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________________ इह चिन्ता बहुविधा] श्लोकपादसूची [इह ये वै मरिष्यन्ति इह चिन्ता बहुविधा 12. 185. 16*. इह चेल्लभ्यते लक्ष्यं 7. 145. 52. इह चैव परत्र च 12. 251. 413 256.78. 13. 58.8%B ____ 144. 3' App. 15. 1371 post. इह चैव महद्यशः 13. 63. 18. इह चैवागतस्तेन 12. 331. 51. इह चैवागतोऽस्म्यद्य 12. 331. 38. इह चोच्छिष्टभुग्भवेत् 14. App. 4. 970 post. इह जाता विवृद्धास्मि 1. 145. 270. इह तत्क्षरमित्युक्तं 14. 18. 26deg. इह तत्तत्समासाद्य 1. App. 32. 16 pr. इह तप्स्यन्ति ये केचित् 9. 301*. 2 pr. इह तस्मात्प्रजाहेतोः 1. 111. 16. इह तात युधिष्ठिर 3. 156. 29. इह तेन तपस्तप्तं 13. 14. 70. इह ते म्यवसन्ाजन् 13. 125. 21". इह ते पार्थ दृश्यन्ताम् 5. 157. 15. . इह ते वै चरून्प्राश्नन् 3. 125. 18%. इह त्यक्त्वा न तिष्ठन्ति 12. 149. 380. इहत्यास्तत्र जायन्ते 12. 185.21. इह विष्वपि लोकेषु 13. 145. 6. इह त्वमभिसंप्राप्तः 12.349. 3. इह त्ववश्यं गदतो ममापि 12. 161. 41. इह त्वं यज देवेन्द्र 9. 261*.5 pr. इह दृष्टार्थमेव वा 12. 37. 124. इह दृष्टो इतो नष्टः 7. 810*. 1 pr. इह देवगणाधिप 12.637*.3 post. इह देवत्वमिच्छन्तः 1. 58. 276. इह देवः सपत्नीकः 13. 14. 49. इह देवाः सदा सर्वे 3. 109. 15". इह देवेन देच्या च 12. App. 29E. 175 pr. इह देवेश्वरेणापि 12. App. 29E. 173 pr. इह देवैः सहेन्द्रैर्हि 3. 121.26. इह दैत्यनिबर्हण 17. 3. 35. इह द्रक्ष्यामि तं पुत्रं 12. 126. 156. इह धर्मपराः केचित् 12. 185. 14. इह धर्मस्य नः फलम् 12. App. 29E. 103 post. इह धर्म सुनिभृतः 12. App. 29E. 172 pr. इह नानाविधाकारा 5. 101.40. इह नित्यशया देवाः 3. 125. 17". इह निःश्रेयसं प्राहुः 5. App. 3. 5 pr. इह नैकाश्रयं जन्म 1. App. 32. 12 pr. इह नो ग्लहमानानां 7. 105. 15. इह पश्यामि भारत 6. 21. 17'. इह पाण्डवनन्दन 8. 50. 24. इह पार्थ न दुर्लभः 12. App. 29E. 16 post. इह पुण्यकृतो यान्ति 1. App. 36.78 pr. इह पुण्यफलं लब्ध्वा 12. 72. 31deg. इह पुंसां सहस्राणि 12. 149.56. इह प्रजापतिः पूर्व 12. 185. 20. इह प्राज्ञो हि पुरुषः 5. 133. 15". इह प्राप्तस्य किं कार्य 3. 38.39%, इह प्राप्तः कथंचन 3. 156. 31. इह प्राप्तो महायशाः 1. App. 52.22 post. इह प्राप्तो विहायसा 3.266. 60*. इह प्रायमुपासिष्ये 3. 238. 10. इह प्रेत्य च कामदाः 12. 172*. 1 post. इह प्रेत्य च तस्याथ 3. 196. 196. इह प्रेत्य च नन्दति 3. 200. 45d. इह प्रेत्य च पूयते 12. 159. 481. इह प्रेत्य च मोदते 12. 149. 1174. 13. 63. 1243; 190*. 4 post. इह प्रेत्य च वै सुखम् 12. 169. 15. इह प्रोक्तं पाण्डवान्प्राप्य मां च 3. 5. 16. इह भूत्वा शिशुः साक्षात् 3. 186. 126deg. इह भोक्ष्यन्ति ते सुताः 1. 144. 174. इह मन्त्रपदं युक्तं 1. App. 32. 13 pr. इह मास्तपस्तत्वा 3. 130. 1". इह मानुषके लोके 14. App. 4. 1258 pr., 1395 pr., . ___1417 pr., 1840 pr., 2735 pr. इह मानुषलोके तु 14. App. 4. 199 pr., 217 pr.. इह मानुष्यलोके च 14. App. 4. 207 pr. इह मामाशितं कर्तुं 1. App. 92.5 pr. इह मां संप्रतीक्षध्वं 1. 144. 19%. इह मांसोदनं प्रभो 1. App. 91. 10 post. इह मे स्यादपि त्राणं 7.346*.2 pr. इह यस्कुरुते श्रेयः 13. App. 10. 151 pr. इह यक्क्रियते कर्म 3.245. 19%8247.35". इह यतैर्निराकारैः 1. 134. 196. इह यत्नमुपाहृत्य 3. 130*. 2 pr. इह यः सहधर्मो वै 13. 19. 36. इह युद्धानि चित्राणि 1. App. 32. 14 pr. इह युद्धे महाराज 6. 2. 16. इह ये धार्मिका लोके 14. App. 4. 706 -pr. इह ये पुरुषाः क्षत्रे 9. 52.6".. इह ये वै मरिष्यन्ति 3. 130. 2. - 427 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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