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________________ अलं योग्याकृतं वेगम् ] महाभारतस्थ [अलेपत्वं यथा भवेत् अलं योग्याकृतं वेगम् 1. 1415*. 3 pr. अलं वा चीरवल्कलम् 1. App. 14. Spost. अलं विजेतुं किमु मानुधान्नृपान् 1. 1862*. 9. अलं विजेतुं समरे सुतस्ते 4.63. 16. अलं विज्ञापनाय स्यात् 5. 31. 3. अलं विरोधेन धिगस्तु विग्रहम् 8. 64. 200. अलं विहितुं ह्येषः 8. 633*. 3 pr. अलं वैरेण ते राजन् 11. 1. 14. अलं वै व्यपदेदोन 3. App. 14. 39 pr. अलंस तेषां सर्वेषां 3. 84. 11". अलं सन्तस्तितिक्षितुम् 12. 218. 271. अलं सन्तः सुखाय वै 12. App. 21. 6 post. अलं समतितम् 1. 171. 13t. अलं साहसमित्युत 1. 1415*.3 post. अलं स्थित्वा श्मशानेऽस्मिन् 12. 149. 87. अलातचक्रप्रतिमं 4. App. 49. 14 pr. 7. 95.250; App. 24. +7 pr. अलातचक्रप्रतिमं महात्मनः 8.664*.jpr. अलातचक्रवञ्चैव 7. 91. 11. अलातचक्रवत्सर्वान् 1. App. 78. 34 pr. 7. 38.6%. अलातचक्रवत्संख्ये 7.44, 23. अलातचक्रवत्सैन्यं 8.59.31. अलालचक्रवद्राजन् 6.55.21". 7. 6. 42. 14.76. 30deg. अलातमिव चाविद्धं 9. 3. 20. अलातसहसप्रभम् 6. 45. 16. अलातं तिकस्येव 5. 131. 136. अलाताक्षी वीर्यवती 9.45.8. अलातोल्काशनिप्रख्याः 8.58. 15. अलाबुपात्रे च तथा 7. App. 8. 805 pr. अलाबुमध्यान्निकृष्य 3. 101.20%. अलाभश्चाप्यरतस्य 12. 308. 69. अलाभात्पुरुषाणां हि 13. 38. 234. अलाभेन तथाश्वस्य 3. 106. 18. भलाभे न विहन्येत 12.269. 10. अलाभेनेह कामानां 13. App. 15. 4003 pr. अलाभे ब्राह्मणस्त्रीणां 3.213. 49. भलामे ब्राह्मणस्थाग्नौ 13. 100. 14. अलामे यदि वा लाभे 1. 1161*. 1 pr. अलाभे यो गां दद्यात् 13. 70. 360; 72. 350. अलाभे सति वा लाभे 12. 10*. 1 pr. अलामे सप्त पूरयन् 1. 110, 134. 12.0.21". अलायुधरथं प्रति 7. 152. 184. अलायुधविषक्तं तु 7. 154.3". अलायुधस्तु तानस्तान् 7. 152. 26deg. अलायुधस्तु संक्रुद्धः 7. 153. 11". अलायुधस्य चैवोग्रं 7. 1237*. 1 pr. अलायुधस्य तु शिरः 7. 153. 360. अलायुधस्य योधांस्तु 7. 153.54. अलायुधं राक्षसेन्द्रं 7. 152. 30, 80. अलायुधः परसैन्यावमर्दी 7. 155. 30%. अलायुधेन समरे 7. 152. 17. अलायुधोऽद्रवचूर्ण 7. 70. 46". अलायुधो राक्षसेन्द्रः 5. 164. 336. 7. 151. 1. 8. 4. ". अलिङ्गग्रहणं च यत् 13. App. 3A,506 post. अलिङ्गग्रहणा स्मृता 14. 46. 48'. अलिङ्गग्रहणो नित्यः 14. 43. 34. अलिङ्गत्वादसंहितौ 12.210. 10". अलिङ्गत्वान्न दृश्यते 12. 196. 15. अलिङ्गसाध्यं तत्कर्म 12. App. 18. 89 pr. अलिङ्गस्य कथं लिङ्गं 12. App. 18. 81 pr. अलिङ्गा प्रकृतिरिङ्गैः 12. 293. 374. अलिङ्गां प्रकृति वाहुः 12. 292. +20. अलिङ्गो निर्गुणश्चैव 14. 34. 5. अलिङ्गो लिङ्गमात्मानं 12. 292. 450. अलिङ्गौ चाप्युभावपि 12.210.74. अलि अरे जले चैव 3. 185. 13. अलिञ्जरे प्राक्षिपत्सः 3. 185. 11: अलिप्समानस्य तु मे यदुक्तं 1.866*. 1 अलिलस्य महीपतेः 1.589*. 1 post. अलुप्तधर्मस्तं धर्म 16. 8. 284. अलुप्तनियतव्रतः 14. 46.6".. अलुब्धं लब्धसंतुष्टं 12. 118.8. अलुब्धः सत्यवादी च 13. 110.20%. अलुब्धा जितमन्यवः 14. 40.7. अलुब्धानिशक्षितान्दान्तान् 12. 120. 26. अलुब्धान्बुद्धिसंपन्नान् 12.72. 8. अलुब्धा विगतक्रोधाः 3. 149. 52. अलुब्धाश्चात्मतृप्तयः 12.255. 17. अलुब्धाश्चैव कौन्तेयाः 4. 47.7'. अलुब्धाः शुचयो वैद्याः 13. 23. 334. 14. App. t. 2256 pr. अलुब्धेनानृशंसेन 13. APP. 10. 13 pr. अलुब्धैश्चास्य व्यसनिभिः 15. 21*. 1 pr. अलुब्धो न्यायवादी च 13. App. 15. 1332 pr. अलुब्धो मतिमाहीमान् 7. 49.1:. अलेपत्वं यथा भवेत् 13. App. 15.988pest. -220 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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