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________________ आहेदं प्रीतिमद्वचः] महाभारतस्थ [इक्ष्वाकुरगमत्तत्र आह्वयामास दुष्टात्मा 3.21. 17. मायामास नृपतिं 9. 54.21. आह्वयामास वै कुन्ती 1. 114. 1. मायामास वै पितुः 1. App. 54.2 post. आह्वयामास समरे 3. 272. 9. बाह्वयिष्यति मां पुनः 3.78. 14. आह्वये त्वां रणं गच्छ 2. 42. 2". आह्वयेयमहं नृप 1. 113.37". भाह्वयेनान्महाब्रह्मन् 12.256. 36. माह्वानमकरोत्साथ 3. 290.6. आह्वानं च प्रयुञ्जीत 13. 75.6%. आह्वानं देवसंयुक्तं 5. 142. 19". आह्वान पुरुषर्षभ 7. 16.41. भाह्वानाय तदा चक्रुः 3. 239. 19deg. आह्वानाय दिवौकसाम् 3. 289. 164. आह्वानेष्वेव कथ्यते 3. 209. 11'. . आह्वानोपगता नृप 1. 958*. 2 post. भआह्वायका देवलकाः 12. 77.8%. भाहेदं प्रीतिमद्वचः 3.795*. 5 post. आहेयो विषवानुग्रः 8. 27. 58deg. आहो नान्यत्कैतवमस्य किंचित् 2. 60.5. आ होमाद्यस्य वै मुखे 14. App. 4. 2602 post. मा होमाद्योऽग्निहोत्रेषु 14. App. 4. 2616 pr. आहोस्विच्छकटव्यूह 7.65.20. भाहोस्विच्छाश्वतं स्थानं 18. 5.5*. आहोस्वित्पितरं मूढं 5. 173. 30. माहोस्विदन्ततो नष्टं 7. App. 8. 877 pr. आहोस्विस्तुपर्णोऽपि 3. 71. 33". आहोस्विद्धर्मपुत्रस्य 7. 11. 10. आहोस्विद्भूषणार्थाय 7. 50. 78". आह्निकस्यावसाने तु 13. App. 14. 394A 17 pr. माहिकं गोमतीं नित्यं 13. App. 9B. 75 pr. माहिकं चैव नैशं च 5. 108. 14. आह्निकं जपमानस्य 12. 149*. 1 pr. आहिक भगवत्कृत्वा 3. App. 25. 65 pr. आह्निकं भूतयज्ञांश्च 12. 66. 86. आह्निकं यः प्रकुर्वीत 13. App. 14. 316A 4 pr. आह्निकेषु समूहेषु 7. 100.6%. भाह्लादं परमं ययुः 3. App. 71. 4 post. आह्वयत्येव तापसौ 5. 94. 221. आह्वयद्भिरिव दुमैः 3. 44. 36. आह्वयद्वैरथेनाजौ 12. 5. 1. आह्वयन्त सदान्यतः 8.55*. 1 post. आह्वयन्तं परानीकं 7. 161. 24deg. आह्वयन्तः परस्परम् 1. 47. 200.5. 167.78. 13 App.14. 221B 12 post.; App. 15. 1197 post. भाह्वयन्तः समन्ततः 7. 134. 80. आह्वयन्ति पुनः पुनः 7. 16.39d. भाह्वयन्ति स्म पाण्डवान् 11. 23. 29. आह्वयन्तो महारथाः 7. 26. 10deg. आह्वयन्तो रणे तदा 7. 53. 94. आह्वयन्तोऽर्जुनं तस्थुः 8. 31. 16. आह्वयन्तोऽर्जुनं वीराः 7. 16. 37. भाह्वयनर्जुनं संख्ये 7. 32. 15". आह्वयस्व रणे पार्थान् 5. App. 12. 99 pr. भाह्वयानः स मां युद्धे 5. 180. 10%. आह्वयानोऽमिदुद्राव 8. 8. 25'. भाह्वयामास केशवः 3. 224. 2". आह्वयामास कौन्तेयः 9. 10. 48. भाह्वयामास कौरव्यं 14.74.8. भाह्वयामास च पुनः 5. 179. 31". इक्षुधात्यात्मघातकः 14. App. 4. 2386 post. इक्षुतैलपवित्राणां 13. App. 14A. 57 pr. इक्षुदण्डसहस्राणां 14. App. 4. 2387 pr. इक्षुमिः संततां भूमि 13. 61.780. इक्षुवर्धनिका चैव 6. 12. 30%. इक्षुवंशोद्भवः सोमः 14. App. 4. 2385 pr. इथून पीडयेत्तस्मात् 14. App. 4. 2386 pr. इशून्मधु च लाजांश्च 1. 1753*. 5 pr. इक्षोदश्च सुरोदश्च 6.57*. 1 pr. इक्षोः सोमसमुद्भूति 14. App. 4. 2363 pr. इक्ष्वाकवः पश्यत मां गृहीतं 3. 190. 77". इक्ष्वाकवो महीपालाः 1. 164. 9. इक्ष्वाकवो यदि ब्रह्मन्दलो वा 3. 190. 680. इक्ष्वाकवो वै दलमभ्यषिञ्चन् 3. 190. 69". इक्ष्वाकवो हन्त चरामि वः प्रियं 3. 190. 750. इक्ष्वाकुकुलजः श्रीमान् 3. 63. 20deg. इक्ष्वाकुकुलवर्धनः 2. App. 21. 580 post. इक्ष्वाकुकुलवृद्धये 1. 168. 124. इक्ष्वाकुणा च कथितः 12. 336. 486. इक्ष्वाकुणा शंभुना च 13. 116. 69. इक्ष्वाकुयोधाः प्रबलाः 3. 1214*. 6 pr. इक्ष्वाकुरकरोत्प्रभुः 14. 4. 4". इक्ष्वाकुरगमत्तत्र 12. 192. 34. -376
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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