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________________ आग्नेयः कृत्तिकापुत्रः] महाभारतस्थ [ आचख्युस्ते तस्य राज्ञः प्रतीताः आग्नेयः कृत्तिकापुत्रः 1. 127. 13. आग्नेयादपि वारुणात् 13. 14. 127. आग्नेयानि च सर्वाणि 1.25.10. आग्नेयान्मालवानपि 3. APT. 21.67 post. आग्नेयान्यत्र क्षिप्तानि 1. 1162*.: pr. आग्नेयान्युत सन्तीह 1. 132.9. आग्नेयी नेत्रकपिला 13. App.91 143pr. आग्नेयेनार्जुनः संख्ये 3.231. T". आग्नेयेनासृजद्वह्नि 1. 125. 10. आघातनी गर्हितैषा पतन्ती 13. 90. 41". आघातभर्त्सनसहाः 13. App. 15. 2017 pr. आघातवधबन्धैश्च 13. App. 15. 1838 pr. आघातस्थानमुत्तमम् 12.58. 21". आघातान्सर्वदा सहन् 13. App. 15. 2036 post. आधारावाज्यभागी च 14. App. 4. 2762 pr. आघोषितं च नगरं 3. 16. 124. आघ्रातव्यः प्रयत्नतः 13. App. 20.245 post. आघ्रातश्व तथा मूनि 7. 102.53. आघ्रातं भक्षयेदपि 13.502*. 1 post. आघ्रायन्ती धूमगन्धं 1.52. 11 pr. आघ्राय बहवो रणे 6. 67.34'. आघ्राय मानुषं गन्धं 1. 139. 4. आघ्राय मुदमन्वगात् 1. 513*. 13 post. आघ्राय सुबहुनान्धान 14. 30.90. आचकर्षतुरन्योन्यं 1. 1878*. 2 post. आचक्रमुश्च पन्यानं 5. 394*.2 pr. आचक्षध्वं च भीष्माय 1. 122. 200. आचक्षध्वं जयं मम 4. 62. 11. आचक्षध्वं पुरं गत्वा 4. 32. 48. आचक्षध्वं यथावन्मे 1. 45. 18. आचक्षध्वं विजयं पार्थिवस्य 4. 1057*. 2. आचक्षाणाः परस्परम् 12.81.31. आचक्षाणाः परंतपाः 4.5.29. आचक्षाणोऽऽत्मनः क्रियाम् 8. 28. 334. आचक्षाणो मुहुर्मुहुः 8. 28. 45. आचक्षीत युधिष्टिर 12.83.20. आचक्षीथा यथातथम् 5. 29.5143; 31. 3. आचक्षीथाः परान्मम 5. 52.20. आचक्षीथाः संजय मामरोगम् 5. 30. 144. आचक्षीथाः संजय राजमध्ये 5.29.29. आचक्षीरंश्च नो ज्ञात्वा 3. 36. 30deg. आ चक्षुर्विषयाच्चैनं 14.52.2. आचक्षेतां तु कृष्णस्य 5.92.80. आचक्षे ते प्रियं पार्थ 8. 43. 51". आचक्षे ते महाप्राज्ञ 1.73. 260. आचक्षे ते महाराज 6. 104. 264. आचक्षेथाः सर्वमिदं 9. 28.51". आचक्षे वो दानवा बालिशाः स्थ 1.71.07. आचक्षेऽहं मनुष्येभ्यः 12. 288. 31". आचक्ष्व कृष्ण सौभद्र 14. 60. 4. आचश्व तत्त्वं मम शीघ्रमङ्गने 4. 620*.22. आचक्ष्व तद्धि नः सर्वं 7. 61. 474. आचश्व तन्मे द्विपदां वरिष्ठ 1. 1891*. 4. आचश्व पृतराष्ट्राय 5, 161*. 1 pr. आचश्व न हि नो ब्रह्मन् 3.84. 200. आचच नः कर्मफलं महर्षे 12. 148. 29. आचश्व परिशेषेण 4. 16. 13. आचव पाण्डवेयानां 8. 1. 46. आचश्व बन्धूंश्च पतिं कुलं च 3. 249.5. आचश्व भगवन्नेतत् 8. 49. 334. आचक्ष्व भद्रे भर्तुस्त्वं 1. 44. 80. आचश्व मम तत्सव 1. 142. 4. आचश्व मां धृतराष्ट्राय द्वाःस्थ 5. 32. 34. आचक्ष्व मां सुखिनं काल्यमस्मै 5.32.5". आचश्व मे का च कुतश्च शोभना 4. 13.7. आचश्च मे चारुसर्वाङ्गि सर्व 3. 184. 2. आचश्च मे तत्त्वममित्रकर्शन 4. 9. 6. आचच मे तविज यावदेतान् 14.9. 3. आचक्ष्व मे तं परमं विशोकं 3. 184. 21. आचश्व मेऽद्य संग्रामं 14. 60. 30%. आचश्व मे पृच्छतश्चारुरूपे 3. 184. 12. आचश्च मे महाबाहो 11. 26. 11: आचश्व मे महायुद्धं 6. 111.2". आचश्व मे यथातत्त्वं 6.9. 1. 13. 673*.2 pr. आचध मे विस्तरेण 6. 11. 2. आचश्व मे संशयात्प्रब्रवीमि 1. 85.1:. आचश्व यद्धृतं द्रव्यं 3. 57. I. आचश्व वित्तं कौन्तेय 2. 58. 12, 26deg. आचश्व विषयं राजन् 14. 32. 3. आचक्ष्व सर्वं यावदेषोऽनुयुते 5. 65.9". आचक्ष्वानवशेषतः 5. 156. 3. आचख्यावात्मनो नाम 1. 1341*. 8 pr. आचख्याविति तद्युद्धं 7.11232. आचख्युनिहतं चैव 3. 283. 3. आचख्युस्तस्य संहृष्टाः 4. 63.6%. आचख्युस्ते तस्य राज्ञः प्रतीताः 2. 51. 194. -304
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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