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________________ अर्ध मे केकया लब्धाः ] श्लोकपादसूची [अलक्ष्मीमपकर्षती अध में केकया लब्धाः 7.23.70. अर्ध राज्यस्य संप्राप्य 1. 199. 256,266. अर्धं हरति वै श्रेष्ठः 2.61. 700. अर्धे हि राज्यस्य विसृज्य वीराः 5.2.24. अर्धासिभिस्तथा खङ्गैः 7. 162. 14". अर्धेन वापि निस्तर्तुम् 1. 41. 10. अर्धनतानि सर्वाणि 13. App. 14. 19 pr. अर्धेनौघवती नाम 13. 2. 83". अर्धोक्ताः कुरुपाञ्चालाः 8. 30. 79. अर्कीदरमुखस्फिजे 2. 16. 35. अग्नतशरीरस्य 9.60.25. अर्पय? समन्ततः 2. App. 39. 190 post. अर्पयित्वा महात्मानं 4.52.7. अर्पिता बुद्धिरुत्तमा 1. 2. 32. अर्बुदं कुजराणां च 2.276*.2 pr. अर्बुदं च नगोत्तमम् 1. App. 115.35 post.. अर्बुदं दशभिर्दिनैः 6. 11, 12d; 15. 114. 8. 4. 44. अर्बुदः शक्रवापी च 2. 19.9. अर्बुदानि दशैकं च 12.226. 23. अर्बुदेन गवां ब्रह्मन् 1. 165. 16. अर्बुदेन गवां यस्त्वं 1. 165. 194. अर्यमा चैव भगवान् 12. 201. 10%. अर्यमा सविता रविः 13. 17. 102". अर्यम्णो ये दिवं गताः 12. App. 4. 17 post. अर्वाक्कालस्य विज्ञाताः 4.25.6". अक्चि प्रतितिष्टन्ति 12. 147. 80. अर्वास्थितस्तु यः स्थायी 12.271. 624 अक्स्रिोतस इत्येते 14. 37. 15. अर्वागूच च पश्यति 12. 187. 136. अर्वागेव हि ते सर्वे 12. 105. 20deg. अगतिरियं कष्टा 14.39*. 1 pr. अर्वानिशीथात्परतः 2. 221*. 4 pr. * अर्वावसुपरासू 3. 135. 136 3 139. 2. 12. 201. 25% ; 323.7deg. 13. App. 18, 63 post. अर्वावसुश्च जानुश्च 5. 388*. 4 pr. अर्वावसुन्तदा सत्रम् 3. 139. 11'. अर्वावसुः सुमित्रश्च 2. 4. 8. अर्हणं तत्कुमारीणां 13. 46. 20. अहणानि ततस्ततः 1. 1. 87. अहंणामहति तथा 2. 34. 5. अर्हणीयतमं भुवि 2. 33. 274. अर्हणीयेन कामैश्च 1. 1370*. 1 pr. अर्हतम्तस्य कृत्यानि 1. 1264*. 3 pr. अहंतामनुरूपाणां 12. 226. 150. अर्हते च भवान्वक्तुं 8. 1224*. 38 pr. अर्हते देवमुख्याय 7. 172. 73. अर्हते पुरुषेन्द्राय 1. 2071*. 8 pr. अर्हते प्रातिवेश्याय 7.51. 34. अर्हते याचमानाय 5. 43. 19. अर्हतोविविधं धनम् 12.226. 186. अर्हत्तमः कुरुपु सौमदत्तिः 5. 30. 21". अर्हत्तमो वै धृतिमान् 13.59.2. अर्हन्तो नित्यसत्त्वस्थाः 13. 58.13%. अर्हन्त्यधं पृथिव्यास्ते 7.61. 31". अर्हमासनमादिश्य 12. 312. 31. अर्हयन्पुरुषव्याघ्र 12.66.24. अर्हयित्वा यथान्यायम् 1. 155. 10. अर्हसि त्वमरिंदम 14. G6. 16". अर्हसे तेजसा स्वेन 12. App. 29E. 260 pr. अर्हसे हर्म्यप्रासादान 1. App. 14. 12 pr. अर्हस्तस्याहमित्येव 3. 30. 49". अर्हस्त्वमसि कल्याण 12. 203. 10. अर्हस्त्वमसि दातुं वै 15. 17. 14. अर्हस्त्वमसि धर्मज्ञ 2.12.20%. अर्हस्त्वं भीम मां द्रष्टुं 12.51. 136. अर्हः पार्थो धनंजयः 5.1.TE". 7.56. 131. अर्हः पूरुरिदं राज्यं 1. 80. 236. अर्हः प्रष्टुं भवांश्चैव 12. 141. 2. अर्हः सत्यवतीं वोढुं 1. 94.72. अनिएपरिज्ञानात् 12. App. 4.62 pr. अन्यूिजयतो नित्यं 12. 146*. 1 pr. अन्युिञ्जीत नित्यशः 13. 100.6". अहामि विदितोऽस्मि ते 5. 162. 23. अयि चैव शुद्धाय 8. 250*. 1 pr. अहाय प्रतिपादयेत् 12. 297. 13". अहेभ्यः प्रतिपादितान् 12. 221. 68. अहोऽयमङ्गराजस्य 1. 1424*.4 pr. अलकायां स कालं तु 1. 838*. 3 pr. अलकाः सह गन्धः 3. 150. 11". अलकैः कुटिलैम्तस्याः 1. App. 98. 18pr. अलक्तं पद्मकं तुझं 12.254.. अलक्षणा विरूपा च 12.217.34. अलक्षितमरिंदम 7. 121. 374. अलक्ष्माणं निशाकरम् 6. 108. 12. अलक्ष्मीपरिहाराय 13. 333*. 2 pr. अलक्ष्मीमपकर्पती 1. 928*. 1 post. पादसूची-28 - 217
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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