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________________ अस्पृहः सर्वकामेभ्यः] महाभारतस्थ [अस्माकं च हितैषिणाम् अस्पृहः सर्वकामेभ्यः 12. 679*.3pr. अस्पृहाथै परार्थता 12. 301. 20. अस्मच्छा गभिवातेन 12. 324. 15. अस्मन्छापेन वासवीम् 1. App. 36. 37 post. अस्मच्छुश्रूषणे नित्यं 1. 14.4. अस्मत्कुले महाराजः 3. App. 25. 40 pr. अस्मत्कृते च सततं 5. 81. 40". अस्मत्कृते त्वया कृष्ण 9. 383*. 1 pr. अमत्तस्तदुपादाय 10. 12. 150. अस्मत्तस्ते भयं नास्ति 12.920. 115. अस्मत्तः पुत्र सर्वथा 1. 37. 27t. अस्मत्तेजोवलं यावत् 8. 24.50d. अस्मत्तोऽपि गृहाग त्वं 3. 161. 16. अस्मत्तोऽभ्यधिकं कर्ण 8.23.2:20. अस्मत्पक्षनिमित्तं ते 12, 820*. 1 pr. अस्मत्यक्षो महान्यावत् 1. 191. 120. अस्मसरोक्षं कर्माणि 7.77.384. अस्पत्योपणजा चिन्ता 3. 2. 10*. अस्मत्प्रणेयो राजेति 12. 56. 59. अस्मत्प्रद्वेषसंयुक्तः 12.7.28. अस्मत्प्रमुक्तैर्विशिखैर्जितारिः 3. 120.21. अस्मत्प्रियचिकी मिः 7. 89. 10. अस्मत्प्रियहिताय 3. 90.21. अस्मत्प्रियहिते युक्ता 12. 1. 17deg. अस्मत्रियहिते रतः 8. 23. 11'. अस्मस्त्रियार्थं देवेश 9. 43. 44. अस्मत्त्रीतिकरं नृपम् 4.500*. 2 post. अस्मत्त्यक्तानि वेश्मानि 2. App. 11. 43 pr. अस्मत्संभावना कुता 2. 13. 32. अस्मत्संस्था च पृथिवी 5.51. 21". अस्मत्स्नेहानुकम्पया 3. 1. 32. अस्मदन्यतमेनेह 2.21.2. अस्मदर्थं च राजेन्द्र 7. 85.586. अस्मदर्थे कृने कार्य 14. 22. 26. अस्मदर्थे भवेद्वायं 3.69. 4. अस्मदर्थेषु नियदा 14. 22. 21. अस्मदीया मया रक्ष्याः 7. App. 14. 3 pr. अस्मदीयाश्च बहवः 8.23. 10. अस्मदीयैश्च शोचद्भिः 5. 132. 31". अस्मदीयो भवेद्रोण: 1. App. 84. 14 pr. अस्मद्गमनसंयुक्तं 14.15.25. अस्मद्गुरुकटाक्षेण 1. 100*.pr. अस्मद्गुरुररोषणः 4. App. 7.5 post. अस्महारांश्च सर्वशः 3. App. 23.21 post. अस्महर्मत्रितं तस्मै 3. 238. 5. अस्मद्वितमनुष्ठातुं 5. 76.89. अरमद्वितमिदं वाक्यं 5.21. 1903; 124*. 1 pr. अस्मद्भक्त्या च ते श्रुतः 12.391.43d. अस्मद्युद्धाय चोद्यतम् 8. 46.71. अस्मद्राष्ट्रे यथा गङ्गा 2. App. 15. 41 pr. अस्मद्रोण[ह] परायणाः 7. App. 7. 11 post. अस्मद्वेषेण संतप्तः 12.7*.1 pr. अस्मद्वधार्थ चिक्षेप 7. 156. 80. अस्मद्वधार्य निश्चित्य 5. 189. 4. अस्मद्वंशकरः श्रीमान् 13. 4. 26deg. अस्मद्वाक्षात्कुशलं तात पृच्छेः 5. 30. 424. अस्मद्वाक्यात्परिष्वज्य 10. 9. 450. अस्मद्विजयकामानां 7. 125. 136. अम्मद्विधः प्रवर्तेत 8. 23. 25. अस्मद्विधानामपरेषां च राजन् 3. 190. 624. अस्मद्विधेपु सिद्धेषु 1. 36. 25. अस्मद्विषयसुतेभ्यः 1. 130. 9. अस्मन् पूर्तिश्चतुर्थी या 12.326. 684. अस्माकमनुकम्पार्थ 12.29E. 208 pr. अस्माकमनुरूपो वै 1. 174. 14. अस्माकमपि ते जन्म 1. 113. 23". अस्माकमपि पुत्रो वा 13. 62. 20deg. अस्माकमपि रक्षणे 1. 205. 15. अस्माकमपि वा पुनः 3.33. 43. अस्माकमपि वार्ष्णेय 5. 78.84. अस्माकममरोत्तम 1. 21.84. अस्माकमयमाराम्भात् 2. App. 26. 8 pr. अस्माकमरिमर्दनः 4. 876*. 1 post. अस्माकमीप्सितं भद्रे 3. 123. 186. अमाकमेकीभूतानां 14. App. 4. 3079 pr. अस्माकं कालमासाद्य 1. App. 84.7 pr. अस्माकं कुरुपाण्डुषु 5. 5. 3. अस्माकं कुरु साहाय्यं 3. 51. 29deg. अस्माकं खल्विमे लोकाः 5.35.7. अस्माकं गमनं व्यक्तं 7.86, 18". अस्माकं घन्तु मामकाः 8.31.35d. अस्माकं च तथा सैन्यं 6. 15.50. अस्माकं च प्रियोऽतिथिः 15. 45. 44. अस्माकं च महाराज 7. 1261*. 1 pr. अस्माकं च यशस्करम् 7. 16. 15. अस्माकं च हितैषिणाम् 5. 136. 24. - 272 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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