SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 427
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ स्मामावस्यां च गते ] लोकपादसूची [ इमां श्रुतिमुदाहरेत् इमामवस्थां च गते 3. 128*. 1 pr.. इमामवस्थां प्राप्तस्य 9. 2. 44.. इमामवस्थां प्राप्तोऽस्मि 9.63.8deg. इमामवस्थां सहसा 7. App. 21. 33 pr. इमामवस्था संप्राप्त 3. 49. 37%; 176. 28deg. 12. 105. 100. 13.7*.2 pr. इमामवस्था संप्राप्तः 3. 176. 12%3; 875*.6 pr. 13. 104. 19. इमामवस्थां संप्राप्ता 4. 19. 10. इमामवस्था संप्राप्तां 2. 550*.2 pr. इमामश्वशताभ्यां वै 5. 117.9. इमामसितकेशान्तां 3. 65. 20*. इमामहं ब्राह्मण साधु मन्ये 1. 185. 26. इमामुद्धतवान्भूमि 12. 330. 27. इमामुर्वी न जयेद्विक्रमेण 12. 64. 24". इमामेकोपमा राजन् 5. 94.4. इमामेव च ते कन्यां 3. 596*. 1 pr. इमाल्लोकान्द्विजोत्तम 7. 160.7. इमाल्लोकान्भरिष्यन्ति 13. 76. 26". इमावप्यपराजितौ 1. 1281.2 post. इमाविति ततश्चक्रे 5. 192. 18. इमा वै तव पान्थस्य 3. 149*. 2 pr. इमाश्च नायों द्रौपद्याः 4. 4. 4". इमास्तु नद्यो देवेश 13. 134. 12". इमा हि देवताः सर्वाः 12.274. 440. इमां कथयति त्वयि 1. 56. 2. इमां कथामुपश्रुत्य 12. App. 29E. 15 pr. इमां कथां यः शृणुयानरः सदा 1.30.22%. इमां कन्यां जिहीर्षसि 3. 213. 10.. इमां कमलपत्राक्षी 4. 143*. 1 pr.; 144*. 2 pr. इमां कश्चित्परिक्रम्य 13. 27. 20%. इमां काकोपमा कर्ण 8. 28. 36. इमां गतिमुपागतम् 13. 104. 16". इमां गाथामत्र गायन 3. 114. 12. इमां गाथां जगाद ह 14. 30. 29. इमां गाथां तदा जगी 1.693*. 5 post. इमां च कन्यां समलंकृतां भृशं 4. 1144*. 49. इमां च तावद्धा त्वं 1. 112.6". इमां च देवीं पश्यामि 13. 53. 61". इमां च नगरी सद्यः 16. 1. 17" 'इमां च नः प्रियामीक्ष 4. 24. 18%. इमां च परिषिञ्चत 1. 107. 180. इमां च पृथिवीं कृत्वां 7. App. 8. 548 pr. इमां च पृथिवीं सी 7. App. 8.823 pr. इमां च वसतिं प्राप्तः 8.677*. 1 pr. इमां चापदमीदृशीम् 3. 31. 196. इमां चापि सुतां तव 1. 146. 18d. इमां चाप्यपरां भूयः 7.51. 37. इमां चाप्यापदं घोरां 10. 7. 126. इमां चेत्पूर्व कितवोऽग्लहीष्यत् 2. 63. 18%. इमां ज्वरोत्पत्तिमदीनमानसः 12. 274. 60". इमां तपस्विनी सत्यां 12. 337. 33%. इमां तु तां महाबुद्धिः 1. 134. 16". इमां तु नाभिजानामि 6. 3. 28. इमां तु यो वेद विमोक्षबुद्धिं 12.212.44. इमां तु रजनी प्राप्तां 7. 135. 31". इमां ते तरुणी भार्या 7. 55. 17. इमां त्वं सकलां पृथ्वी 1. 380*. 2 pr. इमां दिव्यामनुस्मृतिम् 12. App. 17B. 17 post. इमां दृष्ट्वातिसुन्दरीम् 3. 248. 13. इमां द्वारवतीं पुरीम् 16. 7. 13. इमां धरां धारयता स्वया हि मे 1. 32. 212. इमां पर्वसु पर्वसु 12. 273. 62. इमां पूर्वेषु जन्मसु 13. 45.96. इमां प्राप्तास्मि शाश्वतीम् 5. 188. 4. इमां प्राप्तां परां गतिम् 2. 70. 19. इमां प्राप्य वरस्त्रियम् 3. 248. 16. इमां बालामसंस्कृताम् 1. 146. 14. इमां भारतसावित्रीं 18. 5. 51". इमां भूमि ब्राह्मणेभ्यः 13. 139. 1". इमां मतिं कीचक मुञ्च कामिनां 4. 280*. 17. इमां मन्यामहे प्राप्तां 1. 150. 10. इमां महीं शैलवनोपपन्नां 1. 32. 190. इमां रहस्यां परमामनुस्मृति 12. App. 17B. 168. इमां वत्स्यामि शर्वरीम् 12. 308. 894. इमां वसुमती कुर्यात् 12. 41. 11: इमां वसुमती कृत्स्नां 1. 159.5. इमां वाचमुवाच ह 12. 263. 104. इमां विद्यामुपाश्रित्य 13. App. 9B. 36 pr. इमां विप्रियकारिणीम् 1. 141. 16. इमां वै वसुसंपन्नां 12. 29. 65*. इमांश्च गिरिकूटाभान् 7. App. 17. 16 pr. इमांश्च त्रिदशोपमान् 11. 20. 14. इमांश्चोशनसा गीतान् 12. App. 3. 3 pr. इमां श्रियं प्रज्वलितां 5. 123.5% इमां श्रुतिमुदाहरेत् 13. 75.6". -419
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy