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________________ आत्मार्थ कृतनिश्चया ] श्लोकपादसूची [आदत्ते ज्ञानचक्षुषोः आत्मार्थ कृतनिश्चया 12. 136. 1754. आत्मार्थ च करोम्यहम् 3.69.71 * आत्मार्थ च त्वदर्थं च 12. 136. 51". आत्मार्थ च पचेत्तु यः 3. App. 21A. 10 post. आत्मार्थं न प्रकर्तव्यं 13. 107. 65deg. आत्मार्थं न महात्मनः 8. 68. 45. आत्मार्थ न विधीयते 13. App. 15.921 post. आत्मार्थ पाचयन्नित्यं 14. 25. 9. भात्मार्थ पाण्डवार्थ च 5. App. 9.87 pr.; App.10. 18 pr. आत्मार्थ यः परप्राणान् 13. App. 15. 2990 pr. आत्मार्थ युध्यमानानां 3. 34. 20". आत्मार्थ युध्यमानास्ते 7. 135.7 आत्मार्थ योधय रणे 7. 98. 21. आत्मार्थ राज्यतन्त्रार्थ 13. App. 15. 960 pr. आत्मार्थ स्वादुगृद्धाश्च 13. App. 15. 1830 pr. आत्मार्थे पृथिवीं त्यजेत् 1. 107. 32%3; 768.2 post. 2. 55. 10. 5. 37. 164; 126. 48d. आत्मार्थेभ्यो हि माचिरम् 7. 160. 28deg. आत्मार्थे संततिस्त्याज्या 12. 136. 171". आत्मा लोकस्य कस्यचित् 12. 334.7. आत्मावसन्नममृतं ब्रह्मचर्यम् 5. 42. 6. आत्मा वा कुलवर्धन 1. 146. 278. मात्मा वै पुत्रनामासि 1. 68. 62. भात्मा वै शक्यते नातुं 12. 286. 32. आत्माश्रयेण दोषेण 13. App. 10. 243 pr. आत्मा सप्तम उच्यते 12.794*. 2 post. आत्मा सर्वस्य चात्मवान् 12.550*.2 post. आत्मा सर्वस्य भाजनम् 8. App. 38. 10 post. 9. 3. 41'. आत्मा संश्रित्य तिष्ठति 13. App. 15. 2394 post. आत्मा साक्षी भवेन्नित्यं 13. App. 15. 1512 pr. आत्मासि वायोः पवनः 1. 223.70.. आत्मासौ वर्तते भिन्नः 12. App. 18. 14 pr. आत्माहमपि सर्वस्य 5.45. 25. आत्मा हि जायते तस्यां 3. 13. 620. 4. 405*. 1 pr. आत्मा हि न च कर्मकृत् 13. App. 15. 2336 post. आत्मा हि नौ स विज्ञेयः 12. 321. 31. आत्मा हि पार्थः कृष्णस्य 2. 477*. 3 pr. आत्मा हि पुरुषव्याघ्र 12.334, 7. आत्मा हि मे प्रव्यथते मुहुर्मुहुः 14. 10. 15. आत्मा हि शुक्लमुद्दिष्टं 14. App. 4. 486 pr. आत्मा ह्येकः सुखदुःखस्य वेत्ता 12. 137. 264. आत्मा ह्येवात्मनो ह्येकः 12. 306. 100% आत्मीये च वरारोहे 1. 112. 31%, आत्मेति भगवन्मतम् 13. App. 15.2549 post. आत्मेव वेदितव्येषु 1. 2. 31". आत्मैव चात्मनः साक्षी 13. 6. 27. भात्मैव तच्छुभं कुर्यात् 13. App. 15. 987 pr., 1555 print आत्मैव देवास्तद्विद्युः 13. App. 15. 3470 pr. आत्मैव रिपुरात्मनः 5. 34. 624. 6. 28. 54. II. 11* 3 post. 13.6.276. . आत्मैव साक्षी किल लोककृत्ये 12. 139. 830. आत्मैव स्थानं मम जन्म चात्मा 5.45.27%. आत्मैव हि नलं वेत्ति 3. 72. 16". आत्मैव ह्यात्मनः साक्षी 11. 11*. 4 pr. आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुः 5. 34. 62deg. 6. 28.5deg. 13. 6. 270 आत्मैव ह्यात्मनो मित्रं 11. 11*. 3 pr. आत्मैवादी नियन्तव्यः 12. 259. 29". आत्मोच्छिष्टं तदुच्यते 14. App. 4. 2335 post. आत्मोदरकृतेऽथाज्ञः 12. 24*. 1 pr. आत्मोपमश्च भूतेषु 3. 80. 33. 13. 114.6". आत्मोपमस्तु भूतेषु 12. 66. 30%. आत्मौपम्येन गन्तव्यं 13. 116. 220. आत्मौपम्येन पुरुषः 13. 114.9. आत्मौपम्येन सर्वत्र 6. 28. 32". आत्रेयश्चन्द्रदमयोः 12. 226. 180. आत्रेयश्च वसिष्ठश्च 12. 201. 31". आत्रेयस्त्वथ कौण्डिन्यः 3. 83. 102. आत्रेयस्य च संवादं 5. 36. 1. आत्रेयः कण्वजठरौ 2. 43*. 1 pr. आत्रेयः कुण्डजठरः 1. 48. 89. आत्रेयाश्चोत्तमव्रताः 3. 27. 8. आत्रेयाः सभरद्वाजाः 6. 10. 67". भात्रेयीव्यसने भवेत् 12. 159. 50'. आथर्वणं वेदमधीस्य विप्रः 13.95.7503 96. 44'. आथर्वणानि कर्माणि 14. App. 4.2657 pr. आथर्वणेन मत्रेण 8. 27. 83deg.. आथर्वणेन हन्ता च 12. App. 3. 5 pr. आयर्वणेनारिविनाशनेन 8. 66. 3. आदत्त गाः सुशर्माथ 4. 29. 27deg. आदत्त परिघं घोरं 8. 45. 13. आदत्त पार्थोऽञ्जलिक निषङ्गात् 8. 67. 16. आदत्त महिषीं भोज्यां 7.9. 29deg. आदत्त सर्वभूतानि 7. 101. 44. आदत्तानि न संशयः 1. 170. 24. आदत्ते च रसं भौमं 13, 62. 37". आदत्ते ज्ञानचक्षुषा 3. 200. 47d. 12. 265. 184.... ' -323 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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