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________________ आख्याहि तत्त्वमखिलं] महाभारतस्थ [ आगतं फाल्गुनं राजन् आख्याहि तत्वमखिलं 9.51. 2. आख्याहि भगवन्मम 14. App. 4. 2750 post. आख्याहि मुनिसत्तम 13. App. 11. 30 post. आख्याहि मे को भवानुग्ररूपः 6. 33. 31". आख्याहि मे वित्तरतः 9. 34.4. आख्येयं गुरवे पुनः 12. 234. 214 आख्येयं तस्य सद्वृत्तं 16. 7. 14". आगच्छ गरुडेत्येव 12. App. 17C. 134 pr. आगच्छ गरुडेत्येवं 12. App. 17C. 106 pr. आगच्छ गौतमेत्येवं 12. 437*.2 pr. आगच्छच्च पुनर्माग 9. 41. 39. आगच्छज्वलितो बाणः 3. App. 14. 68 pr. आगच्छत प्रहरत 7. 88. 363; 100. 130. आगच्छत महाबाहः 9.31.7'. आगच्छतस्तान्विशिखैरनेकैः 8. 1067*. 3. आगच्छतस्तान्समरे 6. 106. 23*. आगच्छतस्तान्सहसा 7.90.703; 110.31*3; 111. 19%%3 159.94 आगच्छता महाराज 8.30.52". आगच्छतु शची मह्यं 5. 11. 15. आगच्छतोऽतिक्रुद्धस्य 12.397*.6 pr. आगच्छतो महीपालान् 3.51. 17. आगच्छतो हि ते विप्र 14.57. 15. आगच्छत्परमं दुःखम् 1. 1135*.2 pr. आगच्छत्पाण्डवेयस्य 2.31. 14. आगच्छत्यक्षयावहाम् 13. 16. 424. आगच्छ त्वं वृकोदर 17. 2. 17. आगच्छत्स्वथ कृष्णोऽपि 12. 53. 19". आगच्छदर्जुनः प्रीतः 3. 832*. 8 pr. आगच्छद्राह्मणः कश्चित् 14. 16. 14. आगच्छद्राक्षसाधमः 3. 13. 89". आगच्छद्रोहिणीसुतः 9. 36. 10. आगच्छध्वं नृपतयः 14. 148*. 1 pr. आगच्छ नरशार्दूल 18. 3. 16. आगच्छन्तमपश्यद्वै 14. 103*. 1 pr. बागच्छन्तं तु तं दृष्ट्वा 2. 397*. 1 pr. आगच्छन्ति ततस्ततः 5.5. 17. आगच्छन्ति निवर्तन्ति 12.563*. Gpr. आगच्छन्ति महाराज 6. 13. अ. आगच्छन्ति यथाकालं 12. 290. 93. आगच्छन्ती यदृच्छया 3. 116.64. आगच्छन्तु गमिष्यन्त्या 1. App. 115, 60 pr. आगच्छन्तु पुनर्वृतं 2. 66.24". आगच्छन्तु विनेष्यामः 5. 44. 19. आगच्छन्नेकचक्रां ते 1. 1674*. 10 pr. आगच्छन्परमो वायुः 12. 150. 250. आगच्छन्पुङ्खसंश्लिष्टाः 4.59. 31. आगच्छन्भीमधन्धानं 4. 56. 180. आगच्छन्मानुष लोकं 2.11.1". आगच्छमानांस्तान्दृष्ट्वा 8. 39. 264. आगच्छमानांस्तान्संख्ये 8. 42.50. आगच्छमाश्रमं क्रीडन् 13. 14. 76%. आगच्छ राजन्पुरतोऽहं गमिष्ये 1. 189. 136. आगच्छावेह रत्यर्थ 3. 213. 17. आगच्छेति च मामुक्त्वा 12. App. 17C. 101 pr. आगच्छेत्त्वां महाबाहो 9.344*. 1 pr. आगच्छेथा महाराज 14.75. 250. आगच्छेथा विशां पते 5. 180. 16. आगच्छेथाः शरणं दानवघ्न 14.9. 364. आगच्छेथाः सभार्यश्च 13. 53. 63. आगच्छेयमहं द्यूतं 3. 14. 20. आगच्छेयं तथैव च 3. 287.8%. आगच्छेयं सुदुर्मते 14.78.7". आगच्छेवुर्मया सह 17. 3. 3. आगच्छेयुश्च ते मोहात् 3. 36*. 2 pr. आगतश्च यदृच्छया 13. 599*. 1 post. आगतश्च स्थितो बभौ 3. App. 16. 42 post. आगतस्तु गृहद्वारि 1. 1886*. 2 pr. आगतस्तु पुनस्तत्र 1. 2029*. 1 pr. आगतस्त्वरमाणस्तु 6. 484*. 1 pr. आगतस्त्वां महाबाहो 3. 469*. 1 pr. आगतस्य गृहे त्यागः 1. 149. 100. आगतं कृतनिश्चयम् 4.863*.2 post. आगतं तं शुचिस्मिते 3. 262. 24. आगतं तु पतिं दृष्ट्वा 13. App. 15. 4543 pr. आगतं तु भयं दृष्ट्वा 1. App. 81. 166 pr. 12. 138. 33. आगतं देवसत्तमौ 4. App. 37.6 post. आगतं नृपति दिवः 15. 43.7. आगतं नो मित्रबलं 12. 101. 46". आगतं पशुभर्तारं 12. App. 28. 38 pr. आगतं पाकशासनिम् 4.837*. 1 post. आगतं पाण्डवं तत्र 2. App. 15. 44 pr. आगतं पाण्डुनन्दनः 2. 311*. 11 post. ; App. 15. 99 post. आगतं प्रतियोत्स्यामि 3. 60*. 1 pr. आगतं फाल्गुनं राजन् 4.857*. 1 pr. -300 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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