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________________ असुरेन्द्रं महाप्राज्ञं ] श्लोकपादसूची [ असृजलक्ष्मणायाष्टौ असुरेन्द्र महाप्राज्ञं 3. 29. 26. भसुरेन्द्रान्सुरा भृशम् 13. 14.55t. असुरेभ्य इवारिहा 3. 34. 42. असुरेभ्यो भयं नास्ति 3. App. 16. 109 pr. असुरेन्ववसं पूर्व 12. 221. 260. असुररिपुभिर्विद्वौ 13. 111.5. असुरैरुरगैश्च यः 5. 128. 38. असुरैनित्यमुदितैः 3. 170. 4. असुरैनिर्जिता देवाः 13. 140. 20. असुरैर्बहुभितम् 2. App. 21. 1558 post. असुरैर्वध्यमानं तत् 3.221. 370. असुरैर्वध्यमानास्ते 13. 141. 4". असुरर्हन्यमाने च 1.72. 10. असुरैः सुरायां भवतोऽस्मि दत्तः 1 71. 43". असुरोरगरक्षांसि 3. 105. 21. असुरौ मधुकैटभौ 9. 48. 21. असुर्या नाम ते लोकाः 13. 76. 5. असुलभमुपलभ्य चार्थलाभं 12. 476*. 1. असुहृत्समुपेतो वा 12. 116. 5. असुहृत्सर्वभूतानां 13. 172*. 3 pr. असुहृत्ससुढचापि 12. 461*. 1s pr. असूक्ष्मदृष्टयो मन्दाः 11. 26*. 9 pr. असूत कुरुसत्तमौ 1. 117. 24. असूत तं भवत्यग्रे 11.27. 16. असूत पुत्रान्कुन्ती च 1. 1274*.5pr. असूता वा प्रसूता वा 13. App. TA. 120 pr. असूनिव विचिन्वन्तः 6. 80. 4. असूनृतानां शत्रूणां 2. App. 38. 63 pr. असूयकमधार्मिकम् 5. 38.32. असूयकः कुत्सितश्च 13.548*. 1 pr. असूयको दन्दशूकः 5. 35.54". असूयको नरश्चापि 13. 112.596. असूयत महाभागा 1 60. 34. अपूयतश्च शक्रस्य 7. 1461*. 1 pr. 13. 145. 310. असूयता कृतस्येह 13. App. 10. 153 pr. असूयता च यहत्तं 13. 90. 14". असूयति च मां मूढः 12. App. 17C. 38 pr. असूयन्ति हि राजानः 4. 4. 134. असूयवस्त्वधर्मिष्टाः 13. 15. 17. असूया चानवेक्षिता 12.221. 47. असूया चानलूया च 12. 121. 314. असूया जायते तीव्रा 12. 157. 16. असूयामपवादांश्च 13. App. 15. 3052 pr. असूयामि निरर्थकम् 13. 118. 234. असूयाळुईम्भरः 14. App. 4. 2418A 1 pr. असूया हि त्वां प्रसहेत राजन् 5. 65.6'. असूयां पाण्डुपुत्रे 9.69.48. अथितारं वक्तारं 2. 68. 34. असूयिष्यामि कं कथम् 12. 222. 18. असूयैकपदं मृत्युः 5. 40. 4". असूर्यमिव सूर्येण 2. 30. 156; 33. 2903; App. 18. 20 pr. अचूर्या निलः स्मृतः 12.780*. 1 post. असूर्ये च भवेल्लूर्यः 3. 218.11". अराक्क्षरन्तौ धनदेन्द्रकल्पौ 8. 12.66. असृक्सित्ते धरातले 7. App. 16.54 post. अमृद्धिग्धो विधवलोहितास्यः 8.917*. 1. अमृग्यसापिशितसराद्धकर्दसम् 7. App. 17. 30. असृङाजा च यत्किंचित् 12. 694*. 1 pr. अमृल्ह्यांसवसाभिश्च 8.911*.3 pr. असृजच्छरवर्षज 8. 66. 49. असृजत्तपसा विभुः 12. 28. 15. अमृजत्लहवान्पुच्छात् 1. 165.30. असृजत्याण्टुनन्दनः 7. 112.314. असत्पातं प्रति 7.6.40. अस्सृजत्पावकोपमान 8. 66. 46. असृजत्पुरुपं प्रभुः 12.483*. + post. असृजत्पूर्वमीश्वरः 12. App. 2. 37 post. असृजत्स तदा लोकान् 12. 331. 30. असृजत्सर्वभूतात्मा 12.545*. 4 pr. असृजत्सर्वभूतानि 14. 18.27. अस्मृर्वशास्त्राणि 1. App 66. + pr. 12. App. 13. 4 pr. असृजत्सलिलं पूर्व 2. App. 21. 46 pr. असृजत्स ह यज्ञार्थ 13.48.3. असजदण्डनीतिः सा 12. 122.25. असृजद्देवरूपिणीम् 1.203.134. असृजद्देवसत्तमः 12.122.24. असृजद्धि, प्रजा राजन् 12. 12. 19. असूजहाहाणानेव 12. 181.1". [अमृजभूतानि पञ्चधा 12.299.9. असृजयस्तु भूतादीन 14.21*. 11 pr. असृजद्विविधाः प्रजा. 2. App. 21. 132 post. असृजद्विशिखांस्तीक्ष्णान् 7. 101. 19". असृजवृत्तिमेवाने 13. 76. 11. असृजन्सुमहद्भुतं 12. 91. 11. असृजलक्ष्मणश्चाष्टी 3. 1293*2 pr. असृजल्लक्ष्मणायाष्टा 3. 273. 20. पादसूची-34 - 265 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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