 13. 10. 37deg. उत्स्मयन्मुनिमाहेदं 12. App. 17A. 135 pr. उत्स्मयन्वृष्णिशार्दूलः 7. 96. 32". उत्स्मयन्स पुनः पुनः 13. App. 1A. 364 post. उत्स्मयंश्च पिनाकर 12.274. 48. उत्मयित्वा च माधवः 7. 639*. 1 post. उत्स्मयित्वा तु रूपात्मा 12. App. 17A. 90 pr. उत्स्रक्ष्यामीह यः कर्णं 8.791*. 4 pr. उत्स्रक्ष्येऽहमिमं दुःखात् 13. 84. 59deg. उत्स्रष्टुकामं तं नागः 3. 63. 9. उत्स्रष्टुकामः शस्त्राणि 7. 164. 121". उत्स्रष्टुकामा तं गर्भ 3. 1346*. 1 pr. उत्स्रष्टुमुपचक्रमे 7. 165. 131. उदकक्रीडनं नाम 1. 1310*. 2 pr. उदकक्रीडनार्थानि 1. App. 73. 8 pr. उदकग्रहणायेन 13. App. 10. 204 pr. उदकस्थस्तवात्मजः 9.31.6. उदकस्य स्वभावतः 13 App. 10. 200 post. उदकस्येव भारत 2. 46. 260; App. 32.2 post. उदकं कर्तुकामा वै 1. 1490*. 4 pr. उदकं कृतवांस्तत्र 1. 1264*. 2 pr. उदकं चक्रिरे चैव 13. 154. 176. उदकं चक्रिरे जनाः 1. 1492*. 3 post उदकं चक्रिरे तस्य 1. 118. 27deg. उदकं चक्रिरे सर्वाः 11. 27. 3. उदकं च चतुर्गुणम् 3. 202. 4. उदकं च प्रसिञ्चतः 1. App. 86. 40 post. उदकं तस्य चक्रेऽथ 2. App. 9. 16 pr. उदकं दूषितं यथा 3. 297. 8. उदकं पाण्डुपुत्राणां 1. 137. 15. - 454 --
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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