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________________ आहवेषु च ये शूराः] श्लोकपादसूची [आहिताग्निसहस्रस्य आहवेषु च ये शूराः 12. 111. 8. आहवेषु पराल्लोकान् 5. 196. 4. भाइवेषु विशेषेण 7. 39*. 1 pr.. माहवेष्वनिवर्तिनः 7. 5. 134. आहवेष्वनिवर्तिनाम् 3. 13. 49deg. 6. 64. 9.8, 27, 98. आहवेष्वपि दारुके 3. 19. 15. माहवेष्वाहवश्रेष्ठ 7. 5.8. माहवे समुदीरितम् 7. 101. 136. आहवे हि द्विजस्यापि 1. 181. 6deg. माह वैवस्वतो यमः 13. 17. 168. माह शौनक देवेन्द्रः 1. 30. 6. माह सत्यवती हृष्टा 5. 171. 3deg. भाह सर्वेश्वरो हरिः 1. App. 80. 30A 39 post. माहंकारिक उच्यते 12. 298. 18. आईकारिकमेव च 12. 306. 103. माहारकालः संप्राप्तः 3. 280. 16. माहारकाले मतिमान् 9. 49. 9". भाहारनियमं कृत्वा 13. 130. 44"; App. 15. 669 pr. माहारनियमेनास्य 12.210. 18%. माहारपरिणामाश्च 12. 177. 18. भाहारप्रभवाः प्राणाः 3.246.25*. थाहारभूतमस्माकं 3.265. 28deg. माहारमकरोत्तदा 15. 9. 44. माहारमकरोद्राजा 1. App. 118. 45 pr. आहारमकरोन्नित्यं 9. 50. 38deg. माहारमनपाश्रित्य 1. 2. 240. आहारमिव शल्यकः 3. 34. 574. भाहारमुपकल्पयेत् 13. App. 15. 3523 post. आहारयोजनं चैव 12. 59. 66deg. भाहारशुद्धिस्तु कथं 13. App. 15. 2974 pr. थाहारसमयश्च ते 12. 136. 163. आहारसंचयाश्चैव 12. 277. 14". माहारस्त्वपि सर्वस्य 6. 39.74 थाहारस्थानमेव च 3. App. 10. 19 post. भाहारस्य कृतस्य मे 15.7.3. भाहारस्य वियोगेन 13. App. 15. 1075 pr. आहारस्य विशेषणे 13. App. 15. 1458 post. आहारहेतोरन्नं वा 12. 346. 7. भाहारं कर्तुमर्हसि 12. 908*. 1 post. थाहारं कुरुते नित्यं 12. 137. 76. माहारं कुरुते यस्तु 13. App. 15. 1082 pr. भाहारं केचिदिच्छन्ति 14. 48. 18deg. भाहारं च समाचरेत् 13. 148. 21". माहारं चिन्तयामास 14. 93. 17. आहारं धर्मवत्सल 12.346.5". माहारं नित्यमाचरन् 3. 12. 234. भाहारं नियतं चैव 12. 208. 220. आहारं पतितैः फलैः 12. 112.64. आहारं संप्रयच्छामि 3. 204. 23. आहारं सा कृतवती 3. 82. 12. भाहारं स्थानमेव च 3. App. 11.7 post. भाहाराचारयोरपि 13. App. 15. 1498 post. भाहारात्सर्वभूतानि 3. 131. 69. भाहारादि च सवै तत् 3. 288. 17. माहारान्कीदृशान्कृत्वा 12. 289. 42% आहाराम्वर्जयेन्नित्यं 12. 588*. 1 pr. भाहारान्वेषणे युक्तः 12. 139. 31. आहारा राजसस्येष्टाः 6. 39.9. आहारार्थ समारम्भः 3. 131. 150. माहारा विविधा भुक्ताः 14. 16.31. भाहाराः सात्त्विकप्रियाः 6. 39.84. थाहारे च समाहितः 13. App. 11. 230 post. माहारेण विवर्धन्ते 3. 131. 6. भाहारेणाथ भक्ष्यैश्च 3. 197. 11. आहारोऽप्यधिकस्त्वया 3. 131. 154. आहारोऽयं मया वृतः 12. 346. 10. थाहारो राजपुत्रोऽयं 3.882*.5 pr. आहारो विहितो धात्रा 5. 103. 4. थाहार्जुनिशरादितः 7. 47. 24. आहार्यमाणे कृमयः 16. 3. 12. आहार्य चाष्टकैव्यैः 12. 121. 42". भाहार्युर्दशसाहस्रान् 2. 47. 21. भाहायुः क्षत्रिया वित्तं 2. 48. 16. भाहाहं जननी तव 3. 215. 44. माहिण्डिको निषादेन 13. 48. 27". आहितस्त्वत्तनोरेषः 3. 673*. 4 pr. माहितस्त्वयि पाण्डवैः 7. 35. 3. माहितस्त्वयि सांप्रतम् 3. 287. 18. माहितस्य कथं वापि 14. App. 4. 2547 pr. माहितं भारतैश्वर्य 5. 38. 43. भाहितं ह्यात्मनात्मानं 1. 672*. 4 pr. माहिताग्निमलोलुपम् 14. App. 4. 1185 post. माहिताग्निरधीयानः 13. 128. 39%3; 131. 56. आहिताग्निहि धर्मात्मा 12. 281. 20%. भाहिताग्निश्च यो विप्रः 14. App. 4. 2424 pr. माहिताग्निसहस्रस्य 14. App. 4. 1253 pr. = 373 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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