SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 456
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उत्तिष्ठ हे संग्रहीत्रि] महाभारतस्थ [उत्थाय प्रययौ तूर्ण उत्तिष्ठ हे संग्रहीत्रि 1..75. 15*.. उत्तिष्ठाम्येष राजेन्द्र 13. 51. 26deg. उत्तिष्ठेतां गतलमौ 7. 57. 46. उत्तिष्ठेति च सोऽब्रवीत् 1. App. 93.5 post. उत्तिष्ठोत्तिष्ठ किं शेष 4. 16. 96. उत्तिष्ठोत्तिष्ट कौरव्य 2. 28. 336. उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गान्धारि 11. 26. 1". उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गान्धारे 9. 31. 31". उत्तिष्ठोत्तिष्ठ धर्मज्ञ 3. 204. 8". उत्तिष्टोत्तिष्ठ भद्रं ते 1.161.40.3.281.720.12.263.21". उत्तिष्टोत्तिष्ठ युध्यस्व 9. 30. 67deg. उत्तिष्ठोत्तिष्ठ राजेन्द्र 7. 102. 29deg. उत्तिष्ठोत्तिष्ठ विप्रर्षे 13. 51. 254. उत्तीर्णस्त्वं सनातनात् 12. 296. 50. उत्तीर्णे तु परे पारे 6. App. 3. 83L pr.. उत्तीर्णोऽस्मादगाधात्सः 12. 761*. 1 pr. उत्तीर्य गङ्गां शोणं च 2. 18. 29"... उत्तीर्य च ततो राजन् 1. 1784*. 3 pr. उत्तीर्य च महीपाल: 14. 1. 2". उत्तीर्य चापि सा यत्नात् 3.575*.2 pr. उत्तीर्य सलिलात्तस्मात् 1. 92. 2. 3. App. 25. 113 pr. उत्तीर्य सोऽशिवादस्मात् 12. App. 29B. 36 pr. उत्तीर्योदकमाचम्य 14. App. 4. 2771 pr. उत्तेजनी जयत्सेना 9. 45.6%. उत्थातव्यं जागृतव्यं 5. 133. 27deg. उत्थातुकामापि सती 13. 41.6".. उत्थातुं जरयानघ 3. 147. 16. उत्थानधीरं वाग्धीराः 12.58. 15, उत्थानधीरः पुरुषः 12. 58, 154. उत्थानमपि चेत्सह 13. 108. 12. उत्थानमपि जानन्ति 3. 33. 6". उत्थानमफलं भवेत् 10. 2. 190. उत्थानमात्मनश्चैव 5. 34. 9". * उत्थानयुक्तः सततं 3. 33. 53%. उत्थानवीर्यः सुखमेधमानः 5. 22. 80. उत्थानशीलो मित्रायः 12. 118. 27. उत्थानस्य फलं प्रति 12. 318. 376. उत्थानस्य फलं सम्यक् 10. 2. 23deg.. उत्थानहीनो राजा हि 12. 58. 16". उत्थानं चाप्यदैवस्य 10. 2.6%. उत्थानं चैव दैवं च 12. 277*.9 pr. उत्थानं तु मनुष्याणां 10. 2. 11". उत्थानं ते विगर्हन्ति 10. 2. 12. उत्थानं पानभोजनम् 12. 28. 21. उत्थानं संयमो दाक्ष्यं 5. 39. 54deg; 60*. 1 pr. उत्थानं हि नरेन्द्राणां 12. 58. 13%3 277*. 11 pr. उत्थानः सर्वकर्मणाम् 13. 17. 126. उत्थाने च सदा पुत्र 12. 56. 14. उत्थानेन जयेत्तन्द्रीं 12. 266. 11". उत्थानेन तु मेधावी 4. 120*. 110 pr. उत्थानेन महेन्द्रेण 12. 58. 14. उत्थानेनाप्रमादेन 12. 76. 3. उत्थानेनामृतं लब्धं 12. 58. 14". उत्थानेनासुरा हताः 12. 58. 14. उत्थाने नित्यसंकल्पः 4. 120*.21 pr. उत्थापनैरुन्नयनैः 1. 1655*. 3 pr. उत्थापयति विद्यया 1. 73. 19. उत्थापयामास तदा 12. 338. 13. उत्थापयामास मृतं कचोऽपि 1.71. 50. उत्थापयिष्ये यद्येनं 1. 43. 17". उत्थापितो धृतश्चैव 5. 184.7. उत्थाप्य च पुनः पार्थः 1. App. 115. 19 pr. उत्थाप्य चैनं शनकैः 7. 9. 4". उत्थाप्य धर्मराजस्तु 2. 27*. 4 pr. उत्थाप्य प्रणतं तदा 8. 49. 1134. उत्थाप्य भ्रातरं राजा 8. 50. 12". उत्थाप्य याज्ञसेनी तु 11. 15. 14. उत्थाप्य संपरिष्वज्य 3. 239. 10. उत्थाय काले कालज्ञः 2.5.76%. उत्थाय च जलात्तस्मात् 1. 209. 220. उत्थाय च नमस्कृत्वा 14. App. 4. 1615 pr. उत्थाय च पुनः पुनः 13. App. 15. 4291 post. उत्थाय च पुनः स्पृष्टं 14. App. 4. 2355 pr. उत्थाय च प्रधावन्तः 6. App. 4. 77 pr. उत्थाय चासनं दद्यात् 3. 11*. 1 pr. उत्थाय चास्मि निष्कान्तः 13. 55. 17". उत्थाय तस्माच्छयनादुवाच 8. 49. 101. उत्थाय तस्मात्प्रातिष्ठत् 5.86. 23. उत्थाय तु पुनधैर्यात् 14. 68. 15. उत्थाय तु महाबाहुः 9. 56, 56*. 14. 81. 16*. उत्थाय तु यथाकालं 14. 69. 8. उत्थाय दीना पुनरेव चैषा 11. 21. 14. उत्थाय निकृतौ स्थितः 3. App. 25. 27 post. उत्थाय परमासनात् 2. 34. 23. उत्थाय प्रययुर्वीराः 3.299. 27. 4. App. 1. 66 pr. उत्थाय प्रययौ तूर्णं 8. 23. 40. -448 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy