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________________ भश्रुभिभूमिमुक्षन्ती] महाभारतस्थ [ अश्वत्थामा कृपो द्रोणः अश्रुभिर्भूमिमुक्षन्ती 1. App. 55. 45 pr. अश्रुभिः सिषिचे पुनः 1. 127. 44. अश्रुभिः स्नापयन्तीं तां 1.734*. 1 pr. अश्रुलालाम्बुभिः सिक्तं 11. 46*. 3 pr. अश्रु वै नापतत्तदा 3. 28.". अश्रूणि च ब्यमुञ्चन्त 8. 26. 37. अश्रूणि मुमुचुर्नागाः 9. 22. 22. अश्रूण्यावर्तयन्ती च 3. 10. 14. अश्रून पातयेत्तत्र 13. App. 15.3538 pr. अश्रूयत धतुर्घोषः 7. 150. 18. अश्रूयत महाशब्दः 8. 19. 276. अश्रूयत महाराज 6. 18. 103; 88.26. 7. 104. 326. अश्रूयत यथा काले 9.8.36. अश्रूयतानिशं शब्दः 1. 48. 13. अश्रूयन्त ततो वाचः 8. App. 6.5 pr. अधूपन्त तदा राजन् 2. App. 28. 105 pr. अश्रूयन्त मनोहराः 3. 164. 94. अश्रूयन्त शुनां शब्दाः 16. 13*. 1 pr. अश्रूयन्त हि नामानि 7. 147. 354. अश्रेयस्कावुभावेतौ 3. 2. 28. अश्रोत्रिया ये च वसन्ति वृद्धाः 5. 150*. 1. अश्रोत्रियाः सर्व एव 12. 77.74. अश्रोत्रिये मृतं दानं 12.37.31. अश्रौषमहमिष्टार्थाम् 5.58. 17. अश्रौषमहमूरुस्थः 1. 171.54. अश्रौषमहमेतद्वै 8. 5. 62". अश्रौषं जल्पतो मुहुः 7. 110.20. अश्रौषं तव जल्पतः 6.79.1". अश्रौषं त्वां व्यसनिनं 3. 14. 15. अश्रौषं निहतान्पुत्रान् 8. 22. 22". अश्रौषं प्रच्युतश्चाई 13. 69. 250. अश्रौषं बहुशो राजन् 8. 40. 117. अश्रौषं सततं तात 6.58.5deg. अश्रौषीत्परुषा वाचः 5. 135, 17. अश्रौषीत्सव्यसाचिनम् 3. 78. 18. अश्रौषीरसितस्यापि 2. 69. 136. अश्रौषीस्त्वं राजधर्मान् 3. 36. 20. अश्रौष्म विपुलं ध्वनिम् 12. 323. 37. अश्लाघमाना ज्ञानेन 13. App. 15. 1726 pr. अश्लाघ्योऽयं नरपतिः 5. App. 10. 16 pr. अश्लिष्टमसमञ्जसम् 7. 49.9". अश्लीलं वा कदाचन 12. 330. 10. अश्वकर्णेश्च शोभिताम् 2. App. 15. 14 post. अश्वकिंपुरुषाकीर्ण 7. 170.2". अश्वकेतुमपातयत् 7. 47.7t. अश्वक्रन्देन वीरेण 1. 28. 186. अश्वग्रहणकाङ्गिणः 3. 106. 11. अश्वग्रीव इति ख्यातः 1. 61. 184. अश्वग्रीवमहायाता 4. 1007*. 3 pr. अश्वग्रीवश्च सूक्ष्मश्च 1. 59. 24. अश्वग्रीवः कर्मशीलो महात्मा 12. 25. 25deg. अश्वग्रीवः पुलोमा च 12. 220. 49. अश्वतीर्थ तदद्यापि 13. 4. 17. अश्वतीर्थे हयाललब्ध्वा 5. 117.6. अश्वत्थदर्शनं चैव 14. App. 4. 3128 pr. अश्वत्थदर्शने चैव 14. App. 4. 3125 pr. अश्वत्थपत्रं गिरिराजमूर्ति 1. 189. 221. अश्वत्थफलभक्षाश्च 13. 83*. 1 pr. अश्वत्थमेनं सुविरू ढमूलं 6. 37. 3. अश्वत्थश्चापि तत्र वै 14. App. 4. 3132 post. अश्वत्थस्थोऽग्निरित्येवं 13. 84. 33. अश्वत्थं देवसंश्रयम् 13. App. 3A. 173 post. अश्वत्थं प्राहुरव्ययम् 6. 37. 1. अश्वत्थं रोचनां गां च 13. App. 14. 179 pr. अश्वत्थः क्षत्रियस्य तु 13. 211*. 1 post. अश्वत्थः सर्ववृक्षाणां 6. 32. 26". अश्वत्थान्क्षीरिणस्तथा 3. 155. 49". अश्वत्थानिःसृतश्चाग्निः 13. 84. 384. अश्वत्थामन्गुरोः पुत्र 4. App. 42.25pr. अश्वत्थामन्पुनः शीघ्रं 7. 171. 25". अश्वत्थामन्प्रसीदस्व 7. 134.69,754. अश्वत्थामस्थिरो भूत्वा 8. 12. 236. अश्वत्थामपुरोगमाः 7. 33. 19. अश्वत्थामपुरोगमैः 11. 10. 10". अश्वत्थाममयं लोकं 7. 135. 12. अश्वत्थामरथं प्रति 4. App. 52. 38 post. BAPP.52. 38(subst.)2 post. अश्वत्थामस्त्वरायुक्तः 7. 1152*. 1 pr. अश्वत्थामा किमब्रवीत् 7. 166. 14, 34, 134, 154. अश्वत्थामा कुरूणां च 8. 31. 224. अश्वत्थामा कृतवर्मा 8.51.50%; 56.05. अश्वत्थामा कृपश्चैव 5. 141. 300. 6. 47. 19%852.4"; 71. 15.7. 120.8, 40.9.5.2% 24. 36%, bh; 26. 18% 64.2% 361*. 1 pr. 10. 9.6. अश्वत्थामा कृपस्तथा 4.863*. 1 post. अश्वत्थामा कृपो द्रोणः 2.31.8.7.61.27. -248 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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