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________________ ईश्वरो युद्धदुर्मदः] महाभारतस्थ [ईहेयुरिति मे मतिः ईश्वरो युद्धदुर्मदः 5. 4. 25. ईश्वरो लोकपालाश्च 13. App. 14. 38A 14 pr. ईश्वरो वा भवेत्कर्ता 12. 32. 11". ईश्वरो विक्रमी धन्वी 13. 135. 22". ईश्वरो विदधातीह 3. 31. 23. ईश्वरोऽसि जगन्नाथ 12. App. 17B. 100 post. . ईश्वरोऽस्मीति पुत्रक 13. 144. 9. ईश्वरोऽहमहं भोगी 6. 38. 14deg. ईश्वरो हि जगत्स्रष्टा 12. 335. 11". ईश्वरो हि पुरा भूत्वा 12. 220. 17. ईश्वरो ह्यसि भूतकृत् 3. 294. 154. ईषच्च कुरुते सेवां 13. 38. 15deg. ईपच्च गद्गदां वार्च 1. App. 44. 6 pr. ईपञ्चपलकर्माणं 3. 156. 220. ईषच्चापि प्रवलगन्ति 10. 1. 26%. ईषतुर्विरथं चैव 8. 11. 21. ईषत्कार्यो वधस्तस्य 5.71. 220. ईषदप्यङ्ग दाराणां 12. 26. 27. ईषदभ्युत्स्मयन्निव ll. 25. 436. ईषदाकम्पिहृदया 13. 19*. 23 pr. ईषदागतसंत्रासः 6. 117. 2. ईवदागलितं चापि 4. 21. 50%. ईषदुच्छ्रसमानस्तु 13. 1. 27". ईषदुजिहतः किंचित् 5. 134. 10. ईषदुत्स्मयमानश्च 9. 61. 200. ईषदुत्स्मयमानस्तु 8. 69. 13.9. 57. 32. ईषदुन्मीलिताक्षं तं 12. App. 17C. 92 pr. ईषदुन्मील्य लोचने 3. 146. 73. ईवद्धर्म प्रपीड्यापि 12. 101. 1". ईषहममाने ते 7. App. 7. B pr. ईवद्विगतचेतसः 7. 88. 58. ईषन्मूर्छान्वितोऽऽत्मानं 7. 153. 12. ईषन्मूर्छामवाप सः 7. App. 7. 4 post. ईषन्मूछा जगामाशु 7.71. 15.. ईषया समतिक्रम्य 7. 72. 24. ईषल्लघुपरिक्रान्तः 12. 828*. 2 pr. ईषाचक्राक्षभङ्गैश्च 8. 58. 80. ईषाचक्राक्षभग्नैश्च 8. 900*.2 pr. ईवाणामनुकर्षाणां 9. 13. 14". ईषाणां चापि योक्त्राणां 9.79*. 1 pr. ईषादण्डकबन्धुरैः 7. 40. 18%; 43. 16; 65. 28%; 97.2143 App. 17. 2 post. ईषादण्डकयोक्त्रांश्च 7. 1178*. 1 pr. ईवादन्तं महानागं 8. 27. 37. ईषादन्तान्प्रहारिणः 5. 84.7. 8. 35. 25. ईषादन्तान्महाकायान् 13. 106. 19". ईवादन्तान्सप्तशतान् 8.29. 34. ईवादन्तान्हेमकक्षान् 2. 48. 19". ईषादन्ता महाकायाः 2.54. 9deg. ईषादन्ताः प्रहारिणः 5. App. 14.16 post. ईषादन्तेन दन्तिना 12. 105. 51'. ईषा नक्षत्रवंशश्च 8. 258*. 1 pr. ईषाबन्धं चक्रवन्धं 7. 164. 132%. ईषामन्ये हयानन्ये 3. 230. 29". ईषायां पाणिना गृह्य 7. 103. 15. ईषा योक्त्राणि चामिभो 9. 13.7'. ईषां धनुश्च चिच्छेद 8. App. 18. 93 pr. ईषां नक्षत्रवंशं च 8. App. 2. 45 pr. ईपुस्ते मधुसूदन 3. 13. 56'. ईषुः कौरवनन्दनाः 4. 47.8. ईषुः सर्वेऽस्त्रमुत्स्रष्टुं 7. 170. 43. ईहकोऽनीहकोऽपि वा 12. 283. 29. ईहते धनहेतोर्यः 12. 20.76. ईहन्ते कामभोगार्थ 6. 38. 12. ईहन्ते नेतरे जनाः 12. 60. 43d. ईहन्ते पितरः सुतान् 3. 196. 16. 12. 7. 13%; 146. 13. ईहन्ते राजसा जनाः 14.77*. 1 post. ईहन्ते सर्वभूतानि 12. 11. 15". ईहमानः पुनः पुनः 12. 105. 4. ईहमानः समारम्भात् 13. 149. 10%. ईहमानः समारम्भान् 12. 171. 1". ईमानाश्च दृष्टाश्च 2. App. 28. 30 pr. ईहमानेन दुष्करम् 12. App. 4. 38 post. ईहमानैः श्रियं तथा 7. App. 8. 44A 4 post. इंहमानो धनं मङ्किः 12. 171.5". ईहयित्वा च तं विधिम् 2. 30. 3. ईहाद्वाराणि संरुध्य 12. 88. 16deg. ईहा धनस्य न सुखा 12. 171. 26* ईहामृगव्याडमृगैः 8. 63. 42deg. ईहामृगा व्याडमृगाः 8. 63. 38". ईहार्थमिति विद्धि तत् 12. 18. 33. ईहां समनुतिष्ठता 12. 171.90. ईहितुं राजसूयाय 2. 30. 26. ईहेयुरिति मे मतिः 17.21. 12. -434 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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