SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 260
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अश्वहर्तारमेव च महाभारतस्थ [ अश्वांश्चतुर्भिश्चतुरः प्रसह्य अश्वहारमेव च 3. 105.134. अश्वं च तं परामृश्य 14.76. 30. अश्वागारानाजागारान् 12.69.52. अश्वाजघान समरे 6.50.20%. अश्वाजधान सहसा 7. 158.42 अश्वाञ्जाम्बूनदै जालैः 6.75. 3. अश्वाञ्जिज्ञासमानो वै 3. 318*. 1 pr. अश्वातकैविकणैश्च 6. 17. 15. अश्वानग्र्यान्पाण्डुराभ्रप्रकाशान् 7. 2. 26". अश्वानन्ये गजानन्ये 9. 18. s". अश्वानपि च भूषितान् 7.56. 31". अश्वानश्वप्रयायिनः 9. 16. 4. अश्वानश्वैर्गान्गजैः 6. 169*. 1 post. अश्वानश्वैश्च संमद्य 6. 394*. 1 pr. अश्वानष्टभिरईयत् 7. 108.37. अश्वानस्य व्यपोथयत् 4. 32.284. अश्वानस्यावधीभोजः 7. 47. 320. अश्वानामपि गालब 5. 11:.. अश्वानामयुतेनैव 7. 60. . अश्वानामस्मि रक्षिता 4.21*.pust. अश्वानामिति चाण्डजः 5. 113. 16. अश्वा नाश्वरयुध्यन्त 6. 113. 30. अश्वानां कान्तिार्थानां 5. 117. 11. अश्वानां कुञ्जराणां च 6.66. 16". अश्वानां च प्रकीर्णकैः 7. 123. 374. अश्वानां च युगापीडान् 8. 100*. 1 pr. अश्वानां च सहस्रे द्वे 2. 48. 26. 8. 381*. 2 pr. अश्वानां चाप्यलंकारं 8. App. 2. GG pr. अश्वानां तु सहस्त्रे द्वे 4.672*. 3 pr. अश्वानां प्रकृति वेद्मि 4. 11.7". अश्वानां भरतर्षभ 9. 2.9.29. अश्वानां रेणुकपिलैः 6. 92.70%. अश्वानां वाहने युक्तः 3.64.2 अश्वानां शीघ्रगामिनाम् 10. 13. 9. अश्वानां शीघ्रसारिणाम् 9. 22. 70'. अश्वानां श्यामकर्णानां 13. 9.6. अश्वानां स्तनतां शब्दः 4.874.pr. अश्वानां स्याद्गतं न च 1. 829*. Tust. अश्वानां स्वनतां शब्दः 4. 800*.Gpr. अश्वानां हेममालिनाम् 2. 476*. 1 post. अश्वानां हेषमाणानां 10. 1. 61". अश्वानां हेषितं श्रुत्वा 4. 42. 230. अश्वानृश्यसवर्णास्तु 7. 107.26. अश्वान्कनकभूषणान् 8.59.26. अश्वान्गाश्चैव दासीश्च 12. 12.280. अश्वान्मनोजवांश्चास्य 6.75. 47". अश्वान्रक्ष्यत्यनुक्रमः 5. 34. 38. अश्वान्रथान्यत्तिगणान्द्विपांश्च 8.55.. अश्वानराजन्मनुष्यांश्च 9.12.48. अश्वान्दै चतुरो राजन् 6.79.4. अश्वान्व्यद्रावयद्वाणैः 7. 93.28. अश्वारोहवरांश्चापि 6.50. 5. अश्वारोहा गजारोहा: 12. 77.54 अश्वारोहान्यरारिहा 8. 35. 36. अश्वारोहान्हतैरश्वैः 6. 99. 294. अश्वारोहान्हयानपि 8. 15.9. अश्वारोहा महाराज 8.59. 14. अश्वारोहाश्च पत्तिभिः 8. 8. 10. अश्वारोहाश्च सादिभिः 7.72. 19. अश्वारोहास्तु पाण्तूनां 9. 22.574. अश्वारोहास्तु संरब्धाः 9. 22. 396. अश्वारोहांश्च मारिष 8.59.254. अश्वारोहाः पदाताश्च 12. 121.44. अश्वारोहाः समासाद्य 8.16.36.. अश्वारोहगतासुभिः 9.22.69%. अश्वारोहेर्हताः शूराः 8. 16. 34. अश्वारोहैश्च समरे 6. 141*. 1 pr. अश्वारोहैः पढ़ाताश्च 8. 8. 10. अश्वारोहैः सहस्रशः 8. 123. 1 post. अश्वाश्च कामगास्तस्य 7. App. 5. 18pr. अश्वाश्च पर्यधावन्त 6.66.11.8.59. 10. अश्वाश्च वेदाश्चत्वारः 8.261*.1pr. अश्वाश्च सादिनचव 6.296*.pr. अश्वाचा हाजाश्चैव 2. App. 39. 253 pr. अश्वाश्वाश्रममासाद्य 5. 115. 16. अश्वाश्चाश्वैः सहस्रशः 8. 16. 324. अश्वाश्वतरगर्दभाः 12. 711*. 1 post. अश्वाश्वतरसंघांश्च 4. 17. 136. अश्वाम्तरपरिस्तोमान् 8. 14. 48. अश्वान्तरपरिस्तोमैः 6.92.72. अश्वा ह्येते महाबाहो 4. 760*. I pr. अश्वांश्च चतुरः श्वेतान् 7. 12. 61; 816.3 pr. अश्वांश्च चतुरो भलैः 7. 11.04. अश्वांश्च चतुरो हत्या 9. 112*. 2 Pr. अश्वांश्चतुर्भियरधीत् 7.1. I pr. अश्वांश्चतुर्भिश्चरः प्रसह्य 7. 115. 10t.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy